पहले छापेमारी फिर नोटिस अब झोलाछाप को बचाने मे लगे नोडल अधिकारी
समूचे प्रकरण को प्रकरण को डकार गये विभाग के नोडल अधिकारी
भारत कनेक्ट अखबार मे 3 जून को प्रकाशित खबर का असर, अब विभाग को छूट रहा है पसीना
झोलाछापों के हाथों मरीजों को मरने पर विवश कर रहा है स्वास्थ्य महकमा
झोलाछापों पर विभागीय सख्ती हुई हवा.हवाई
कडी कार्रवाई के लिए सीएमओ बस्ती को दिए गये हैं कडे निर्देश. एडी हेल्थ
कबीर बस्ती न्यूज।
बस्ती। लखनउ से प्रकाशित भारत कनेक्ट अखबार मे 3 जून को ’ झोलाछाप चुन्नू.मुन्नू सडक पर लिटा कर कर रहे हैं गंभीर रोगों का इलाज’ शीर्षक नामक खबर प्रकाशित हुआ। जिसे संज्ञाान लेकर स्चास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी डा0 एस0बी0सिंह ने शहर से सटे मनौरी चौराहा से आगे गौरा चौराहा पर स्थित अमित डेण्टल क्लीनिक वर्षों से संचालित है पर 5 जून को छापा मारा। जहां टीम को उक्त क्लीनिक पर मरीजों को भर्ती कर अनाधिकृत रूप से इलाज करते हुए पाया गया। नोडल अधिकारी डा0 एस0बी0सिंह ने अस्पताल संचालक को नोटिस थमाया। जिसका जबाब आज तक विभाग को नही मिला। अस्पताल संचालक की सीनाजोरी और दबंगई अथवा वांछित घूस प्राप्त करने के बाद अब विभाग बैकफुट पर आ गया है। इतना ही नही आरोपी मुन्नाभाई को स्वास्थ्य विभाग अब सुरक्षित एवं संरक्षित करने पर उतर आया है। विभाग की यह स्थिति मुन्ना भाई और विभाग के बीच याराना सम्बन्धो को प्रमाणित करता है। योगी सरकार की छबि को दागदार बनाने वाले विभाग के अधिकारियों के ऐसे करतूतों से आम जनमानस त्रस्त है। योगी सरकार मे झोलाछाप कथित डाक्टरों का वर्चस्व चौतरफा कायम है। इनके दबंगई से बडे बडों का रूह कांप जाता है। स्वास्थ्य महकमें के जिम्मेदार भी खाउ कमाउ नीति पर विष्वास करने लगे हैं। जिसका परिणाम यह है ग्रामीण क्षेत्रों मे मरीज झोलाछापों के हाथों मरने को विवष है।
बताते चलें कि शहर से सटे मनौरी चौराहा से आगे गौरा चौराहे की है। जहां अमित डेण्टल क्लीनिक वर्षों से संचालित है। इस क्लीनिक ने तो अब तक के सारे शासनादेशों को पलट कर रख दिया है। जिसके आगे सीएमओ भी असहाय और घूसखोरी रवैये के चलते नतमस्तक हो चुके हैं।
क्लीनिक का जायजा लेने पहंुची पत्रकारों की की टीम को सुखद नजारा देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। क्लीनिक है दांत का लेकिन यहां सडक के किनारे लाइन से तख्त बिछाकर गंभीर रोगों के इलाज करने का दावा किया जाता है। शहर गौरा चौराहे पर चुन्नू.मुन्नू सहित आधा दर्जन लोग मरीजों का इलाल कर रहे थे। करीब 6 मरीज एक लाइन से बॉटल चढवाते दिखाई दिए। बोतल मे क्या चढाया जा रहा है चुन्नू.मुन्नू को भी नही पता। जिसका पूरा वीडियो पत्रकारों ने बना लिया। यह स्थिति वास्तव मे स्वास्थ्य महकमे के मुंह पर तमाचा है।
प्रेस की टीम ने जब संचालक से क्लीनिक के संचालन की जानकारी चाही तो वह अशोभनीय शब्दों का प्रयोग करते हुए कहा कि हम ऐसे ही क्लीनिक चलायेंगे और इलाज करेंगे और दो शब्द के बाद माइंड योर लैंग्वेल शब्द का प्रयोग बार. बार कर रहा था। वह इतने आवेश मे था कि सीएमओ भी चुनौती दे डाला और कहा था कि सीएमओ भी इस कार्य के लिए दो हजार रूपया महीना वसूलते हैं।
इस क्लीनिक के बारे यह भी बताया जाता है कि अनेक प्रकार के गंभीर आपरेशन सडक के किनारे किये जाते हैं। जिससे इन्फेक्शन पैदा होने का डर बराबर बना रहता है। क्लीनिक संचालक की दबंगई क्लीनिक का दृश्य देखकर ही अन्दाजा लगाया जा सकता है।
इस सम्बन्ध मे अपर निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य बस्ती मण्डल डाण् नीरज कुमार पाण्डेय ने सीएमओ स्तर से इतने लम्बे अवधि के बाद भी कार्रवाई न किये जाने पर चिनता व्यक्त करते हुए कहा कि कडी कार्रवाई के लिए एक सख्त पत्र सीएमओ बस्ती को प्रेषित कर रहे हैं।