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बाल संरक्षण सेवाओं के लिए गठित जिला स्तरीय समिति की भूमिका महत्वपूर्ण : संजय चौधरी

बस्ती: जिला पंचायत अध्यक्ष संजय चौधरी की अध्यक्षता में कलेक्टेªट सभागार में जिला बाल संरक्षण समिति की बैठक को सम्बोधित करते हुए अध्यक्ष ने कहा कि बाल संरक्षण सेवाओं के लिए गठित जिला स्तरीय समिति की महत्वपूर्ण भूमिका है। जिले में स्थापित बाल संरक्षण गृह में क्षमता से अधिक बाल-अपचारियों का रखा जाना उचित नही है, इसके लिए शासन स्तर पर पत्राचार कर नये बाल संरक्षण गृह को स्थापित कराया जायेंगा।
जिला प्रोबेशन अधिकारी अनुपम यादव ने बताया कि बाल सम्प्रेक्षण गृह में 30 के सापेक्ष 132 बच्चें वर्तमान में रह रहे है। शासन से प्रदत्त शासकीय योजनाओ के अन्तर्गत स्पांसरशिप तथा फोस्टर केयर के तहत बालको को सुविधाए प्रदान की जा रही है। कोविड के कारण अनाथ हुए बच्चों को चिकित्सा व शिक्षा की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। अनाथ बालको के खाते में अनुमन्य धनराशि बजट प्राप्त होने पर शीघ्र ही भेजी जायेंगी।
किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य दिनेश कुमार अग्रहरि ने बताया कि सम्प्रेक्षण गृह की नयी व्यवस्था ना होने तक कोई वैकल्पिक स्थान व भवन चिन्हित कर रखना उचित होंगा। श्रम प्रवर्तन अधिकारी विनय कुमार दूबे ने बताया कि अभी तक 98 किशोर बाल श्रमिक चिन्हित किए गये है, जिसके संबंध में इनके सेवायोजको को नोटिस जारी की गयी है। ऐसे बालको को विभागीय योजनाओं से आच्छादित किया जा रहा है। बाल विवाह का कोई प्रकरण नही है।
चाइल्ड लाइन के अम्बुज यादव ने बताया कि 1460 बच्चों को सीडब्ल्यूसी समिति के माध्यम से उनके माता-पिता को सौपा गया है, जबकि 277 बच्चों के संबंध में अभी कार्यवाही चल रही है। सीडब्ल्यूसी के सदस्य संतोष श्रीवास्तव ने बताया कि पीड़िता/अपचारी बालको के मेडिकल हेतु अलग से डाक्टरों की टीम की व्यवस्था अतिआवश्यक है क्योकि कभी-कभी दूर-दराज से आये अपचारियों के मेडिकल में काफी समय लग जाता है।
बैठक में सीडीओ डा. राजेश कुमार प्रजापति, एसडीएम आनन्द श्रीनेत, सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष प्रेरक मिश्र, समाज कल्याण अधिकारी श्रीप्रकाश पाण्डेय, बीएसए इन्द्रजीत प्रजापति, डीपीआरओ नमिता शरण, डीपीओ सावित्री देवी, संरक्षण अधिकारी बीना सिंह, अजय कुमार, गोबर्धन गुप्ता, विशाल चौरसिया सहित विभागीय अधिकारी गण उपस्थित रहे।