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भाजपाइयों पर लाठीचार्ज करने वाले 5 दरोगा समेत 25 पुलिसकर्मी हुए राजनीति के शिकार, भेजे गये पुलिस लाइन

कबीर बस्ती न्यूजः

शाहजहांपुर: मतदान के दिन भाजपा समर्थकों पर लाठीचार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों को निगोही थाने से हटाकर पुलिस लाइन से संबद्ध कर दिया गया है। इनमें पांच दरोगा समेत 25 पुलिसकर्मी शामिल हैं। 14 मार्च को फर्जी वोटिंग को लेकर सपा और भाजपा प्रत्याशियों में विवाद हुआ था, जिसके बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने थाने का घेराव किया था।

तिलहर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा और सपा प्रत्याशी के बीच निगोही वर्चस्व का केंद्र रहा। तीन बार के विधायक सपा प्रत्याशी रोशन लाल वर्मा और पहली बार चुनाव मैदान में उतरीं भाजपा प्रत्याशी सलोना कुशवाहा के बीच 14 फरवरी को फर्जी वोटिंग को लेकर विवाद हुआ था। आरोप है कि सपा प्रत्याशी रोशन लाल वर्मा व उनके समर्थकों ने भाजपा नेता आकाश तिवारी की घेरकर पिटाई की थी। उसी शाम को भाजपा समर्थकों ने थाने का घेराव कर पीलीभीत-शाहजहांपुर रोड जाम कर दिया था। प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस लाठीचार्ज कर दिया था। इसके बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने थाने पर पथराव भी किया था।

भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के पहुंचने के बाद एसपी ने थाना प्रभारी को लाइनहाजिर करते हुए मामले को रफा-दफा किया था। लेकिन कार्यकर्ताओं को दौड़ाकर पीटने वाले पुलिसकर्मी वरिष्ठ भाजपा नेताओं की नजरों में चढ़ गए थे। रविवार को एसपी एस. आनंद ने निगोही थाने के पांच दरोगा, एक हेड कांस्टेबल, 19 कांस्टेबल को थाने से हटाकर पुलिस लाइन भेजने का आदेश जारी कर दिया है। सीओ सदर की रिपोर्ट के आधार पर एसपी ने सभी को तत्काल पुलिस लाइन रवानगी के निर्देश दिए हैं।

एसपी एस. आनंद  ने कहा कि  दरोगा और सिपाहियों पर कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं हुई है। लंबे समय तक काम करने के बाद तनाव हो जाता है। ऐसे में पुलिसकर्मियों को रिफ्रेशमेंट होने के बाद दूसरी जगह पर तैनात किया जाएगा। यह दंडात्मक कार्रवाई नहीं है, न ही उनके खिलाफ कोई जांच चल रही थी।

व्यावहारिक व रिफ्रेशर प्रशिक्षण कराया जाएगा
एसपी ने आरआई को निर्देशित किया कि थाने से आने वाले पुलिसकर्मियों को प्रत्येक मंगलवार और शुक्रवार को होने वाली परेड में नियमित उपस्थिति सुनिश्चित कराते हुए इनका व्यावहारिक व रिफ्रेशर प्रशिक्षण कराएं। इन पुलिसकर्मियों से लाइन की अन्य ड्यूटी भी कराई जाएगी।

इन्हें भेजा गया पुलिस लाइन
उप निरीक्षक मोहम्मद मतीन, राजेश कुमार, अजय वर्मा, प्रदीप कुमार, देवेंद्र कुमार, हेड कांस्टेबल राजेंद्र सिंह, कांस्टेबल धीरज कुमार, विक्रांत सिंह, शबाबुल, सचिन कुमार, प्रेमवीर सिंह, दिनेश, किशन पाल सिंह, अनुराग चौधरी, वसीम सैफी, अनिल कुमार, गौरव कुमार, सूरज पाल, अतुल कुमार, कपिल नागर, ईश्वर चंद्र, अरविंद, कपिल कुमार, सचिन यादव और कांस्टेबल चालक रवीन कुमार।

एसीपी ने जारी किया वीडियो
25 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर करने की खबर चर्चा में आई तो एसपी एस. आनंद ने वीडियो जारी कर इसे सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा बताया। कहा कि कार्रवाई के तौर पर लाइन हाजिर या निलंबित किए जाने की खबरें भ्रामक हैं। कुछ पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षित किए जाना है। पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग देकर उनके दयित्वों के बारे में बताया जाएगा। उनकी जगह पर दूसरे पुलिसकर्मी भेजे जा रहे हैं।

बवाल के बाद दोनों पक्षों ने दर्ज कराई थी रिपोर्ट
14 फरवरी की शाम को हुए बवाल के बाद भाजपा नेता आकाश तिवारी और रावेंद्र सिंह की तहरीर पर सपा प्रत्याशी रोशनलाल, उनके पुत्र सचिन वर्मा और मनोज वर्मा समेत 50 से 60 समर्थकों पर जानलेवा हमला, अपहरण की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। वहीं रोशन लाल के पुत्र मनोज वर्मा ने भाजपा की प्रत्याशी व नवनिर्वाचित विधायक सलोना कुशवाहा, निगोही के दिलावरपुर गांव निवासी राघवेंद्र कुशवाहा उर्फ मुन्ना समेत 27 नामजद व 250 अज्ञात लोगों पर बलवा, जान से मारने का प्रयास, गाड़ियों में तोड़फोड़ की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था।

रोशनलाल का रुतबा कम करने के लिए उठाया कदम!
तीन बार के विधायक रोशनलाल वर्मा का अपने गृह क्षेत्र निगोही में काफी दबदबा है। उनके इशारे पर ही थाना प्रभारी, दरोगा और सिपाहियों तक की तैनाती की जाती थी। क्षेत्र की चौकियों तक पर उनकी विशेष निगाह रहती थी। माना जा रहा है कि निगोही क्षेत्र में रोशनलाल के चुनाव हारने के बाद उनका दबदबा कम करने के लिए पुलिस महकमे ने यह कदम उठाया है। रोशनलाल वर्मा के दबाव में कई बार निगोही के थाना प्रभारी भी हटाए जाते रहे हैं। रोशनलाल वर्मा 2007 में बसपा सरकार और 2017 में भाजपा सरकार बनने पर बतौर विधायक क्षेत्र में काफी रसूखदार रहे। बवाल होने के बाद भाजपा प्रत्याशी सलोना कुशवाहा के पति डॉ. राम सिंह कुशवाहा ने रोशनलाल वर्मा पर थाना खरीदने जैसे गंभीर आरोप लगाए थे। भाजपा प्रत्याशी ने पुलिसकर्मियों पर रोशनलाल वर्मा से मिलीभगत के आरोप भी लगाए थे। इसके वीडियो भी वायरल हुए थे।