चित्रकूट जेल काण्ड: पुलिस टीम ने टुकड़ियों में बंटकर प्रदेश के कई जिलों में की छापेमारी
208 पुलिस कर्मियों की टीम ने गोपनीय तरीके से किया छापेमारी की कार्रवाई
कबीर बस्ती न्यूज।
चित्रकूट: जिले में जेल प्रकरण में पहली बार जिले में एक साथ पूरे मंडल की पुलिस टीम ने अलग-अगल टुकड़ियों में बंटकर पूरे प्रदेश के कई जिलों में छापेमारी की। इसमें चित्रकूट के अलावा बांदा, बस्ती, गाजीपुर और लखनऊ आदि शामिल हैं। डॉन माफिया मुख्तार अंसारी के पैतृक गांव भी पुलिस टीम पहुंची थी। कई जगह पुलिस टीम को मामले में बड़ी सफलता भी मिली। इस छापेमारी के दौरान कई जगह संदिग्ध लोग भनक लगने पर भाग निकले हैं। इनकी तलाश की जा रही है।
मंगलवार को एसपी वृंदा शुक्ला ने भी इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि पूरे मंडल चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर व महोबा जिले से अतिरिक्त पुलिस फोर्स की कुल 208 पुलिस कर्मियों की टीमें बनाकर सभी को चिहिंत संदिग्धों की फोटो व उनके घर प्रतिष्ठानों के पते देकर रवाना किया गया था। यह ऑपरेशन डीआईजी विपिन शुक्ला व एसपी चित्रकूट के अलावा एसआईटी व एसटीएफ की मदद से बेहद खुफिया तरीके से चलाया गया। बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी के पैतृक गांव गाजीपुर स्थित मकान में पुलिस टीम पहुंची लेकिन वहां कुछ खास नहीं मिला। इसके बाद उनके चालक गाजीपुर के रेवतीपुर निवासी नियाज अंसारी के घर जांच टीम ने छापा डाला। यहां से एसबीआई की चेकबुक से चार चेक कटी मिलीं। इसका परिजन कोई हिसाब या नाम नहीं बता पाए। नियाज के भाई के नाम दस लाख रुपये की एफडी मिली। यह रुपया कहां से आया इसका भी हिसाब नहीं मिला। चार लाख रुपये कैश मिले और यह कैसे घर में हैं, इसका भी परिजनों ने कोई हिसाब नहीं दिया। नियाज के खाते से पांच ऑनलाइन 50 हजार रुपयों का ट्रांजक्शन की पर्ची मिली है। इसकी जांच की जा रही है। इसके अलावा एक नई स्कार्पियो मिली है। इसे कहां से खरीदा गया और रुपया किसने दिया यह सब जांच शुरु कर दी गई है।