पुरानी पेंशन बहाली को लेकर अटेवा ने सौंपा ज्ञापन, दिल्ली में पेंशन शंखनाद रैली 1 अक्टूबर को
सांसद के दरवाजे पर बजायी घंटी
कबीर बस्ती न्यूज।
बस्ती। अटेवा पेंशन बहाली मंच द्वारा पूरे देश में पुरानी पेंशन बहाली हेतु ‘सांसदों के द्वार घंटी बजाओ’ अभियान के क्रम में रविवार को बस्ती में भी सांसद आवास पर घंटी बजाई गई। भारी भीड़ के साथ अटेवा के बैनर तले शिक्षकों एवं कर्मचारियों ने बस्ती के सांसद हरीश द्विवेदी के आवास तेलियाजोत पहुंचकर घंटी बजाकर अपनी पुरानी पेंशन की पुरजोर मांग की। सदन में पुरानी पेंशन के मुद्दे को उठाने तथा उसे लागू करवाने से संबंधित ज्ञापन सांसद प्रतिनिधि जगदीश प्रसाद शुक्ल को सौंपा। अटेवा के सदस्यों से ज्ञापन प्राप्त कर सांसद प्रतिनिधि जगदीश प्रसाद शुक्ल ने पूर्ण मदद का भरोसा दिलाते हुए कहा कि आप सभी की समस्याओं पर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराते हुए समाधान का प्रयास किया जाएगा।
अभियान की अगुवाई कर रहे अटेवा के जिला संयोजक तौआब अली ने कहा कि पेंशन कर्मचारियों के बुढ़ापे से जुड़ा हुआ बेहद संवेदनशील मुद्दा है। लगभग एक करोड़ शिक्षकों कर्मचारियों का भविष्य अंधकार में है। सरकार को उनकी सुधि लेनी चाहिए और पुरानी पेंशन अविलंब बहाल कर देनी चाहिए।
मंडलीय महामंत्री दीपक सिंह प्रेमी ने कहा कि जब नेताओं को तीन-तीन, चार-चार पेंशन दी जा सकती है तो कर्मचारियों को क्यों नहीं? शेयर बाजार वाली नई पेंशन स्कीम हम पर लादी जा रही है जिसका कोई भविष्य ही नहीं है। जिला महामंत्री विजय नाथ तिवारी ने कहा कि यदि सरकार इस मुद्दे पर कोई कदम नहीं उठाती है तो शिक्षक कर्मचारी 1 अक्टूबर को दिल्ली में आयोजित पेंशन शंखनाद रैली में पुरानी पेंशन बहाली हेतु हुंकार भरेंगे। संरक्षक प्रमोद ओझा ,बृजेश वर्मा, देवेंद्र तिवारी, नीरज वर्मा, अमरचंद वर्मा, विजेन्द्र वर्मा, ध्रुव नारायण, अजय वर्मा आदि ने एनपीएस को झुनझुना बताते हुए कहा कि एनपीएस या इसमें संशोधन कर्मचारियों को हरगिज स्वीकार नहीं है , हमें हूबहू पुरानी पेंशन चाहिए। कहा कि पेंशन कर्मचारियों का संवैधानिक हक है। शिक्षक और कर्मचारियों का संगठन इस लड़ाई में अटेवा के साथ पूरी ताकत से खड़ा रहेगा।
इस अवसर पर सुनील मौर्य, अमरनाथ ,अनीस अहमद, राहुल उपाध्याय, श्रीनाथ ,सुरेंद्र यादव, विनोद प्रकाश वर्मा, शैलेंद्र सिंह, संतोष यादव, कैलाश नाथ ,राकेश सिंह, जितेंद्र वरुण, संतोष शुक्ला, विकास कान्त पाण्डेय, विवेक कान्त पाण्डेय, रवीश कुमार मिश्र, जावेद इकबाल, बृजेश कुमार, मनीष प्रकाश मिश्रा, फूलचंद, हरीसिंह, महेंद्र गौंड़, मो. सलाम, सिकंदर, अर्जुन प्रसाद, गुलाम अशरफ, सुखराज गुप्ता, प्रमोद वर्मा, अब्दुल कलाम, पप्पू सक्सेना, वासुदेव, राजेश यादव, लाल जी वर्मा, शंभू नाथ, कमलेश वर्मा, दिनेश चौहान, अजय चौधरी, अवधेश कुमार, प्रभाकर पटेल, देवेंद्र वर्मा, राज नारायण तिवारी, सत्य प्रकाश, भरत राम, पंच बहादुर यादव, दिनेश , डी.एन. विश्वकर्मा, अर्जुन प्रसाद भारती सहित सैकड़ो की तादाद में शिक्षक व कर्मचारी उपस्थित रहे।