डीएम व सीएमओ के आदेश को नोडल अधिकारी डा0 ऐ.के. मिश्रा ने दिखाया ठेंगा
डीएम के आदेश के 10 दिन बाद भी नही हुई कार्रवाई
झोलाछापों द्वारा किये जा रहे अल्ट्रासाउंड से संकट मे पड रहा है निरीह मरीजों का जीवन
जिले मे पीएनडीटी का बुरा हाल, मरीजों के बैरी बन बैठे है जिम्मेदार
कुछ व्यस्तता के कारण कार्रवाई मे हुआ विलम्ब, शीध्र ही करायी जायेगी कार्रवाई- सीएमओ
कबीर बस्ती न्यूज।
बस्ती। अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर पंजीकृत चिकित्सकों द्वारा अल्ट्रासाउंड न कर झोलाछापों द्वारा अल्ट्रासाउंड किये जाने का मामला प्रकाश मे आते ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को सांप संूघ गया है। इस सम्बन्ध मे प्रकाशित खबरों तथा शिकायतों का संज्ञान लेकर जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन द्वारा 10 दिन पूर्व सीएमओ बस्ती को ऐसे अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर कार्रवाई के कडे निर्देश दिये गये थे। लेकिन डीएम एवं सीएमओ के आदेश को नोडल अधिकारी डा0 ऐ.के. मिश्रा ने पलट दिया हैं। हालात यह हैं कि डीएम के आदेश के 10 दिन बाद भी अल्ट्रासाउंड सेंटरों का न तो आकस्मिक निरीक्षण ही हो पाया और न ही कोई कार्यवाही ही की गयी। संवेदनशील शिकायत पर नोडल अधिकारी डा0 ऐ.के. मिश्रा की शिथिलता मरीजों के जान पर भारी पड रही है। ऐसे संवेदनशील प्रकारण मे स्वास्थ्य महकमें के द्वारा अल्ट्रासाउंड संचालकों से गलबहियां का युद्वस्तर पर प्रयास जारी है।
गत दिनों ऐसे अल्ट्रासाउंड सेंटरों की शिकायत आने पर पत्रकारों की टीम वास्तविकता को परखने जिले के कुदरहा सरकारी अस्पताल के सामने पहुंची। जहां पीएनडीटी का लाईसेन्स प्राप्त कर आकृति डायग्नोस्टिक सेन्टर मे अल्ट्रासाउंड करने वाले चिकित्सक का सच जाना तो हैरान कर देने वाला सच कैमरे मे कैद हो गया। इस अल्ट्रासाउंड सेन्टर मे डा0 विनोद कुमार सिंह का नाम पंजीकृत हैं लेकिन मरीजों का अल्ट्रासाउंड अन्य अप्रशिक्षित व्यक्ति ही करता है। जिसे मानव अंगों के बरे कुछ अता पता नही है। अब ऐसे अल्ट्रासाउंड रिर्पोट क्या गुल खिलाऐंगे भगवान ही जाने। यही स्थिति इस अल्ट्रासाउंड सेन्टर के सामने संचालित हो रहे सिटी डायग्नोस्टिक सेन्टर का भी रहा। यहां कार्यरत एक कर्मी रजिस्टर्ड डाक्टर का नाम ही नही बता पाया। ऐसेे अल्ट्रासाउंड सेंटरों की जिले मे भरमार है।
इस सम्बन्ध मे खबरें भी प्रकाशित हुईं और डीएम को लिखित शिकायत भी हुआ जिसमें जिलाधिकारी ने ऐसे अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर कार्रवाई के कडे निर्देश दिये गये थे। सीएमओ ने भी नोडल अधिकारी डा0 ऐ.के. मिश्र को तत्काल कार्रवाई का निर्देश दिया था। लेकिन 10 दिन का समय बीत गया अभी तक कार्रवाई नही हो पायी। इस सम्बन्ध मे पूछने पर नोडल अधिकारी डा0 ऐ.के. मिश्र कहते हैं कि जब समय मिलेगा तो इस मामले को देखा जायेगा। अभी किसी पुरानीे रिर्पोट का इन्तजार है।
विचारणीय सवाल यह है कि इतने संवेदनशील जांच मे भी खेल हो जिसके आधार पर डाक्टर दवा लिखते है। ऐसे गलत रिर्पोट तो न जाने कितनों को उपर का रास्ता दिखा चुके होगे। अभी और कितने निपटेंगे।
इस सम्बन्ध मे सीएमओ बस्ती डा0 आर.पी. मिश्र ने बताया कि कुछ व्यस्तता के कारण कार्रवाई मे विलम्ब अवश्य हुआ है। शीध्र ही कार्रवाई करायी जायेगी।