बच्चो का ऐसी शिक्षा दी जानी चाहिए जो उनके जीवन में लाये खुशहालीः श्रीमती आनन्दी बेन पटेल
कबीर बस्ती न्यूज,सिद्धार्थनगर।उ0प्र0।
महामहिम राज्यपाल श्रीमती आनन्दी बेन पटेल द्वारा सिद्धार्थ विश्वविद्यालय, कपिलवस्तु, सिद्धार्थनगर में विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित किये गये पंचम दीक्षान्त समारोह में उपस्थित होकर विश्वविद्यालय की गरिमा को बढ़ाकर गौरवान्वित किया गया। श्रीमती आनन्दी बेन पटेल, कुलपति प्रो0 हरि बहादुर श्रीवास्तव द्वारा द्वीप प्रज्ज्वलित कर एवं मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण किया गया। इसके पश्चात छात्र/छात्राओं द्वारा बन्दे मात्रम गीत तथा सरस्वती बन्दना गीत की प्रस्तुति की गयी।
महामहिम राज्यपाल श्रीमती आनन्दी बेन पटेल द्वारा पंचम दीक्षान्त समारेाह के अवसर पर अपने सम्बोधन में कहा कि महात्मा गौतम बुद्ध का बचपन का सिद्धार्थ था इसी के नाम पर जनपद तथा विश्वविद्यालय का नाम सिद्धार्थ रखा गया है। श्रीमती आनन्दी बेन पटेल ने कहा कि इस अवसर पर सिद्धार्थनगर की धरती पर पहुंचकर भगवान गौतम बुद्ध का नमन करती हूं। उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि बच्चो का ऐसी शिक्षा दी जानी चाहिए जो उनके जीवन में खुशहाली लाये। शिक्षा ऐसी हो जो ईश्वर तुल्य देश और समाज को खण्डित न करने की शिक्षा दी जाये। मा0 राज्यपाल/मा0 कुलाधिपति श्रीमती आनन्दी बेन पटेल ने अपने सम्बोधन में कहा कि मै प्रणाम करती हूू भगवान गौतम बुद्ध की धरती को, सिद्धार्थविश्वविद्यालय पूरे विश्व में अपनी पहचान का केन्द्र बने। उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र/छात्राओ को शुभकानाएं देते हुए सन्देश दिया कि अच्छे इंसान बनकर अपना जीवन जिये तथा अपनी मानवता का ज्ञान दे। विश्वविद्यालय में कोई भी नई विषय की शुरूआत करने में अनेको कठिनाईयां सामने आती है, उन कठिनाईयों को विश्वविद्यालय परिवार दूर करते हुए बच्चो का अच्छी शिक्षा दे।
दीक्षान्त समारोह में विश्वविद्यालय द्वारा स्नातक/स्नातकोत्तर कला संकाय, विज्ञान संकाय, विज्ञान संकाय तथा कृषि विज्ञान संकाय तथा अन्य विषयों में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले 33 छात्र/छात्राओ को कुलाधिपति गोल्ड मेडल एवं डिग्री कुलाधिपति द्वारा प्रदान की गयी। विश्वविद्यालय के निकटवर्ती प्राथमिक विद्यालय बर्डपुर, कस्तूरबा गंाधी बालिका विद्यालय, बर्डपुर अपर प्राथमिक विद्यालय बूड़ा के कुल 50 छात्र/छात्राओ को बैंग और अच्छा ज्ञन प्राप्त करने के लिए पुस्तके प्रदान की गयी। उन्होंने विद्यालय के शिक्षको से अपील करते हुए कहा कि जो पुस्तके दी जा रही है उन पुस्तको को विद्यालय के पुस्तकालय में सुरक्षित रखे तथा बच्चो को पढ़ने के लिए दी जाये। जिससे बच्चे अच्छा ज्ञान प्राप्त करके देश के प्रति बेहतर योगदान दे सके। उन्होंने अपने सम्बोधन में आगे कहा कि यह धरती भगवान गौतम बुद्ध की धरती है सिद्धार्थ ने यही पर 29 वर्ष व्यतीत कर सिद्धार्थ से बुद्ध बनकर पूरे विश्व को शान्ति, अंहिसा और करूणा का सन्देश दिया। गांव के प्रधान, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां यह तय करे कि गांव में कोई भी बच्चा कुपोषित नही होगा। हम सबका प्रयास होना चाहिए कि हर बच्चे को शिक्षा मिले। सभी लोगो से अपील की कि महिलाओ को शिक्षित बनाये। देश में 50 प्रतिशत महिलाये है। महिलाओ की सहभागिता से देश को आगे बढ़ाने में इनकी साझीदारी है। नई शिक्षा नीति लागू होने से विभिन्न विषयों में बदलाव हुआ है। सभी अभिभावको से अपील की कि अपने बच्चो को अवश्य पढ़ाये। समस्याओ को दूर करने के लिए युवाओ का प्रयास करने की आवश्यकता है। लाखो विद्यार्थियों द्वारा नवाचार करके अच्चा प्रयास कर देश के विकास में अपना योगदान दे रहे है। नेपाल बार्डर के करीब में जनपद के कुल 56 गांव है। लोगो से अपील किया कि सभी लोग समाज में आगे बढ़कर आंगनबाड़ी केन्द्रो में 30 हजार की एक किट खरीद कर अपना योगदान दे। बुराईयों को देखकर उससे लड़कर आगे बढ़े ।दहेज प्रथा समाज के अन्दर अभिशाप है। इसको समाप्त करने के लिए सभी लोग आगे बढ़कर कार्य करे जिससे दहेज प्रथा अभिशाप को समाप्त किया जा सके। उन्होने हाथ जोड़कर बिनती की कि दहेज प्रथा अभिशाप को समाप्त करे। अन्त में सभी लोगो को बधाई देकर अपना सम्बोधन समाप्त किया।
राज्यपाल श्रीमती आनन्दी बेन पटेल के सम्बोधन के पश्चात सभी लोगो द्वारा सामूहिक रूप से राष्ट्रगान जन-गण-मन का गायन किया गया। सिद्धार्थ विश्वविद्यालय, कपिलवस्तु, सिद्धार्थनगर में आयोजित पंचम दीक्षान्त समारोह में कुलपति प्रो0 हरिबहादुर श्रीवास्तव द्वारा मा0 कुलाधिपति श्रीमती आनन्दी वेन पटेल तथा उपस्थित सभी का स्वागत किया गया।
इस दीक्षान्त समारोह में पूर्व कुलपति सिद्धार्थ विश्वविद्यालय प्रो0 रजनीकान्त पाण्डेय, प्रो0 सुरेन्द्र दुबे, संासद डुमरियागंज जगदम्बिका पाल, विधायक डुमरियागंज राघवेन्द्र प्रताप सिंह, विधायक कपिलवस्तु श्यामधनी राही, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय, जिलाधिकारी दीपक मीणा, पुलिस अधीक्षक डा0 यशवीर सिंह, अपर जिलाधिकारी उमाशंकर, कुल सचिव राकेश कुमार, अपर पुलिस अधीक्षक सुरेश चन्द्र रावत, उपजिलाधिकारी नौगढ़ विकास कश्यप तथा सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के पंचम दीक्षान्त समारोह के आयोजन समिति के सदस्य तथा कार्य परिषद के सदस्य तथा सिद्धार्थ विश्वविद्यालय से सम्बद्ध समस्त महाविद्यालयों के प्राचार्य उपस्थित रहे।