जालौन के उरई कोतवाली पुलिस को है मृतक से खतरा, शान्तिभंग मे किया चालान
पुलिस ने मरे हुए युवक को किया शान्तिभंग मे पाबंद
कबीर बस्ती न्यूजः
जालौन: उरई कोतवाली पुलिस का बड़ा कारनामा सामने आया है। जहां पुलिस ने बिना जांच किए ही विधानसभा चुनाव में ऐसे लोगों को पाबंद कर दिया, जो अब इस दुनिया में नहीं है। ऐसा ही मामला उरई कोतवाली क्षेत्र से आया है। जहां पुलिस ने 8 साल पहले मर चुके एक व्यक्ति को 107/116 में पाबंद कर दिया। इतना ही नहीं प्रतिष्ठित व्यापारी और बार संघ कोषाध्यक्ष को भी बिना जांच पड़ताल किए पुलिस ने शांति भंग का नोटिस भेज दिया। मृतक को पाबंद करने का मामला जब प्रकाश में आया, तो पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया और आला अधिकारी अब मामले को दबाने में जुट गए हैं।
परिवार के लोग हुए परेशान
बता दें कि विधानसभा चुनाव को देखते हुए पुलिस द्वारा लगातार अराजक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। जिससे चुनाव में किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी न हो सके, लेकिन पुलिस विभाग स्वयं गड़बड़ी करने में लगा है। बिना जांच पड़ताल किए ही मरे हुए लोगों को नोटिस भेज रहा है। मामला उरई कोतवाली क्षेत्र का है। जहां विजयनगर के रहने वाले देवेंद्र प्रताप सिंह पुत्र जय प्रताप नारायण सिंह की 10 अक्टूबर 2014 में मृत्यु हो गई थी। इसके बावजूद भी पुलिस ने बिना जांच पड़ताल किए ही उन्हें 107/116 में नोटिस भेजकर जमानत भरने का आदेश दिया। जब ये आदेश मृतक के घर पहुंचा तो परिजन सन्न रह गए।
ये मानवीय भूल है
जो व्यक्ति मर चुका है वो चुनाव में कैसे कोई अप्रिय घटना कर सकता है। इतना ही नहीं उरई कोतवाली पुलिस द्वारा जिन लोगों को नोटिस भेजा गया, उनमें अधिकतर व्यापारी, अधिवक्ता और शिक्षक हैं। उरई कोतवाली पुलिस ने शिक्षामित्र शिवेंद्र मोहन, बार संघ के कोषाध्यक्ष पंकज कुमार, व्यापारी प्रतीक, सर्राफा व्यापारी आशीष सहित कई लोगों को नोटिस भेजे हैं। जिनके खिलाफ कोई भी अभी तक आपराधिक मामला दर्ज नहीं है। ये मामला आने के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया। पुलिस मामले को दबाने में जुट गई मामले में उरई कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक शिव कुमार राठौर का कहना है कि ये मानवीय भूल है। मानवीय भूल के कारण ये नोटिस गया है, जिसे बाद में वापस ले लिया गया।