राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने सादगी से मनाया 57 वां स्थापना दिवस
कर्मचारी हिम्मत न हारे, शीघ्र लागू होगी पुरानी पेंशन नीति- हरिकिशोर तिवारी
कबीर बस्ती न्यूजः
बस्ती । शनिवार को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश का 57 वां स्थापना दिवस प्रेस क्लब के सभागार में मतदाता जागरूकता कार्यक्रम के रूप में मनाया गया। मुख्य अतिथि परिषद के प्रदेश अध्यक्ष ई. हरिकिशोर तिवारी ने कहा कि पुरानी पेंशन नीति बहाल किये जाने का आन्दोलन व्यर्थ नहीं जायेगा, अब वह दिन दूर नहीं है जब आने वाले सरकार पुरानी पेेंशन नीति बहाली की घोषणा कर देें। कहा कि देश भर के कर्मचारियों की आवाज को राजस्थान की सरकार ने सुना और पुरानी पेंशन नीति बहाल करने की घोषणा कर दी। उन्होने कहा कि कर्मचारियों के बुढापे की लाठी कमजोर नहीं होने पायेगी, इसके लिये परिषद का संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक बजट में इसकी व्यवस्था नहीं हो जाती। उन्होने एकजुटता बनाये रखने पर जोर दिया।
परिषद के प्रदेश महामंत्री शिव बरन सिंह यादव ने कहा कि पिछले वर्षो में कर्मचारियों का हर स्तर पर उत्पीड़न हुआ, एस्मा लागू कर उन्हें डराया गया, हक मांगने पर मुकदमें दर्ज कराने के साथ ही लाठियां बरसायी गई, इसके बावजूद प्रदेश के कर्मचारी अपनी मांगों पर डटे रहे। कहा कि सरकार चाहे जिस दल की बने उसे पुरानी पेंशन नीति बहाल करना ही होगा।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के मण्डल अध्यक्ष प्रताप नारयण शुक्ल, जिलाध्यक्ष मस्तराम वर्मा, जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष राम अधार पाल, जिला मंत्री तौलू प्रसाद, अरूण प्रजापति, अशोक मिश्र, अखिलेश पाठक, अरूणेश पाल, सन्तोष राव, राकेश कुमार पाण्डेय, उमेश वर्मा, अजय आर्या, सुभाष मिश्र आदि ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये कहा कि अपने मताधिकार का प्रयोग सोच समझ कर करें। इस अवसर पर कर्मचारी नेताओं ने 57 वें स्थापना दिवस के खुशियों को साझा किया और सेवा निवृत्त कर्मचारी जलालुद्दीन कुरैशी, परमात्मा प्रसाद को अंग वस्त्र, माल्यार्पण कर सम्मानित किया गया। कहा कि परिषद के विस्तार में लाखों कर्मचारियों का योगदान रहा है।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रमोद कुमार शुक्ल, अमरनाथ गौतम, उमारमण त्रिपाठी, जितेन्द्र अरोड़ा, मुकेश सोनकर, राजेश श्रीवास्तव, रामशकल यादव, विमल आनन्द, फैजान अहमद, मंशाराम, ऋतुराज पाण्डेय, मो. कलीम, अमरेश श्रीवास्तव, सुजीत जायसवाल, अनिल सिंह, वीरेन्द्र त्रिपाठी, राजेश कुमार, अश्विनी पाठक, जगनरायन, के.के. उपाध्याय, दिनेश सिंह मगन, विनय वर्मा, धर्मेन्द्र श्रीवास्तव, हरिराम पाण्डेय, सुरेन्द्र पाल, महेन्द्र, रूद्रनरायन, राम चन्द्र, विनय शुक्ल, कौशल कुमार चौधरी के साथ ही अनेक कर्मचारी नेता, कर्मचारी शामिल रहे।