लंबी स्किन डिजीज के जनपद में 10 मामले आए प्रकाश में सीडीओ ने दिया सतर्कता रखने के निर्देश
बस्ती : लम्पी स्किन डिजीज के जनपद में 10 केस प्राप्त हो गये है। कलेक्टेªट सभागार में इसकी जानकारी देते हुए मुख्य विकास अधिकारी डा. राजेश कुमार प्रजापति ने सभी संबंधित को सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है। उन्होने कहा है कि ऐसे पशुओं को अन्य पशुओं से अलग रखें। रोगी पशु के दूध को बछड़े को ना पिलाये तथा निकटतम पशु चिकित्साधिकारी को सूचित करें। उन्होने बताया कि जनपद स्तर पर स्थापित कंट्रोल रूम में मो.नं0 -9161956797 तथा 9648134369 पर बीमारी से संबंधित सूचना दी जा सकती है।
उन्होने बताया कि तहसील स्तर पर सर्विलांस के लिए 4 आरआरटी का गठन किया गया है। विकास खण्ड में टीकाकरण एवं चिकित्सा के लिए 14 टीमों का गठन किया गया है, जिसमें 24 पशु चिकित्साधिकारी, 23 पशुधन प्रसार अधिकारी एवं 14 अन्य कर्मचारियों की ड्यूटी लगायी गयी है। उन्होने बताया कि इस बीमारी से बचाव के लिए 23 हजार गोवंशीय पशुओं को इसका वैक्शीन लगाया गया है। विशेषज्ञों के अनुसार यह बीमारी गोवंशीय पशुओं में ज्यादा पायी गयी है।
उन्होने निर्देश दिया है कि गोआश्रय स्थलों या गोशाला में केस मिलने पर उन्हें वही अलग शेड बनाकर रखा जाय। ग्रामीण क्षेत्र में पंचायतीराज तथा नगरीय क्षेत्र में नगर पंचायतें सैनीटाइजेशन का कार्य करेंगी।
अपर निदेशक पशुपालन डा. विकास साठे ने बताया कि लम्पी स्किन डिजीज एक विषाणुजनित रोग है। इस रोग में पशु को तेज बुखार, ऑख व नाक से पानी गिरना, पैरों में सूजन, पूरे शरीर में कठोर एवं चपटी गॉठ आदि लक्षण पाये जाते है। सास की नली में घाव होने से सांस लेने में कठिनाई होती है, पशु का वजन घट जाता है और अत्यधिक कमजोरी से पशु की मृत्यु हो जाती है। इस रोग से मनुष्य को कोई खतरा नही है।
सीबीओ डा. ए.के. कुशवाहॉ ने बताया कि रोग से प्रभावित पशुओं का आवागमन प्रतिबंधित करें। पशु के शरीर पर मच्छर, मक्खी, किलनी से बचाने के लिए कीटनाश दवा का प्रयोग करें। बीमार पशु को चरने के लिए पशुओं के साथ ना भेंजे। प्रभावित क्षेत्र से पशु खरीद कर ना लाये यदि इस रोग से किसी पशु की मृत्यु होती है तो शव को वैज्ञानिक विधि से दफनाये।
पशु चिकित्साधिकारी डा. अरूण तिवारी ने बताया कि जनपद में 125703 गोवंशीय एवं 343799 महिशवंशीय पशु है। लम्पी बीमारी मुख्यतः गोवंशीय पशुओं में पायी जाती है। बैठक में एडीएम कमलेश चन्द, उप जिलाधिकारी विनोद चन्द्र पाण्डेय, आशुतोष तिवारी, खण्ड विकास अधिकारी तथा पुशचिकित्साधिकारी गण उपस्थित रहें।