Logo
ब्रेकिंग न्यूज़
भाजपा की सरकार में उपेक्षित हैं विश्वकर्मा समाज के लोग-राम आसरे विश्वकर्मा 700 से अधिक वादकारियों ने सीएम को भेजा पत्र, त्वरित न्याय प्रदान करने के लिए प्रभावी कार्रवाई कराने ... जयन्ती पर याद किये गये पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. चौधरी अजित सिंह कुपोषण और एनीमिया से बचाव के लिए कृमि मुक्ति की दवा का सेवन अनिवार्य-सीएमओ पूजन अर्चन के साथ भगवान श्रीराममय हुआ कैली का डायलसिस यूनिट योगी सरकार के जीरो टेलरेंस नीति पर खौलता पानी डाल रही है बस्ती पुलिस सम्पूर्ण समाधान दिवस में 98 मामलें में 06 का निस्तारण जेण्डर रेसियों बढाने के लिए घर-घर सर्वे करके भरवायें मतदाता फार्म: मण्डलायुक्त डीएम एसपी से मिले अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य, संचालित योजनाओं पर चर्चा भाजपा नेता बलराम ने किया पब्लिक डायग्नोसिस सेन्टर के जांच की मांग

विधायक संजय ने किया राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन में कम पंूजीवाले ठेकेदारों को अवसर देने की मांग

बड़ी कम्पनियों के आगे बेरोजगार हो गये हैं छोटे ठेकेदार

कबीर बस्ती न्यूज,बस्ती। उ0प्र0।

भारतीय जनता पार्टी विधायक संजय प्रताप जायसवाल ने नियम 51 के तहत प्रमुख सचिव विधानसभा को पत्र भेजकर राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराये जाने हेतु टैंक निर्माण आदि कार्यो में छोटे ठेकेदारों को भी अवसर दिये जाने का आग्रह किया है।
पत्र में विधायक संजय प्रताप ने कहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराये जाने हेतु टैंक निर्माण हेतु निविदा प्रकाशित हुई थी, पूर्व में निर्माण कार्य कार्यदायी संस्था जल निगम द्वारा कराया जाता था जो अब राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन के अन्तर्गत कराया जा रहा है। टैंक निर्माण हेतु प्रकाशित निविदा में कुछ ऐसी शर्तें रखी गई है जिससे छोटी पंूजीवाले पंजीकृत ठेकेदार निविदा में हिस्सा न ले सकें। स्टीमेट में बड़ी पूंजी वाली कम्पनियों की सहमति से 30-35 प्रतिशत अधिक का बनवाकर शासन से स्वीकृत करा लिया गया और बाद में उन्ही कम्पनियों ने टेण्डर हासिल कर लिया।  इस कारण से कम पूंजीवाली पंजीकृत फर्मे निविदा में हिस्सा लेने से वंचित हो गई। विधायक संजय ने कहा है कि उन्हें अवगत कराया गया है कि प्रदेश के कुछ जनपदों में तो बिना निविदा प्रकाशित किये ही बड़ी पूंजी वाली कम्पनियों को कार्य आवंटित कर दिया गया।
विधायक संजय ने पत्र में कहा है कि पूर्व में उक्त कार्य कार्यदायी संस्था जल निगम द्वारा किया जाता रहा है, स्टीमेट व शर्तें जल निगम के द्वारा ही बनाई जाती थी जो कम लागत में तैयार होती थी और इसका लाभ पंजीकृत छोटी पूंजी के पंजीकृत ठेकेदारों को भी मिलता था। सरकार ने कार्यदायी संस्था जल निगम को दर किनार कर योजना को राज्य एवं पेयजल एवं स्वच्छता मिशन को दे दिया है। इसमंें निविदा की शर्तो में 400-500 गांवों का एक लाट बनाकर निविदा प्रकाशित की गई है। इस प्रकार की शर्तो के कारण छोटी पूंजी के ठेकेदार बेरोजगार हो गये है। उन्होने आग्रह किया है कि बढ़ती बेरोजगारी को देखते हुये पूर्व की भांति निविदा में शर्तें लागू करते हुये कम पूंजी के पंजीकृत ठेकेदारों को भी योजना का लाभ दिलाया जाय।