रामचन्द्र राजा कृत गज़ल संग्रह ‘सपनों का सम्मान’ का लोकार्पण
कबीर बस्ती न्यूज,बस्ती।उ0प्र0।
रविवार को प्रेस क्लब के सभागार में शिव हर्ष किसान पी.जी. कालेज के प्राचार्य एवं समीक्षक डा. रघुवंशमणि त्रिपाठी ने रामचन्द्र राजा कृत गज़ल संग्रह ‘सपनों का सम्मान’ का लोकार्पण किया। कहा कि कभी राज दरबार की चेरी रही गज़ल आज समय के सत्य से मुठभेड़ कर रही है। रामचन्द्र राजा की गजलें आश्वस्त करती है कि सब कुछ अभी समाप्त नहीं हुआ है। वे समाज के सत्य को चंद शव्दों में जिस तरह से उद्घाटित करते हैं उससे निश्चित रूप से ‘सपनों का सम्मान’ साहत्यिक जगत में प्रतिष्ठित होगी।
विशिष्ट अतिथि डा. रामदल पाण्डेय ने कहा कि समाज पर गजलों का आज भी सर्वाधिक प्रभाव है। कम शव्दों में गजल लोगों की जुबान पर चढ जाती है। ‘सपनों का सम्मान’ नई कृति पाठकों का विश्वास जीते।
प्रेमचन्द्र साहित्य एवं जन कल्याण संस्थान की ओर से आयोजित लोकार्पण समारोह की अध्यक्षता करते हुये सत्येन्द्रनाथ मतवाला ने कहा कि ‘सपनों का सम्मान’ गजल संग्रह में रामचन्द्र राजा की यह पंक्तियां ‘ अपने ख्वाबों का यूं ही तो सम्मान हो, भूल कर भी किसी का न अपमान हो’ एक संदेश देती है।
कार्यक्रम में डा. रामकृष्ण लाल ‘जगमग’ जगदम्बा प्रसाद भावुक, सुशील कुमार सिंह पथिक, श्याम प्रकाश शर्मा, डा. राजेन्द्र सिंह ‘राही’ अनुरोध कुमार श्रीवास्तव, बलराम चौबे, फूलचन्द चौधरी, अख्तर वस्तवी, कलीम वस्तवी, पंकज सोनी, रहमान अली रहमान आदि की रचनायें सराही गई। मुख्य रूप से ओम प्रकाश द्विवेदी, नीरज वर्मा, वीरेन्द्र मौर्य, पेशकार मिश्र, ओंकार मिश्र, विनय कुमार श्रीवास्तव, साइमन फारूकी, शिवाकान्त पाण्डेय के साथ ही अनेक साहित्यकार, कवि, समाजसेवी उपस्थित रहे। संचालन अफजल हुसेन अफजल ने किया।