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यूनिसेफ की टीम ने बताए फायदे तो चार साल बाद कराया टीकाकरण

मन का वहम मिटा तो टीकाकरण के लिए हो गये तैयार

गौर ब्लॉक के महुआ डाबर सुजिया गांव का मामला

दोनों गांव के सात परिवार नियमित टीकाकरण के प्रति थे उदासीन

कबीर बस्ती न्यूज:

बस्ती। गौर ब्लॉक के महुआ डाबर गांव की डेढ़ वर्ष की अभी व साढ़े चार वर्ष के आदित्य को पहली बार टीका लगाया गया। नियमित टीकाकरण के प्रति उदासीनता के कारण यह परिवार न तो बच्चों को टीकाकरण सत्र पर लेकर आते थे और न ही एएनएम/आशा कार्यकर्ता के समझाने का उन पर कोई असर हो रहा था। इन परिवारों के मन का वहम दूर किया गया तो वह टीकाकरण के लिए तैयार हो गये ।

टीकाकरण सत्र पर गांव में पहुंची यूनिसेफ की टीम ने बच्चों के पिता सोनू व उसकी पत्नी को बुलवाकर सबसे पहले बच्चों में होने वाली घातक बीमारियों के बारे में विस्तार से बताया व इसके बाद बताया कि टीका लग जाने के बाद बच्चे 13 जानलेवा बीमारियों से सुरक्षित हो जाते हैं। मजदूरी कर परिवार चलाने वाले सोनू को बात समझ में आ गई और खुशी-खुशी टीकाकरण बूथ पर लाकर टीका लगवाया। बच्चे पूरी तरह स्वस्थ हैं और परिवार भी काफी खुश है। सोनू का कहना है कि टीके को लेकर उसके दिमाग में गलत सोच थी। परिवार इसके प्रति मिथक धारणाएं भी थीं। अब उसे समझ में आ गया है कि सभी बच्चों को पांच साल में सात बार टीका लगवाना जरूरी है। अगला टीका अब वह खुद आकर लगवा लेगा। टीम ने ब्लॉक क्षेत्र के सुजिया गांव में भी पहुंचकर उदासीन तीन परिवार को समझा-बुझाकर उनके बच्चों को छूटा हुआ टीका लगवाया।

यूनिसेफ की डीएमसी अनीता सिंह, ब्लॉक समन्वयक यूनिसेफ बबीता व स्वास्थ्य पर्यवेक्षक के गांव में पहुंचने पर आशा कार्यकर्ता देवरत्न ने बताया कि गांव के चार परिवार बुलाने के बाद भी बच्चों को सत्र पर लाकर टीकाकरण नहीं करा रहे हैं। टीकाकरण में परिवार की कोई रूचि नहीं है। टीम ने पाया कि कुछ बच्चे तो चार साल से ऊपर के व कुछ एक वर्ष के हो चुके हैं, जिनको टीका नहीं लग रहा है। टीम ने परिवार को बताया कि टीके के बल पर ही पोलियो, चेचक आदि बीमारी पर काबू पाया जा सकता है। यहां लगने वाला टीका पूरी तरह सुरक्षित है। टीके की गुणवत्ता जरा भी खराब होने पर उसे हटा दिया जाता है। टीका लगने के बाद मामूली बुखार आदि जैसी समस्या ही होती है, जिसे सामान्य दवा देकर ठीक किया जा सकता है। ज्यादा समस्या होने पर सीएचसी के चिकित्सक से सम्पर्क किया जा सकता है। हर साल लाखों बच्चों को टीका लगाया जा रहा है, उन्हें कोई समस्या नहीं हो रही है।

505 बच्चों को लगवाया टीका

यूनिसेफ की टीम ने स्वास्थ्य विभाग की मदद से पिछले माह में 505 ऐसे बच्चों को टीका लगवाया है, जिनका परिवार टीकाकरणके प्रति उदासीन था। इसमें कुछ ऐसे थे, जिनके बच्चों को कभी टीका नहीं लगा था, जबकि ज्यादातर वह हैं, जिनका सम्पूर्ण टीकाकरण नहीं हुआ था। कुल 569 बच्चों को चि्ह्तित किया गया था, जिसमें से 505 को प्रतिरक्षित करा दिया गया है। यूनिसेफ की टीम निरन्तर चिन्हीकरण व मोबीलाईजेशन का काम कर रही है।

गौर ब्लॉक में नियमित टीकाकरण की प्रगति कम है, इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के अलावा अन्य सहयोगी संगठनों की टीम लगातार ज्यादा से ज्यादा टीकाकरण कराने का प्रयास कर रही है। उसके अच्छे परिणाम आ रहे हैं। टीकाकरण के प्रति उदासीन परिवार पर विशेष जोर है।

  • डॉ. विनोद कुमार, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी, बस्ती