समझाई अहमियत तो चौराकला के लोगों ने दवा खाई
– पौली ब्लाक के चौरा कला गांव के दर्जन भर लोगों ने नहीं खाई थी फाइलेरिया से बचाव की दवा
– टीम ने पहुंचकर लोगों के भ्रम को किया दूर तो उत्साह के साथ खाई दवा
कबीर बस्ती न्यूज:
संतकबीरनगर। जनपद के पौली ब्लाक क्षेत्र के चौरा कला गांव के कुछ लोगों ने फाइलेरिया से बचाव की दवा खाने से इनकार कर दिया था। इस बात की जानकारी होने पर जिला मलेरिया अधिकारी के नेतृत्व में पहुंची टीम ने उनको दवा की अहमियत समझायी तथा कोविड टीके का उदाहरण देते हुए उन्हें सरकारी दवा पर भरोसा दिलाया तो सभी लोग इस दवा को खाने के लिए राजी हो गए |
पौली ब्लाक के चौरा कला गांव की आशा कार्यकर्ता कमलावती देवी ने बताया कि उनके गांव के कुछ लोग फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन नहीं कर रहे हैं। घरों की महिलाओं ने दवा खा लिया है जबकि यह लोग नहीं खा रहे हैं। जानकारी मिलने पर अपनी टीम के साथ गांव में पहुंचे जिला मलेरिया अधिकारी राम सिंह ने दवा न खाने वाले रामभवन व शिवनारायण से पूछा कि आप दवा क्यों नहीं खा रहे हैं। इसके बाद वहां पर मौजूद रामभवन ने बताया कि सरकारी दवाओं पर उनको विश्वास नहीं है, इसीलिए वह दवा नहीं खा रहे हैं। इसके बाद जिला मलेरिया अधिकारी राम सिंह ने उनसे पूछा किकोविड का टीका लगवाया, तो रामभवन ने बताया कि उन्होने दो डोज कोरोना का टीका लगवा लिया है। इसके बाद जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि कोविड का टीका भी तो सरकार ने ही बनवाया है, उसके ऊपर आपको विश्वास है और फाइलेरिया रोकने के लिए बनाई गयी दवा पर विश्वास नहीं है। कोरोना से लोगों की मृत्यु हो रही थी, इसलिए आप लोगों ने उसका टीका लगवा लिया। फाइलेरिया को रोकने के लिए बनाई गयी यह दवा नहीं खा रहे हैं। इस बात को ध्यान रखिएगा कि फाइलेरिया मौत नहीं देती है, बल्कि फाइलेरिया होने के बाद आदमी का जीवन मौत से भी बदतर हो जाता है। सरकार जिन दवाओं को बनवाती है वह जनता के फायदे के लिए हीबनती हैं । इसलिए सरकार कोई भी दवा खिलाए तो इनकार नहीं करना चाहिए । यह दवा बाहर कहीं मिलेगी ही नहीं। अगर कोई व्यक्ति इस दवा को खाता नहीं है तो वह कब फाइलेरिया की चपेट में आ जाएगा यह कहा नहीं जा सकता है। आज शरीर में फाइलेरिया का जीवाणु पहुंचता है तो वह 20 साल बाद भीअसर कर सकता है , लेकिन अगर आप साल में एक बार लगातार पांचसाल दवा खा लिए तो फाइलेरिया का कोई भी जीवाणु जो 15 साल पहले से भी आपके शरीर में होगा वह समाप्त हो जाएगा। इसलिए सभी को दवा खाना बहुत ही आवश्यक है। इसके बाद गांव के उन सभी लोगों ने फाइलेरिया की दवा खाई, जिन लोगों ने दवा खाने से इनकार कर दिया था।
टीम ने गांव के लोगों को किया जागरुक
चौरा कला गांव में जिला मलेरिया अधिकारी राम सिंह के निर्देशन में पहुंची टीम के सदस्यों पीसीआई के जिला कोआर्डिनेटर मोहम्मद आसिफ, बीसीपीएम पौली राकेश यादव, आशा कार्यकर्ता कमलावती देवी, स्वयंसेवी संस्था के प्रमोद कुमार तथा एएनएम सुमन चौधरी ने मिलकर गांव के लोगों को जागरुक भी किया कि वह फाइलेरिया से मुक्ति के लिए आशा कार्यकर्ता व एएनएम द्वारा दी जाने वाली फाइलेरिया से बचाव की दवा को जरुर खाएं।
अधिकारियों के समझाने पर लोगों ने खाई दवा
गांव की आशा कार्यकर्ता कमलावती देवी बताती हैं कि गांव के 10 परिवारों के कुछ लोग दवा नहीं खा रहे थे, इस बात की जानकारी जिले पर दी गयी तो जिले से टीम आई थी, उन लोगों ने समझाया तथा घर घर जाकर लोगों को दवा खिलाया। उनके समझाने का असर ऐसा हुआ कि सभी लोगो ने दवा खा लिया है। किसी को कोई परेशानी नहीं है।