डिस्पोजेबल चम्मच से ही पिलाएं बच्चों को बिटामिन ए की खुराक – सीएमओ
− बाल स्वास्थ्य पोषण माह का शुभारंभ, 2.25 लाख बच्चों को दी जाएगी खुराक
− कोविड प्रोटोकाल का रखें विशेष ध्यान, वीएचएनडी सत्र पर 10 से अधिक बच्चे न हों इकट्ठा
कबीर बस्ती न्यूज,संतकबीरनगर।उ0प्र0।
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ इन्द्रविजय विश्वकर्मा ने कहा कि बच्चों को बिटामिन ए की खुराक देते समय डिस्पोजेबल चम्मच का ही प्रयोग करें। बिटामिन ए की शीशी के साथ आने वाली चम्मच से खुराक की मात्रा लें तथा डिस्पोजेबल चम्मच के जरिए ही बच्चों को यह खुराक दें। कोविड प्रोटोकाल को देखते हुए किसी भी वीएचएनडी सत्र पर एक साथ 10 से अधिक बच्चे एकत्रित न हों।
यह बातें उन्होने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खलीलाबाद में बाल स्वास्थ्य पोषण माह के शुभारंभ के अवसर पर कहीं। उन्होने चार साल के बच्चे सुमित को बिटामिन ए की खुराक देते हुए कहा कि नौ माह से पांच साल तक का कोर्इ भी बच्चा इस खुराक से वंचित नहीं रहना चाहिए। इस मौके पर रोटरी क्लब के अध्यक्ष तथा पूर्व जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ ए के सिन्हा ने कहा कि बच्चे अमूल्य हैं। इनको हर रोग से बचाने की जिम्मेदारी विभाग की है। समय समय पर अभियान चलाकर स्वास्थ्य विभाग बच्चों के टीकाकरण के साथ ही अन्य योजनाएं चलाता है। चाहे वह पोलियो अभियान हो या फिर इंसेफेलाइटिस का। हर अभियान में रोटरी क्लब स्वास्थ्य विभाग का निरन्तर सहयोग करता रहेगा। इस अवसर पर बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. वी. के. सोनी ने बताया कि विटामिन ए से बच्चों में रोगों से लड़ने की क्षमता में वृद्धि होती है, रतौंधी रोग से बचाव होता है, कुपोषण से बचाव होता है। मानसिक दिव्यांगता में कमी आती है। एक साल में दो बार विटामिन ए की खुराक लेने से सभी कारणों से होने वाली मृत्यु में 23 प्रतिशत कमी, खसरे के कारण होने वाली मृत्यु में 50 प्रतिशत कमी तथा अतिसार रोग के कारण होने वाली मृत्यु में 33 प्रतिशत की कमी आती है।
शुभारंभ के अवसर पर जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ एसडी ओझा, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डाँ एस रहमान, वीपीएम अभय त्रिपाठी, डिस्ट्रिक्ट वैक्सीन मैनेजर सुशील कुमार और डीसीपीएम महेन्द्र त्रिपाठी के साथ ही अन्य लोग उपस्थित रहे।
एनीमिया से बचाएगा आईएफए सिरप
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने एनीमिया से बचाव के लिए बच्चों को आर्इएफए सीरप भी देने का निर्देश दिया। हर सत्र में बच्चों को विटामिन ए के साथ ही आर्इ एफ ए सीरप भी दिया जाएगा। यह आर्इ एफ ए सीरप छह माह से लेकर पांच साल तक के बच्चों को दिया जाएगा। इस सीरप से बच्चों के अन्दर खून की कमी नहीं होती है। इससे बच्चों को एनीमिया नहीं होता है।
टीम ने किया सहयोगात्मक पर्यवेक्षण
बाल स्वास्थ्य पोषण माह के शुभारंभ के बाद पर्यवेक्षण के लिए लगार्इ गर्इ टीम के पदाधिकारियों ने विभिन्न वीएचएनडी सत्रों का जाकर निरीक्षण किया। डॉ एचयू अंसारी ने सांथा, बीसीपीएम नन्दिनी राय ने गौराखुर्द व बून्दीपार, आनन्द राय ने नगपुरवा, मेंहदावल मे जाकर वहां पर वीएचएनडी की स्थिति को देखा तथा कोविड प्रोटोकाल के साथ ही डिस्पोजल चम्मच से बिटामिन ए की खुराक देने के निर्देश दिए। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ एस रहमान ने सरैया में वीएचएनडी सेण्टर का निरीक्षण किया।
यह होगी विटामिन ए की डोज
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने बताया कि विटामिन ए की खुराक जिले के नौ माह से पांच साल तक के बच्चों को दी जाएगी। नौ माह से पांच साल तक के कुल 2.25 लाख बच्चे जनपद में हैं। इनमें से नौ माह से 12 माह तक के 13 हजार बच्चे हैं, इन्हें आधा चम्मच अर्थात एक मिली लीटर घोल दिया जाएगा। जबकि एक से दो वर्ष के कुल 54 हजार बच्चे हैं, जिन्हें दो एमएल अर्थात एक चम्मच बिटामिन का घोल दिया जाएगा। वहीं दो वर्ष से पांच वर्ष तक के कुल 1.5 लाख बच्चे हैं, जिन्हें एक पूरा चम्मच अर्थात 2 एमएल का घोल दिया जाएगा। कुल 2070 सत्र चलाए जाएंगे।