Logo
ब्रेकिंग न्यूज़
अमित हास्पिटल मे बीएएमएस डिग्री धारक करता है महिला रोगों तथा अन्य गंभीर रोगों का इलाज न डिग्री न रजिस्ट्रेशन फिर भी कथित वैध आर0 डी0 चौधरी करता है नाक कान गला रोग का इलाज जिले मे नाजायज अल्ट्रासाउंड सेन्टरों का भरमार यहां यमराज करते हैं मरीजों का अल्ट्रासाउंड श्रमजीवी पत्रकार यूनियन पदाधिकारियों को दिलाया शपथ, दायित्वों पर खरा उतरें पत्रकार-डा. वी.के. वर्मा निजी डायग्नोस्टिक सेन्टरों पर रजि0 चिकित्सकों के स्थान पर मुन्ना भाई करते हैं अल्ट्रासाउंड भाजपा की सरकार में उपेक्षित हैं विश्वकर्मा समाज के लोग-राम आसरे विश्वकर्मा 700 से अधिक वादकारियों ने सीएम को भेजा पत्र, त्वरित न्याय प्रदान करने के लिए प्रभावी कार्रवाई कराने ... जयन्ती पर याद किये गये पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. चौधरी अजित सिंह कुपोषण और एनीमिया से बचाव के लिए कृमि मुक्ति की दवा का सेवन अनिवार्य-सीएमओ पूजन अर्चन के साथ भगवान श्रीराममय हुआ कैली का डायलसिस यूनिट

विभिन्न रोगों के प्रकोप से ऐसे बचाएं धान की फसल

धान की फसल में इस समय सैनिक कीट, झोका, हल्दिया रोग एंव गन्धी बग कीट तेजी से फसलों पर संक्रमण कर पहुॅचाते है नुकसान

कबीर बस्ती न्यूज,बस्ती।उ0प्र0।

खरीफ की मुख्य फसल धान में बालियॉ निकलना प्रारम्भ हो गयी है और इसी समय धान की फसल में विभिन्न प्रकार के रोग एवं कीट का प्रकोप अधिक होता है। उक्त जानकारी देते हुए उप कृषि निदेशक रक्षा राम बचन राम ने बताया है कि धान की फसल में इस समय सैनिक कीट, झोका, हल्दिया रोग एंव गन्धी बग कीट तेजी से फसलों पर संक्रमण कर नुकसान पहुॅचाते है।
उन्होने बताया कि सैनिक कीट सूड़िया भूरे रंग की होती है, जो दिन के समय किल्लों के मध्य अथवा भूमि की दरारों छिपी रहती है तथा शाम को निकल कर पौधों की बालियों को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर नीचे गिरा देती है। उन्होने बताया कि झोका रोग में पौधे की पत्तियो पर ऑख की आकृति के धब्बे बनते है। इस रोग में पत्तियों के अतिरिक्त बालियों, डण्ठलों, पुष्प शाखाओं एवं गाठों पर काले भूरे धब्बे बनते है। इस रोग के नियंत्रण हेतु कार्बेडाजिम 50 प्रति डब्लूपी 500 ग्राम या एडीफेनफॉस 50 प्रतिशत ई0सी0 500 मिली या हेक्साकोनाजोल 05 प्रतिशत ई0सी0 01 लीटर या मैंकोजेब 75 प्रतिशत डब्लू0पी0 02 किग्रा0 को 500 से 750 लीटर मात्रा को प्रति हेक्टेयर के हिसाब से पानी में घोलकर छिड़काव करें।
उन्होने बताया कि फाल्स स्मट या मिथ्या कडुआ रोग (हल्दिया रोग) के नियंत्रण हेतु कापर आक्सीक्लोराइड 77 प्रतिशत, डब्लू0पी0 02 किग्रा0 प्रति हेक्टेयर अथवा पिकोसीस्ट्रोबिन 7.05 प्रतिशत और प्रोपीकोनाजाल 11.7 प्रतिशत, एस0सी0 01 किग्रा0 अथवा कार्बेडाजिम 50 प्रति डब्लू0पी0 500 ग्राम मात्रा प्रति हेक्टेयर की दर से 500 से 700 लीटर पानी में घोल कर छिड़काव करें।
उन्होने बताया है कि गन्धी बग कीट एवं सैनिक कीट के नियत्रंण के लिए किसान भाईयों को कीटनाशक दवा जैसे पैराथियान 02 प्रतिशत धूल 20 से 25 किग्रा0 व मैलाथियान 05 प्रतिशत धूल 20 से 25 किग्रा0 या फेनबलरेट 0.04 प्रति धूल 20 से 25 किग्रा0 रसायन को प्रति हेक्टेयर के हिसाब से भुरकाव करें।