सरकारी अस्पताल में इलाज कराकर टीबी को दी शिकस्त
कबीर बस्ती न्यूज।
– शिक्षक अरूण कुमार श्रीवास्तव बोन टीबी से थे प्रभावित
बस्ती। शहर के आवास विकास कॉलोनी निवासी शिक्षक अरूण कुमार श्रीवास्तव (40) रीढ़ की हड्डी की समस्या से पीड़ित थे। जून 2021 में लखनऊ में एक आर्थो सर्जन को दिखाया तो उन्होंने एक्स-रे कराया। एक्स-रे में एक्सट्रा पल्मोनरी टीबी की पहचान होने पर उन्होंने टीबी क्लीनिक बस्ती के लिए रेफर कर दिया। टीबी क्लीनिक से नियमित डेढ़ साल तक चले इलाज के बाद अब वह पूरी तरह स्वस्थ है। नियमित अपनी ड्यूटी पर जा रहे हैं और सुखी जीवन गुजार रहे हैं।
उनका कहना है कि लखनऊ में टीबी की पहचान होने के बाद वहां से बस्ती आने के बाद वह घर पर बेड पर थे, कि टीबी क्लीनिक के सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर गौहर अली का उनके पास फोन आया। घर का पता पूछकर उन्होंने दवा घर पर ही पहुंचाई। पहली बार 29 जून 2021 से उनकी दवा शुरू हुई। इसके बाद क्षेत्र की आशा स्वास्थ्यकर्ता के जरिए दवा उन्हें मिल रही थी। लगभग चार माह के इलाज के बाद उन्हें कुछ फायदा हुआ तो वह खड़े होने लगे। दवा का पहला कोर्स 13 दिसम्बर 2021 को पूरा हुआ।
टीबी क्लीनिक में डॉ. सिकंदर अली की देख-रेख में दवा चल रही थी। चिकित्सक की सलाह पर दोबारा एक्स-रे कराया। रिपोर्ट के आधार पर आगे इलाज जारी रखा गया। डेढ़ साल तक चले इलाज के बाद 18 दिसम्बर 2022 को एक बार फिर एक्स-रे कराया तो रिपोर्ट नार्मल मिली। 21 दिसम्बर 2022 को दवा का कोर्स पूरा होने पर अब दवा बंद है। परिवार अब बहुत खुश है।
चिकित्सक डॉ. सिकन्दर अली ने बताया कि टीबी की पहचान लखनऊ में होने के बाद भी बस्ती में मरीज का समय-समय पर एक्स-रे कराया जाता रहा। इसके अलावा दवा शुरू होने के समय व कोर्स पूरा होने के बाद बलगम की भी जांच कराई गई। बलगम की सभी रिपोर्ट निगेटिव रही। मरीज से कहा गया है कि वह नियमित रूप से फॉलोअप कराते रहें। इम्युनिटी बनाए रखने के लिए खान-पान पर विशेष ध्यान दें। वह पूरी तरह स्वस्थ हैं।
टीबी का आंकड़ा
वर्ष मरीज़
2019 4905
2020 4379
2021 5005
2022 6353
2023 2990