इस वर्ष भी की जायेंगी लक्ष्मी पूॅजा की परम्परागत मूर्तियों की स्थापना: डीएम
कबीर बस्ती न्यूजः
बस्ती: जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने निर्देश दिया है कि लक्ष्मी पूॅजा की परम्परागत मूर्तियों की स्थापना इस वर्ष भी की जायेंगी। थाना दिवस वाल्टरगंज में लोगों की समस्याओं को सुनने के बाद उन्होने त्यौहार रजिस्टर का निरीक्षण किया। इसके अनुसार वर्ष 2021 में 115 मूर्तिया थाना क्षेत्र में स्थापित की गयी थी। इस बार 129 मूर्तिया स्थापित करने के लिए आवेदन प्राप्त हुआ है। जिलाधिकारी ने कहा कि बिना अनुमति के नयी मूर्तिया स्थापित नही की जायेंगी। यदि कोई व्यक्ति मनौती या अन्य कारण से मूर्ति स्थापित करता है, तो उसे केवल वनटाइम स्थापना की अनुमति दी जायेंगी। वह पुनः अगले वर्ष मूर्तिया स्थापित नही करेंगे।
उन्होने कहा कि त्यौहार रजिस्टर में धनतेरस से लेकर छठ तक अलग-अलग पर्व की अलग-अलग सूचनाए दर्ज की जाय। उन्होने वर्ष 2019 में दर्ज सूचनाओं का अवलोकन किया। उन्होने आतिशबाजी बेचने के लिए निर्धारित स्थान तथा लाइसेंस का निरीक्षण किया। थाना क्षेत्र के अन्तर्गत 22 व्यक्तियों को पटाखें का लाइसेंस दिया गया है।
उन्होेने अपराध रजिस्टर का निरीक्षण किया। इसमें एन.एस.ए., गोवध, आबकारी, गुण्डाएक्ट जैसे गम्भीर अपराधों का विवरण भी दर्ज करने का निर्देश दिया। उन्होेने समीक्षा में पाया कि वाल्टरगंज थानाक्षेत्र के अन्तर्गत लेखपालों की सूची अभी तैयार नही है। उन्होने निर्देश दिया कि थाने के अन्तर्गत लेखपालों की सूची 15 दिन में तैयार कर प्रस्तुत करें। उन्होने लेखपालों को निर्देशित किया कि वे अपने हल्के के सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे की सूची तैयार कर प्रस्तुत करें।
उन्होने निर्देश दिया कि अस्थायी अवैध कब्जा तत्काल हटाये। इसके लिए धारा-67/5 कार्यवाही की आवश्यकता नही है। स्थायी प्रकृति के अवैध कब्जे के हटाने की प्रक्रिया शुरू करें। थानाध्यक्ष योगेश कुमार सिंह ने पिछले थाना दिवसों में प्राप्त शिकायतों को ब्यौरा प्रस्तुत किया।
जिलाधिकारी ने शिकायतकर्ता राममिलन तथा राजेन्द्र से फोन पर उनके शिकायतों के निस्तारण का सत्यापन किया। राममिलन ने बताया कि उनकी शिकायत के निस्तारण के लिए कोई लेखपाल उनके पास नही पहुॅचा, जबकि हल्के के लेखपाल द्वारा निस्तारण की रिपोर्ट लगा दी गयी है। जिलाधिकारी ने इस पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए लेखपाल को तत्काल मौके पर जाकर निस्तारण कर फोटो सहित आख्या देने का निर्देश दिया। राजेन्द्र का विवाद पारिवारीक है एंव इसमें न्यायालय में वाददायर करके ही फैसला हो सकता है।