सुदृढ़ की जाएंगी स्वास्थ्य संचार व सामाजिक व्यवहार परिवर्तन की गतिविधियां
आईईसी, बीसीसी और एसबीसीसी गतिविधियों के संचालन के संबंध में जिला समिति की बैठक
ब्लॉक स्तर पर भी गठित की जाएंगी समितियां
गोरखपुर: समुदाय के बीच स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाये जा रहे जनुपयोगी कार्यक्रमों की सफलता में स्वास्थ्य संचार एवं सामाजिक व्यवहार परिवर्तन की अहम भूमिका है । इससे जुड़े गतिविधियों को सुदृढ़ किया जाएगा । यह निर्णय सूचना शिक्षा एवं संचार (आईईसी), व्यवहार परिवर्तन संचार (बीसीसी) और सामाजिक एवं व्यवहार परिवर्तन संचार (एसबीसीसी) की जिला स्तरीय समिति की बैठक में लिया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे की अध्यक्षता में बुधवार की देर शाम तक हुई बैठक में यह भी तय हुआ कि ब्लॉक स्तर पर भी यह समितियां गठित की जाएंगी ।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ दूबे ने बताया कि इन समितियों को जिला स्तर से ब्लॉक स्तर तक सुदृढ़ कर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रचार-प्रसार से संबंधित सामग्री समुदाय तक पहुंचे और उन्हें जागरूक कर स्वास्थ्य योजनाओं से जोड़ा जाए । आईईसी सामग्रियों की गुणवत्ता भी सुनिश्चित की जाएगी । सही सूचना और जानकारी के प्रभाव से समुदाय को संवेदीकृत करना सरल हो जाता है । स्वास्थ्य कार्यक्रमों को सफल बनाने में संचार की अहम भूमिका होती है । जिला स्तरीय समिति में विभिन्न कार्यक्रमों के नोडल अधिकारियों के साथ-साथ सहयोगी संस्थाओं को भी शामिल किया गया है ताकि उनके सुझाव व सहयोगात्मक पर्यवेक्षण का लाभ लिया जा सके । बैठक में 12 से 14 वर्ष आयु वर्ग के बीच कोविड टीकाकरण बढ़ाने पर भी चर्चा हुई और तय किया गया कि इसमें राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) टीम और प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों का भी सहयोग लिया जाएगा।
बैठक में समिति से जुड़े जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ नंदलाल कुशवाहा, एसीएमओ डॉ एके चौधरी, जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ गणेश प्रसाद यादव, नोडल अधिकारी आयुष्मान भारत योजना डॉ अनिल कुमार सिंह,जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी केएन बरनवाल, उप जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी सुनीता पटेल, जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह, डीपीएम पंकज आनंद, मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम से रमेंद्र त्रिपाठी, जेई एईएस कंसल्टेंट सिद्धेश्वरी सिंह, यूनिसेफ संस्था से डॉ हसन फहीम, यूएनडीपी संस्था से पवन कुमार सिंह, सीफार संस्था से वेद प्रकाश पाठक और सीएचएआई संस्था से दिलीप गोबिंद राव भी मौजूद रहे।
समितियों की भूमिका
• प्रचार सामग्री को समुचित वितरण हो और वह समुदाय तक पहुंचे
• प्रचार सामग्री का प्रत्येक स्तर पर सही से रखरखाव हो
• कार्यक्रम में प्रावधानित धनराशि के अनुसार माइकिंग, रैली आदि गतिविधियां हों