Logo
ब्रेकिंग न्यूज़
निरीह मरीजों का खून जांच कर रहे है यमराज ...लिख रहे हैं मौत की इबारत...मलाई काट रहे हैं जिम्मेदार वरिष्ठ साहित्यकार सत्येन्द्रनाथ मतवाला पंचतत्व में विलीनः श्रद्धांजलि सभा में नम हुई आंखे बस्ती सदर ब्लॉक में अपनी मांगों को लेकर प्रधान संघ ब्लॉक इकाई ने किया धरना प्रदर्शन नगरीय क्षेत्र में पीएम आवास योजना के धीमी प्रगति पर कमिश्नर नाराज नंद बाबा दुग्ध मिशन को लेकर संपन्न हुई बैठक,  सीडीओ ने दिए निर्देश स्टांप एवं राजस्व वादों के निस्तारण में तेजी लाने के निर्देश डा. वी.के वर्मा कजाकिस्तान में सम्मानित चौरसिया समाज के  महासम्मेलन में राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक मुद्दों पर विमर्श विधायक अजय सिंह ने किया 10 सड़कों का लोकार्पण निर्माणाधीन परियोजनाओं को 30 नवंबर तक पूरा करने के कड़े निर्देश

पीएचई विभाग -10 हज़ार करोड़ का टेंडर रद्द, ठोस कदम न उठाने पर कांग्रेस सरकार की खूब हो रही है किरकिरी , पीएचई मंत्री रुद्र कुमार गुरु को बचाने की कवायद तेज

रायपुर । छत्तीसगढ़ में पीएचई विभाग के 10 हज़ार करोड़ से ज्यादा के टेंडर रद्द होने से विपक्ष को बैठे-बिठाए एक मुद्दा मिल गया है। कांग्रेस की सरकार बनने के महज दो साल बाद पीएचई विभाग में इस भ्रष्टाचार से सरकार की खूब किरकिरी हो रही है।इस मामले में टेंडर रद्द होने के पांच दिन बाद भी राज्य सरकार की ओर से ना तो विभागीय मंत्री रूद्र कुमार गुरु, तत्कालीन सचिव व आईएएस अधिकारी अविनाश चंपावत और ENC एम एल अग्रवाल के खिलाफ कोई कार्यवाही की गई है और ना ही उनके गिरोहों के खिलाफ। यही नहीं घोटाले में शामिल दो दर्जन से ज्यादा बड़े ठेकेदारों के खिलाफ भी शासन की ओर से ना तो FIR दर्ज कराई गई और ना ही ब्लैक लिस्ट करने कोई प्रक्रिया प्रारम्भ की गई। जैसे जैसे दिन बीत रहा है, इस मामले में कई बड़े खुलासे सामने आ रहे हैं। घोटाले के इस सुनियोजित मामले को लेकर राज्य की कांग्रेस सरकार सवालों के घेरे में है। अब लोग पूछे लगे हैं कि क्या सरकार को भ्रष्टाचार पसंद है? दरअसल पीएचई विभाग को राज्य के विभिन्न जिलों में नल जल योजना और जलपूर्ति के लिए केंद्रीय और राज्य वित्तीय सहायता के तहत लगभग 15,000 करोड़ की योजना की मंजूरी दी गई थी। लेकिन विभाग ने इस महती योजना को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ाने के लिए सुनियोजित रूप से ठोस कदम उठाए थे।इसके तहत मोटर पार्ट्स और बाइक बेचने वालों को इंपैनल कर उन्हें करोड़ों का काम सौप दिया गया था। बगैर टेंडर और वर्क आर्डर के कई ठेकेदारों ने काम कर सरकारी धन की लूट पाट के लिए फर्जी बिल भी सरकार को सौंप दिए थे। फिलहाल इस घोटाले को लेकर पीएचई मंत्री से इस्तीफा मांगे जाने की चर्चा जोरों पर है।सूत्र बता रहे हैं कि मंत्री जी के बचाने के लिए विभागीय ENC को बलि का बकरा बनाए जाने की कवायद भी तेज हो गई है।