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क्षय रोग उन्मूलन में जन जन का सहयोग आवश्यक: डॉ इन्द्र विजय विश्वकर्मा

−   क्षय रोगियों को पहचानकर उनको पहुंचाएं अस्पताल – सीएमओ

−   क्षय रोगी को मिलती है हर तरह की निशुल्क सुविधा – डीटीओ

कबीर बस्ती न्यूज:

संतकबीरनगर: मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ इन्द्र विजय विश्वकर्मा ने कहा कि क्षय रोग उन्मूलन में जन जन का सहयोग आवश्यक है। जहां भी किसी संभावित क्षय रोगी को देखों तो उसकी जांच अवश्य कराएं ताकि समय पर उसका इलाज कराया जा सके। ताकि 2025 तक भारत को क्षय रोग से मुक्त किया जा सके।

यह बातें उन्होने आजादी के अमृत महोत्सव के आइकोनिक वीक आफ हेल्थ के सम्बन्ध में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान कहीं। उन्होने आगे कहा कि क्षय रोग का पूर्ण उपचार संभव है। इसकी अवधि छः माह से लेकर 8 माह तक होती है। कुछ लोग उपचार के कुछ समय बाद रोग के लक्षणों की समाप्ति पर दवाए लेना बन्द कर देते हैं। इसके चलते वह बीमारी जटिल होकर पुनः उभर सकती है। अनियमित उपचार लेने वाले रोगियों पर दवा कारगर नहीं रह सकती है। क्षय रोग लाइलाज भी हो सकता है। अतः आवश्यक यह है कि चिकित्सक द्वारा निर्धारित दवाएं पूरी अवधि तक अवश्य लें। चाहे लक्षण समाप्त ही क्यों ने हो गए हों।  अनियमित इलाज से रोग जटिल तो हो ही सकता है उनके उपर दवाएं भी बेअसर हो सकती हैं। जटिल तथा रोग पद्धति की दवा के बेअसर रोगी का इलाज विशिष्ट उपचार वाले अस्पतालों में होने के साथ ही शरीर पर अवांक्षित प्रभाव डालने वाला भी होता है।

शरीर के किसी भी अंग में हो सकता है क्षय रोग

इस दौरान जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ एसडी ओझा ने बताया कि क्षय रोग माइक्रोबैक्टीरिया, ट्यूबरक्लोसिस नामक जीवाणु के संक्रमण के कारण होताहै। यह रोग मुख्यतः फेफड़े में होता है। लेकिन शरीर के अन्य अंगो जैसे दिमाग, हड्डी , ग्रन्थियों व आंत में भी हो सकता है। यह रोग टीबी के रोगी द्वारा खांसने या छींकने, रोगी द्वारा इधार उधर खुली जगह पर बलगम थूकने पर व रोगी के कपड़े, तौलिए, चादर आदि का प्रयोग करने से हो सकताहै।

यह हैं क्षय रोग के लक्षण

जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को दो सप्ताह से अधिक समय तक खांसी रहे , बुखार रहता हो तथा शाम को बढ़ जाता हो, सीने में दर्द हो, खांसी के साथाखून आए, भूख न लगे, वजन घटता हो यह टीबी के लक्षण हैं। यदि किसी भी व्यक्ति के अन्दर क्षय रोग के यह लक्षण दिखाइ दें तो उनकी जांच कराएं। जनपद की जांच के लिए ट्रूनाट व एक सीबीनाट मशीन है।

मरीजों के इलाज के लिए यह हैं सुविधाएं

जिले की आबादी कुल 20 लाख है। नौ ब्लाकों में कुल 8 टीबी यूनिट है। साथ ही बेलहर कला व मगहर में दो टीबी यूनिट बन रही है। 17 माइक्रोस्कोपिक सेंटर है। दो लेड माइक्रोस्कोप है, एक सीबीनाट व चार ट्रूनाट मशीन है। एक डीडीआरटीबी सेंटर है जिसमें चार बेड हैं। क्षय रोगियों को सारी सुविधाएं मुफ्त मिलती हैं। वर्तमान में 2488 मरीजों  का इलाज चल रहा है। जिनमें 167 जटिल क्षय रोगी हैं।