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सावधानी व सरल उपचार से ठीक हो सकते हैं कोरोना से

– केवल 15 प्रतिशत मरीजों को होती है अस्पताल व ऑक्सीजन की जरूरत

बस्ती। कोरोना बीमारी की दूसरी लहर का असर पहली लहर की अपेक्षा कुछ ज्यादा है। कुछ दिनों में नए मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। इसे लेकर आम लोगों में घबराहट व परेशानी है। लोगों की यही घबराहट व परेशानी समस्या को बढ़ा रही है। नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के चिकित्सकों के अनुसार केवल 15 प्रतिशत मरीजों को ही अस्पताल या ऑक्सीजन की जरूरत होती है।
अगर कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए चिकित्सकों के सुझाए नुस्खे के अनुसार दवाएं ली जाएं तो घर में आईसोलेशन में रहकर भी मरीज ठीक हो सकता है। कोविड के प्रशिक्षक व बालरोग विशेषज्ञ डॉ. आफताब रजा का कहना है कि कोविड के लक्षण सर्दी, जुकाम, बदन दर्द और खांसी हो, लेकिन सांस व ऑक्सीजन सामान्य हो तो चिकित्सक की सलाह पर होम आईसोलेशन में उपचार किया जा सकता है।
पहला दिन—-
भाप लें व गुनगुना पानी पीते रहें। गर्म पानी में नमक डाल कर दो बार गरारा करें। बुखार के लिए पैरासिटामॉल लें, सपोर्ट के लिए विटामिन सी जिंक एंटीबॉयटिक जैसे एजिथ्रोमाइसिन, डाक्सीसाईक्लीन आदि लें। टूल किट के तौर पर थर्मामीटर, पल्स आक्सीमीटर, स्पीरोमीटरए, थर्मस, मॉस्क व सेनेटाइजर का प्रबंध करें। घर वालों से अलग रहे और धैर्य के साथ भरपूर आराम करें।
दूसरा दिन——.
कोरोना का टेस्ट आरटीपीसीआर कराना है।
हर छह घंटे पर आक्सीजन लेवल व बुखार नापते रहें।
स्पीरोमीटर से फेफड़ों का व्यायाम करते रहना है।
तीसरा दिन—–
डॉक्टर की सलाह पर सीबीसी, सीआरपी, डी डाईमर, आरबीएस आदि जांच कराना। पेंनटोसिड ए आइवरमेक्टिन व मोंटेमेक दवाईयां लेना। अगर तबीयत ठीक है तो चौथे व पांचवे दिन यही दवाएं लें।
छठवें दिन—–
ऑक्सीजन लेवल 95 के ऊपर है और बुखार उतर रहा है तो आप समझे कि स्वस्थ हो रहे हैं। अगर बुखार बना हुआ है तथा ऑक्सीजन लेवल 94 से कम है तो सीने की सीटी स्कैन कराएं। इसी के साथ स्टेरॉयड शुरू करें। अगर पहले से अन्य बीमारी है, यानि कोमार्बिड हैं तो फेबीफ्लूए, रेमेडिसीवीर की जरूरत हो सकती है। यदि पांच दिन कोई लक्षण नहीं होता है तो दोबारा आरटीपीसीआरए सीने का सीटी स्कैन, सीआरपीए, डी डाइमर जांच की जरूरत नहीं होती है। छठवें दिन से पहले तथा ऑक्सीजन 95 से ऊपर होने पर सीटी स्कैन की जरूरत नहीं होती है। अगर ऑक्सीजन कम है लेकिन तकलीफ नहीं है तो हैप्पी हाईपोक्सिया का खतरा हो सकता है। इसे गंभीरता से लें। एसिडिटी कम करने की दवा शुरूआत में नहीं लेना है।

यह लक्षण है तो तत्काल हो जाएं भर्ती

तेज बुखार अगर दवा से नहीं उतर रहा है तो भर्ती होना जरूरी हो जाता है। इसके अलावा अगर ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है तो भी घर में रहना ठीक नहीं है। कोमार्बिड व ज्यादा उम्र वालों के लिए भी अस्पताल में भर्ती होना बेहतर होगा।

इन बातों का भी रखे ख्याल

दिन में दो बार काढ़ा पिएं। 45 मिनट तक प्राणायाम, हल्का व्यायाम, योग करें। यज्ञ वाले कपूर आदि से घर का वातावरण शुद्ध रखें। ऑक्सीजन कम होने पर पेट के बल लेट कर प्रोनिंग करें।