मनमानी नही हुई पूरी तो फर्जी गैंगरेप के आरोप मे फंसाया
जमीनी विवाद मे नही मिली सफलता तो दर्ज करा दिया गैंगरेप का मुकदमा
70 वर्षीय बुजुर्ग के साथ दो सगे भाई बनाये गये गैंगरेप के आरोपी
मामला कलवारी थाने के मिश्रोैलिया गांव का
फर्जी गैंगरेप के ऐसे मामलों से सिसक रहा है न्याय
कबीर बस्ती न्यूज।
बस्ती। वर्तमान परिवेश मे कुछ महिलाएं अपने निजी स्वार्थों को किसी तरह सिद्व करने के लिए किसी भी स्तर पर चली जाती है। चाहे वह जमीनी विवाद हो या आपसी रंजिश। उनका सबसे बडा हथियार सामूहिक दुष्कर्म या दुष्कर्म का आरोप है। ऐसे प्रकरणों मे जहां निर्दोष नवजवान पिसते दिखाई देते हैं वही 60 व 70 वर्षीय बुजुर्ग को भी मुख्य अभियुक्त बना दिया जाता है। इस कानून का दुरूपयोग इस कदर है कि कईयों निर्दोषों का जीवन जेल और कोर्ट के सफर मे बीत जाता है। ऐसे 90 प्रतिशत से अधिक मामले पूर्णतया फर्जी पाये जाते है। ऐसा ही एक मामला कलवारी थाने के मिश्रोैलिया गांव का बताया जाता है। जहां एक रास्ते के विवाद को लेकर गांव की एक महिला ने गांव के 70 वर्षीय बुजुर्ग के साथ दो सगे भाईयों व एक अन्य के विरूद्व गैंगरेप का मुकदमा दर्ज करा चुकी है। जिसकी विवेचना कलवारी पुलिस कर रही है। प्रकरण मे हैरत की बात तो यह है कि कथित पीडित महिला को ही घटनास्थल का पता नही है। महिला ने आरोप लगाया था कि जब वह शौच के लिए प्रातः खेत मे गयी थी तो उसी समय घात लगाये बैठे चारो आरोपियों ने महिला संग बारी-बारी बलात्कार किया। जबकि महिला के घर मे शौचालय पूर्व से ही बना है। उक्त जालसाज चमत्कारी महिला ने इस मुकदमें के पूर्व एक और फर्जी मारपीट का अभियोग दर्ज कराया था। जब इस प्रकरण से पेट नही भरा तो तो गैंगरेप हो गया। गैंगरेप के मामले दो सगे भाईयों को आरोपी बनाया गया है जो पढने वाले बच्चे हैं। इस मामले के जांच को लेकर जांच अधिकारी भी परेशान है। क्योंकि गैंगरेप की घटना किसी भी तरफ से प्रमाणित ही नही हो रही है। अपनी निजही दुश्मनी निकालने के लिए किसी के भविष्य के साथ घिनौना खिलवाड किया जा सकता है।
इस सम्बन्ध मे कलवारी पुलिस ने गेंगरेप की इस घटना को पूरी तरह से झूठा व मनगढन्त बताया था और अपने रिर्पोट मे लिखा था कि महिला और कथित आरोपी पक्ष के मध्य केवल जमीनी विवाद का मामला है। फिर भी निर्दोष लोग गैंगरेप के आरोपों को झेलनले पर विवश हैं तो वहीं जांच अधिकारी के अवैध कमाई का जरिया भी बन जाता है।