गौ संरक्षण में किसी प्रकार की शिथिलता या लापरवाही क्षम्य नहीं: जिलाधिकारी
कबीर बस्ती न्यूज:
बस्ती: गौ संरक्षण सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता का कार्यक्रम है। इसमें किसी प्रकार की शिथिलता या लापरवाही क्षम्य नहीं होगी। उक्त निर्देश जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने दिया हैं। कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित गौ संरक्षण कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए उन्होंने प्रत्येक ब्लॉक में 5-5 गौशाला संचालित ना करने पर नाराजगी व्यक्त किया। इस कार्य में शिथिलता के लिए उन्होंने लगभग आधा दर्जन बीडीओ का वेतन रोकने का निर्देश दिया है। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि प्रत्येक ब्लॉक में 7-7 गौ संरक्षण केंद्र संचालित करते हुए छुट्टा पशुओं को इसमें सुरक्षित करें। साथ ही चारागाह में नैपियर घास की बुवाई करें ताकि इन पशुओं के लिए चारे की कमी ना हो।
उन्होंने कहा कि पूर्व में 114 गौशालाए संचालित थी परंतु वर्तमान में केवल 56 गौशालाए सक्रिय हैं। उन्होंने निर्देश दिया है कि पूरे जिले में कम से कम 100 गौशाला संचालित करके छुट्टा पशुओं को संरक्षित किया जाए। उन्होंने गौशालाओं का कलस्टर बनाने का भी निर्देश दिया है। उन्होंने सीडीओ को निर्देशित किया कि मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, रामनगर के बीडीओ तथा अधिशासी अभियंता पीडब्ल्यूडी के साथ परसोंहिया का सर्वे करके रिपोर्ट दें ताकि वहां पर बृहद गौशाला खोली जा सके।
जिलाधिकारी ने नगर पालिका एवं नगर पंचायत क्षेत्र में शाम को 7.00 बजे के बाद अभियान चलाकर छुट्टा पशुओं को पकड़ने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि कैटिल कैचर का उपयोग करते हुए पशु पकड़े जाएं तथा निकट के गौशाला में रखे जाएं। उन्होंने सभी पशु चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि नियमित रूप से गौशालाओं का भ्रमण करें तथा बीमार पशुओं का इलाज करें। उन्होंने गौशालाओं में संरक्षित पशुओं को ठंड से बचाने के लिए जूट एवं प्लास्टिक का पर्दा लगाने का भी निर्देश दिया है।
समीक्षा के दौरान गौशालाओं के संचालन में बस्ती सदर, साऊघाट, कप्तानगंज, कुदरहा, बनकटी, सल्टौआ तथा बहादुरपुर मे शिथिलता पाए जाने पर जिलाधिकारी ने संबंधित बीडीओ का वेतन अग्रिम आदेशों तक रोकने के लिए निर्देश दिया है।
उन्होंने निर्देश दिया है कि पिछली बरसातों में जिन गौशालाओं में पानी भर गया था, उसे बंद करके नए स्थान पर गौशालाए संचालित करें। इसके लिए भूमि चयन में संबंधित एसडीएम की सहायता लें। जो बहुत छोटी गौशालाए संचालित की जा रही थी, उसे भी बंद करके बड़े स्थान पर गौशालाए संचालित करें। शासन के निर्देशानुसार कम से कम 25 पशु रखने पर एक गौ सेवक की तैनाती होगी और उसका मानदेय दिया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिया कि जिन गौशालाओं में 25 से कम पशु रखे गए हैं, वहां पर पशुओं की संख्या बढ़ाई जाए।
बैठक में सीडीओ डॉ. राजेश कुमार प्रजापति, एडीएम कमलेश चंद्र,, डीडीओ अजीत श्रीवास्तव, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अश्वनी तिवारी, उप जिलाधिकारी शैलेश दुबे, जीके झा, आनंद श्रीनेत, गुलाबचंद, खंड विकास अधिकारी तथा पशु चिकित्सा अधिकारी गण उपस्थित रहे।