संभल: चंदौसी में एआर कोल्ड स्टोर की छत गिरने से 14 मजदूरों की मौत, डीएचओ निलंबित
मृतक रोहताश के पिता भूरे की तहरीर पर पुलिस ने की यह कार्रवाई
सीएम-पीएम से परिजनों को मिलेंगे दो-दो लाख
संचालकों पर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, दमकल की टीमें बचाव कार्य में लगी
कबीर बस्ती न्यूज।
संभल: चंदौसी में एआर कोल्ड स्टोर के एक हिस्से की छत गिरने से मलबे में दबे 22 मजदूरों को बाहर निकाला जा चुका है। जिसमें से 14 मजदूरों की मौत हो चुकी है, जबकि 11 मजदूरों का उपचार चला रहा है। 24 घंटे बाद भी एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, दमकल की टीमें बचाव कार्य में लगी हैं। वहीं, इस मामले में में डीएचओ को निलंबित कर दिया गया है।
शुक्रवार दोपहर करीब 12 बजे दो और शव निकाले गए। इनमें मृतकों की पहचान चंदौसी के एतोल निवासी सतीश और शिवपाल के रूप में हुई है। डीआईजी शलभ माथुर ने बताया कि बचाव कार्य जारी है। दो अन्य मृतक गांव बझेड़ा निवासी सोमपाल सिंह पुत्र ब्रह्मचारी सिंह, निवासी गांव एतोल निवासी भूरे पुत्र भगवान सिंह हैं। शुक्रवार की दोपहर तीन बजे बचाव टीम ने एक मजदूर का शव निकाला है। जिसकी पहचान अतोरा निवासी प्रदीप (40) के रूप में हुई है। आशंका है कि कई और मजदूर दबे हो सकते हैं। टीम चैंबर के मलबे के अलावा बेसमेंट में तलाशी अभियान चला रही है। बेसमेंट में मजदूर क्यों गए थे। इसका जवाब अभी किसी के पास नहीं हैं।
जिलाधिकारी ने बताया कि बेसमेंट में दबे होने की सूचना नहीं थी। टीम ने बचाव कार्य के दौरान एक मजदूर के शव को बेसमेंट से निकाला है। आशंका है कि इसने और भी मजदूर हो सकते हैं। टीम लगी है और बचाव राहत कार्य जारी है। वहीं, कुछ लोगों का कहना है है कि इस बेसमेंट में 7-8 लोग दबे होने की बात कुछ लोगों ने कही थी लेकिन बेसमेंट के ऊपर ज्यादा मलबा पड़ा होने के कारण मदद मिलने में देरी हुई है।
चैंबर का हजारों टन मलबा मजदूरों की जिंदगी की डोर को लगातार तोड़ रहा है। बेबस परिवार मजदूरों की जिंदगी की आस लगाए बैठे हैं। करीब 27 घंटों से बचाव कार्य जारी है लेकिन जो इंतजाम हैं वो नाकाफी हैं। जो मजदूर दबे हैं उनके परिवारों को आस है कि उनके अपने मौत को मात देकर जिंदगी के साथ लौटेंगे। बचाव कार्य में लगी टीमें और पुलिस प्रशासन के अधिकारियों का भी यही दिलासा पीड़ित परिवारों को सुनाई पड़ रहा है। कोई वक्त को कोस रहा है तो कोई व्यवस्था पर सवाल उठा रहा है। बेसमेंट में मिले चंदौसी के गांव अतोरा निवासी प्रदीप की शिनाख्त उनके चचेरे भाई उदयवीर ने की। उदयवीर ने बताया कि उनके भाई बेसमेंट मिले हैं। बृहस्पतिवार की रात 12 बजे तक आलू भंडारित स्थान से मलबा नहीं हटाया जा सका था। उसके ऊपर क्षतिग्रस्त लिंटर का दबाव था। इसके बाद प्रशासन ने बुलडोजर से क्षतिग्रस्त लिंटर को तुड़वाया और उसको अलग हटवाया। इसके बाद मलबा हटाने का काम अभी तक जारी है।
शीतगृह संचालकों की तलाश जारी
हादसे के बाद ही मृतक रोहताश के पिता भूरे की तहरीर पर शीत गृह संचालक अंकुर अग्रवाल और रोहित अग्रवाल के खिलाफ गैर इरादतन हत्या में केस दर्ज किया था। हादसे के बाद से दोनों फरार हैं। पुलिस टीमें आरोपी की तलाश में जुटी है हादसे के बाद रात में आसपास के गांव के लोग वापस चले गए थे शुक्रवार की सुबह होते ही फिर से लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई। कोल्ड स्टोर परिसर के गेट पर तैनात है कोल्ड स्टोर के दोनों ओर लगभग 100 मीटर दूर पुलिस ने भीड़ को रोक रखा है। आसपास किसी को जाने नहीं दे रही।
मृतक और घायलों के नाम
डीआईजी शलभ माथुर ने बताया कि शीतगृह संचालक चंदौसी के सुंदर मोहल्ला निवासी अंकुर अग्रवाल और रोहित अग्रवाल के खिलाफ गैर इरादतन हत्या (304) में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने यह कार्रवाई मृतक रोहताश के पिता भूरे की तहरीर पर की है। प्रकरण की जांच जारी है।
सीएम-पीएम से परिजनों को मिलेंगे दो-दो लाख
एम योगी आदित्यनाथ ने अस्पताल में भर्ती चार मजदूरों से मुलाकात कर उनकी सेहत का हाल जाना। उन्होंने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख और गंभीर घायलों को 50-50 हजार आर्थिक मदद की घोषणा की। वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने भी मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख देने की घोषणा की है। इसके अलावा जान गंवाने वाले किसानों के परिजनों को दुर्घटना बीमा के तहत पांच-पांच लाख रुपये की मदद भी दी जाएगी।
शीतगृह के मलबे में दबने वाले मजदूरों के शरीर की हड्डियां चकनाचूर हो गई थीं। शुक्रवार को हुए पोस्टमार्टम में मजदूरों के सिर, पसलियां, पैर और हाथों की हड्डियां टूटी मिलीं हैं जबकि दम घुटने से मजदूरों की सांसें थमीं थीं। शुक्रवार रात करीब आठ बजे तक दस मजूदरों के शवों का पोस्टमार्टम मुरादाबाद में किया गया। दो डॉक्टरों की टीम दोपहर बारह बजे ही अलर्ट कर दी गई थी। इस दौरान डिजिटल वीडियो ग्राफी और फोटोग्राफी भी की गई।