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स्वास्थ्य सेवाओं मे उत्कृष्ठ योगदान के लिए सम्मानित किये गये डा0 अजय कुमार चौधरी बिना पीएनडीटी के जी.सी.अल्ट्रासाउंड सेन्टर संचालक चला रहा है स्वास्थ्य विभाग के सीने पर हथौडा अहिल्याबाई होलकर के सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को जीवन्त कर रहे हैं मोदी, योगी-डॉ. रमापति राम त्रिपाठी योजनाओं एवं चिकित्सीय सुविधाओं के संबंध में गुणात्मक सुधार लायें  अधिकारी- मण्डलायुक्त शिकायतों पर आकृति डायग्नोस्टिक सेन्टर सील, संचालक को थमाया नोटिश, हडकम्प रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण शुरू होने पर प्रसन्नताः व्यापारियों ने बांटी मिठाई महिला उत्पीड़न से सम्बन्धित मामलों की आयोग की सदस्या ने की सुनवाई एंटी रैबीज सीरम लगाये जाने को लेकर मण्डलीय कार्यशाला सम्पन्न विश्व हिन्दू महासंघ ने सौंपा ज्ञापन, गोहत्यारों के विरूद्ध कार्रवाई की मांग एक देश एक चुनाव’ पर प्रबुद्ध समागम में चर्चा

जिले मे पीएनडीटी का बुरा हालः 50 हजार मे हो रहा है मरीजों के जीवन का सौदा

आकृति डायग्नोस्टिक सेन्टर गायघाट के नाम से पंजीकृत मगर कुदरहा मे है संचालित

स्वास्थ्य विभाग एवं डायग्नोस्टिक सेन्टर संचालक मिलकर कर रहे हैं बडा खेल

यदि पंजीकुत स्थान से अन्य जगह डायग्नोस्टिक सेन्टर संचालित ेिकया जा रहा है तो कानूनन गलत, होगी कार्यवाही- एडी हेल्थ

कबीर बस्ती न्यूज।

बस्ती। जिले मे पीएनडीटी का बुरा हाल है। यहां तो खेत ही मेड खा रहा है। यहां तो स्वास्थ्य विभाग एवं मास्टर माइंड डायग्नोस्टिक सेन्टर संचालक मिलकर बडा खेल कर रहे हैं। हो क्यों न जब इस सुविधा के लिए प्रत्येक संचालक 50 हजार रूपया महीना साहब को चढावा चढाता है। जिले मे 119 डायग्नोस्टिक सेन्टर पंजीकृत हैं आप गणित लगा लीजिए यह भारी भरकम रकम कहां और किसके जेब मे जाता है। यह हम नही बल्कि विभागीय भरोसेमेद सूत्र नाम न छापने के शर्त पर बता रहे हैं। इतना ही नही बल्कि जिस जगह के लिए डायग्नोस्टिक सेन्टर पंजीकुत है उसमें भी घालमेल हैं जो बडा धोखाधडी का मामला है। जिसे विभाग के आला अधिकारी भी बाखूबी जानते हैं।

एक ऐसा डायग्नोस्टिक सेन्टर प्रकाश मे आया है जो आकृति डायग्नोस्टिक सेन्टर गायघाट के नाम से पंजीकृत है लेकिलन जिम्मेदारों के आसीम अनुकम्पा से कुदरहा मे सरकारी अस्पताल के सामने खुलेआम संचालित है। गत दिनों जिले के सभी डायग्नोस्टिक सेन्टरों की जांच डीएम के द्वारा गठित टीम भी जांच कर चुकी है और ऑल इज वेल का रिर्पोट भी लगा चुकी है। जांच अधिकारियों को सेन्टर के पजींकरण का पता भी घूस के गर्मी के आगे नही दिखाई दिया। हलांकि यह जांच रिर्पोट अभी दबाया और छिपाया गया है।

इस सम्बन्ध मे अपर निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य बस्ती मण्डल डा0 नीरज कुमार पाण्डेय से पूछा गया तो उन्होने बताया कि यदि पंजीकृत स्थान से अन्य जगह डायग्नोस्टिक सेन्टर संचालित किया जा रहा है तो कानूनन गलत है इसकी जांच कराकर संचालक के विरूद्व कार्यवाही करते हुए पंजीकरण निरस्त किया जायेगा।