सास, बहू व बेटा सम्मेलन में बताये सीमित परिवार के फायदे
− स्वास्थ्य इकाइयों पर सास, बहू, बेटा सम्मेलन का हुआ आयोजन
– नवविवाहित दम्पति को भेंट की गई शगुन किट
कबीर बस्ती न्यूजः
संतकबीरनगर: मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. इन्द्र विजय विश्वकर्मा के दिशा-निर्देशन में स्वास्थ्य उपकेन्द्रों पर सास बहू बेटा सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस दौरान उन्हें सीमित परिवार की अहमियत बतायी गयी तथा नव दंपति को शगुन किट प्रदान की गई | इसके साथ ही इस मौके पर आयोजित विविध प्रतियोगिता के प्रतिभागियों को पुरस्कृत भी किया गया।
खलीलाबाद ब्लाक के बीसीपीएम महेन्द्र तिवारी के निर्देशन में मगहर स्थित स्वास्थ्य उपकेन्द्र पर इस सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस दौरान साल भर के दौरान चिन्हित नवविवाहित दम्पति को परिवार नियोजन के बारे में जानकारी दी गयी। इस दौरान 15 प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। इसमें 5 बहू, 5 बेटा व 5 सास शामिल रहीं। उन्हें नियोजित परिवार के फायदों के बारे में बताया गया । इनमें आशा कार्यकर्ताओं और एएनएम ने परिवार नियोजन के साधनों का उपयोग करने के लिए लोगों को जागरूक किया। स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर एक वर्ष के दौरान चिह्नित नवविवाहित दंपति को परिवार नियोजन साधन के बारे में परामर्श देकर शगुन किट का वितरण किया। इस दौरान आशा कार्यकर्ता अपने क्षेत्र से आठ से दस परिवारों से सास, बेटा और बहू को लेकर पहुंचीं। इन्हें परिवार नियोजन के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। सास,बेटा-बहू सम्मेलन का उद्देश्य सास-बहू और बेटे के मध्य समन्वय और संवाद को उनके पारस्परिक अनुभवों के आधार पर बेहतर बनाना है जिससे वह प्रजनन स्वास्थ्य के प्रति अपनी अवधारणाओं, व्यवहार व विश्वास में बदलाव ला सकें। इस दौरान आशा कार्यकर्ता, एएनएम, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, बीपीएम, बीसीपीएम के साथ ही सास, बहुएं और उनके बेटे शामिल हुए। कार्यक्रम में कम्यूनिटी हेल्थ आफिसर कविता गुप्ता, एएनएम रजनी पीटर, कविता वर्मा, बन्दना पाठक, आशा संगिनी मुन्नी देवी, आशा कार्यकर्ता ललिता, गगोत्री, गायत्री, मुनक्का, नर्बदा, चन्द्रावती, राधिका आदि उपस्थित रहे।
सम्मेलन के दौरान नियोजित परिवार की सीख
खलीलाबाद ब्लाक के भैंसहिया गांव की निवासी बरफा देवी ने बताया कि उनके बेटे की शादी 6 माह पहले हुयी थी। वह अपनी बहू निर्मला तथा बेटे अनिरुद्ध के साथ आयी थीं। यहां पर उन्हें कई जानकारियां प्राप्त हुई हैं। बहू को पहला बच्चा तीन साल बाद पैदा करने के साथ ही परिवार नियोजन के बारे में भी बताया गया। वहीं निर्मला ने बताया कि हम पहला बच्चा तीन साल बाद ही पैदा करेंगे, ताकि मैं व मेरा बच्चा दोनो स्वस्थ रहें। इस दौरान हम परिवार नियोजन के साधनों का उपयोग करेंगे।
सम्मेलन में इनको दी जा रही प्राथमिकता
जिले में परिवार नियोजन के लाजिस्टिक मैनेजर इम्तियाज अहमद बताते हैं कि इस सम्मेलन में जिन लोगों को प्राथमिकता दी जा रही है उनमें विगत एक वर्ष के दौरान विवाहित दंपति , विगत एक वर्ष के अंदर उच्च जोखिम वाली गर्भवती, ऐसे दंपती जिन्होंने परिवार नियोजन का कोई भी साधन नहीं अपनाया , ऐसे दंपति जिनके तीन से अधिक बच्चे हैं , आदर्श दंपति, ऐसे दंपति जिनके विवाह से दो वर्ष बाद पहला बच्चा हुआ हो , पहले बच्चे से दूसरे बच्चे में कम से कम तीन साल का अंतराल हो और ऐसे दंपति जिन्होंने दो बच्चों के बाद स्थायी साधन अपनाया हो प्रमुख तौर पर शामिल हैं।