संघर्ष की कोख पैदा होते हैं महापुरूष -वृजभूषण शरण सिंह
जयंती पर याद किये गये महाराणा प्रताप
लक्ष्य के प्रति अड़िग रहे महाराणा प्रताप – कृष्णचन्द्र सिंह
कबीर बस्ती न्यूज:
बस्ती। देश के महान सपूत महाराणा प्रताप को उनकी जयंती पर याद किया गया। पूर्व ब्लाक प्रमुख वरिष्ठ नेता कृष्णचन्द्र सिंह के संयोजन में आयोजित कार्यक्रम का आरम्भ सोमवार को सिविल लाइन्स तिराहा स्थित महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर माल्यार्पण से हुआ। भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेयी प्रेक्षागृह मंे आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये मुख्य अतिथि सांसद वृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि जब भी भारतीय इतिहास में वीरों का नाम याद किया जाता है, महाराणा प्रताप का नाम सबसे आगे है। कहा कि प्रत्येक युग में समय- काल के अनुरूप नायक पैदा होते रहते हैं। देश के निर्माण में अनेक महापुरूषों का योगदान है। हमें महापुरूषों से प्रेरणा लेकर उनके सपनों के अनुकूल भारत निर्माण का संकल्प साकार करना होगा।
इतिहास और वर्तमान परिप्रेक्ष्य का अनेक उद्धरण देते हुये वृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि महाराणा प्रताप बहुत ही स्वाभिमानी प्रवृत्ति के नायक थे। जब राणा प्रताप को अपने वश में करने के अकबर के सभी प्रयास विफल रहे तब हल्दीघाटी का ऐतिहासिक युद्ध हुआ। महाराणा प्रताप ने पूरी सजगता और अप्रतिम वीरता के साथ युद्ध लड़ा । इस युद्ध में महाराणा का प्रिय चेतक बलिदान हो गया। उनका संघर्ष और योगदान युगों तक याद किया जायेगा। महापुरूष संघर्ष की कोख से ही पैदा होते है।
मुख्य वक्ता सांसद हरीश द्विवेदी ने कहा कि महाराणा प्रताप के शौर्य और बहादुरी की चर्चा पूरी दुनिया में दी जाती है। उन्होंने अपने पराक्रम से मुगलों को नाकों चने चबवा दिए थे। उनकी वीरता के अनेक किस्से मशहूर हैं। युवा पीढी को ऐसे महान व्यक्तित्व से प्रेरणा लेनी चाहिये। विधायक अजय सिंह ने महाराणा प्रताप के जीवन से जुड़े अनेक प्रसंगों को वर्तमान से जोड़ा। भाजपा नेता अरविन्द पाल ने कहा कि अनेक महापुरूषों के त्याग बलिदान से ही देश समृद्धि की ओर है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये भाजपा जिलाध्यक्ष महेश शुक्ल ने महाकवि दिनकर की कविताओं का उद्धरण देते हुये कहा कि यह जीवन ही एक युद्ध है। महाराणा प्रताप देश की आन मान स्वाभिमान के लिये जीये, उन्हें सदैव याद किया जायेगा। एपीएन के पूर्व अध्यक्ष अमन प्रताप सिंह ने कहा कि महाराणा प्रताप के जीवन से निरन्तर संघर्ष करते रहने की प्रेरणा मिलती है।
कार्यक्रम संयोजक कृष्ण चन्द्र सिंह ने अतिथियों, उपस्थित लोगों के प्रति आभार व्यक्त करते हुये कहा कि महाराणा प्रताप की जयन्ती प्रति वर्ष मनायी जाती है। कोरोना काल के कारण जो शिथिलता आयी थी वह दूर हो गई। कहा कि महाराणा प्रताप का पूरा जीवन संघर्षो से घिरा रहा किन्तु वे अपने लक्ष्य से विचलित नहीं हुये।
भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेयी प्रेक्षागृह भरा रहा। मुख्य रूप से बेचूं सिंह, अशोक सिंह, रघुनाथ सिंह, यशकान्त सिंह, दुष्यंत विक्रम सिंह, वेद प्रकाश सिंह, सौरभ सिंह, योगेन्द्र सिंह, सचिन सिंह, अरविन्द सिंह, अवनीश सिंह, सत्येन्द्र सिंह ‘भोलू’ राज मोहन सिंह, आदित्य विक्रम सिंह, हर्षदीप सिंह, के.के. सिंह, चन्द्रकेश सिंह ‘मनोज’, राजेश सिंह, जर्नादन सिंह, पप्पू सिंह, संजय सिंह, राजू सिंह, जगदीश शुक्ल, धु्रवचन्द्र सिंह, यशवन्त सिंह ‘रोलू’ मार्कण्डेय सिंह, नागेन्द्र पाल, राजधारी पाल, रामशंकर यादव, धु्रव सिंह, महेश सिंह के साथ ही बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।