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होम आईसोलेशन में 10 दिनों तक मरीज को भरना होगा निगरानी चार्ट

– कोविड के होम आइसोलेशन मरीजों के नियमों में हुआ बदलाव
– हल्के या बिना लक्षण वाले मरीजों को होम आईसोलेशन में रहने की सलाह
– होम आईसोलेशन के दौरान ऑक्सिमीटर रिकॉर्डिंग एवं थर्मल स्क्रीनिंग बेहद जरुरी
– एचआईवी, ट्रांसप्लांट कराने वाले, कैंसर आदि के गंभीर रोगियों को होम आईसोलेशन में नहीं रहने की सलाह
– होम आईसोलेशन की अवधि समाप्त होने पर दोबारा जांच कराने की नहीं है जरूरत
बस्ती। कोरोना की दूसरी लहर में लोगों को अधिक सतर्क रहने की निरंतर सलाह दी जा रही है। कोरोना की पहली लहर की तुलना में इस बार अधिक लोग अस्पतालों तक पहुंच भी रहे हैं, लेकिन हल्के या बिना लक्षण वाले कोविड मरीज घर पर रहकर भी स्वस्थ हो सकते हैं। इसको लेकर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने होम आईसोलेशन के नियमों में बदलाव करते हुए संशोधित गाइडलाइन्स जारी की है। पिछले साल दो जुलाई को केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोविड-19 के माइल्ड एवं बिना लक्षण वाले मरीजों के लिए होम आईसोलेशन की सलाह जारी की थी। कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए इसमें कुछ बदलाव किए गए हैं।
खास मरीजों के लिये है आई आईसोलेशन
गाइडलाइन में सभी कोविड मरीजों को होम आईसोलेशन में रहने की सलाह नहीं दी गयी है। होम आईसोलेशन के लिए इलाज कर रहे चिकित्सक के द्वारा चिकित्सकीय जांच के आधार पर हल्के, बिना लक्षण वाले मरीज के तौर पर प्रमाणित करने की जरूरत को अनिवार्य बताया गया है। ऐसे मामलों में मरीज के घर पर सेल्फ- आईसोलेशन और परिवार के लोगों को क्वारंटीन करने के लिए पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए। मरीज की देखभाल करने वाले व्यक्ति को पूरे समय उपलब्ध रहना चाहिए। मरीज की देखभाल कर रहे व्यक्ति और करीबियों को चिकित्सक के परामर्श के मुताबिक हाइड्रोक्सीक्लोक्व़ाइन प्रोफाईलैक्सिस लेनी चाहिए।
कमजोर इम्यूनिटी वालों के लिये नही होम आईसोलेशन
कम प्रतिरक्षा क्षमता वाले यानी एचआईवी, ट्रांसप्लांट कराने वाले एवं कैंसर रोग से पीड़ित लोगों को होम आईसोलेशन में नहीं रहने की सलाह दी गई है, जबकि 60 वर्ष से अधिक उम्र के ऐसे लोग जो उच्च रक्तचाप, मधुमेह, हृदय रोग एवं कमजोर फेफड़े, गुर्दे की बीमारी से ग्रसित हैं, उनमें कोरोना की पुष्टि होने पर चिकित्सक की अनुमति के बाद ही होम आईसोलेशन में रहने की बात कही गई है।
होम आईसोलेशन में 10 दिनों तक भरें निगरानी चार्ट
गाइडलाइन में होम आईसोलेशन में रह रहे कोरोना मरीजों को 10 दिनों तक निगरानी चार्ट भरने की सलाह दी गयी है। निगरानी चार्ट में प्रत्येक दिन के शरीर के तापमान एवं ऑक्सिमीटर से ह्रदय गति एवं ऑक्सीजन के स्तर को भरने की सलाह दी गयी है, साथ ही निगरानी चार्ट में ही प्रत्येक दिन की स्थिति भी भरने की बात कही गई है।इसमें बताना होगा कि स्थिति पहले से बेहतर, पहले जैसी या उससे खराब हुई है।
होम आइसोलेशन के बाद दोबारा जांच की जरूरत नहीं। होम आइसोलेशन में रहने वाले रोगी 10 दिनों के बाद बाहर आ सकते हैं। होम आइसोलेशन से बाहर आने के बाद जांच की कोई आवश्यकता नहीं होती है। होम आइसोलेशन के दौरान रोगी अधिक से अधिक आराम करे, और खूब पानी पीकर शरीर में पानी की मात्रा को बढ़ाए।
इन परिस्थितियों में चिकित्सकीय सलाह जरुरी
– सांस लेने में तकलीफ होने पर, ऑक्सीजन का स्तर 94 से कम होने पर, छाती में लगातार दर्द का बने रहना या अचानक बढ़ जाना, मानसिक रूप से अधिक परेशान होने पर।