जयंती पर आचार्य रामचन्द्र शुक्ल को किया नमन् उपेक्षित प्रतिमा को विकसित करने की मांग
कबीर बस्ती न्यूजः
बस्ती। हिन्दी आलोचना सम्राट आचार्य रामचन्द्र शुक्ल की 138 वीं जयन्ती पर चित्रांश क्लब पदाधिकारियों ने सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ मंगलवार को उनकी बड़ेबन के निकट स्थित उपेक्षित पड़ी प्रतिमा पर माल्यार्पण करं नमन् किया।
क्लब अध्यक्ष जी. रहमान ने माल्यार्पण के बाद कहा कि अति शीघ्र क्लब की ओर से मांग किया जायेगा कि आचार्य शुक्ल की उपेक्षित प्रतिमा को विकसित कराया जाय जिससे लोग अपने जनपद के साहित्यिक नक्षत्र को स्मृतियों में सहेजे रख सके।
क्लब के पूर्व अध्यक्ष अजय कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि अगौना में जन्मे आचार्य शुक्ल की बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के हिन्दी विभागाध्यक्ष के पद पर रहते हुए ही 2 फरवरी 1941 में हृदय गति रूकने से मृत्यु हो गई। उनकी समीक्षा सदैव अजर अमर रहेगी। माटी के ऐसे सपूत की उपेक्षा स्वीकार्य नही है। राजेश श्रीवास्तव ने कहा कि हिंदी साहित्य का इतिहास, हिंदी शब्द सागर, चिंतामणि व नागरी प्रचारिणी पत्रिका आचार्य शुक्ल की प्रमुख कृतियां हैं। पूरा प्रयास होगा कि आचार्य शुक्ल की प्रतिमा का उद्धार हो। कहा कि हिंदी साहित्याकाश के चमकते तारे आचार्य रामचंद्र शुक्ल किसी परिचय के मोहताज नहीं है। रामानन्द ‘नन्हें’ ने कहा कि हिंदी के प्रतिष्ठित आलोचक पंडित रामचंद्र शुक्ल के गांभीर और बहुआयामी व्यक्तित्व एवं कृतित्व का हिंदी साहित्य सदैव आभारी रहेगा।
पुण्य तिथि पर आचार्य शुक्ल को नमन् करने वालों में क्लब संस्थापक राजेश चित्रगुप्त, डॉ. कृष्ण कुमार प्रजापति, शेष नारायण गुप्ता, रणदीप माथुर, सर्वेश श्रीवास्तव, शरद सिंह रावत, मो. मुजीद, सरदार परमजीत सिंह, रमेश श्रीवास्तव, हरिनाथ चौधरी, अजय गौड़, सोनू गुप्ता आदि शामिल रहे। कार्यक्रम के अंत में हिन्दी के परम विद्वान डा. रामदल पाण्डेय के निधन पर दो मिनट का मौन रखते हुये श्रद्धासुमन अर्पित किया गया।