कुपोषण के साथ बीमारियों से भी बचाती है कीड़े मारने की दवा
– 10 फरवरी को मनाया जाएगा कृमि मुक्ति दिवस
– एक से 19 साल तक के बच्चों को खिलाई जाएगी पेट के कीड़े मारने की दवा
कबीर बस्ती न्यूजः
बस्ती। पेट के कीड़े मारने में कारगर दवा एल्बेंडाजोल के सेवन से जहां कुपोषण से बचाव होगा, वहीं बच्चे गम्भीर बीमारियों से भी सुरक्षित रहेंगे। कुपोषण से मुक्त बनाने तथा रक्त की कमी की समस्या को दूर करने के लिए राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस(एनडीडी) का आयोजन 10 फरवरी को होगा। अभियान में एक से 19 साल तक के बच्चों को पेट के कीड़े निकालने की दवा खिलाई जाएगी।
जिला अस्पताल के वरिष्ठ बालरोग विशेषज्ञ डॉ. रामेश्वर मिश्रा ने बताया कि बच्चों के पेट में पलने वाले कीड़े जटिलताएं बढ़ा सकते हैं। यह बच्चों के दिमाग तक पहुंच सकते हैं, जिससे बच्चे को दौरा आने लगता है। दिमागी समस्या हो सकती है। इन कीड़ों से न्यूरोटॉक्सीन निकलता है। इसके असर से भी झटके आ सकते हैं। यह कीड़े बच्चों के पेट में पहुंचने वाले भोजन को साफ कर जाते हैं, जिससे बच्चा अति कुपोषित हो जाता है। इस दशा में उसके बीमार पड़ने की आशंका बढ़ जाती है। दवा खाने से कीड़े मर जाते हैं तथा बच्चा कुपोषण व बीमारी से सुरक्षित रहता है। बच्चों को यह दवा जरूर खिलवाएं।
स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्रों पर खिलाई जाएगी दवा
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रूद्र प्रताप मिश्र ने बताया कि सरकारी व प्राइवेट स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्रों पर दवा खिलाई जाएगी। स्कूल न जाने वाले बच्चों की सूची आशा द्वारा तैयार की जाएगी। राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत हर वर्ष दो बार पेट के कीड़े मारने की दवा खिलाई जाती है। कीड़े होने के चलते बच्चे एनीमिक हो जाते हैं, जिससे उनका शारीरिक विकास रुक जाता है।
खाली पेट न खाएं दवा
नोडल अधिकारी एसीएमओ डॉ. एके गुप्ता ने बताया कि कुछ खिलाकर ही बच्चों को यह दवा खिलानी है। गोली चबाकर पानी के साथ खानी है। दवा बहुत ही स्वादिष्ट बनाने की कोशिश की जाती है, जिससे बच्चे आसानी से खा लें। 10 फरवरी को दवा नहीं ले पाने वाले बच्चों को 13 से 15 फरवरी के मॉप-अप राउंड के तहत दवा खिलाई जाएगी।
12 लाख बच्चों को खिलाई जानी है दवा
जिले के लगभग 12 लाख बच्चों को दवा खिलाई जानी है। डीसीपीएम दुर्गेश मल्ल ने बताया कि ड्रग वेयर हाउस साऊंघाट से दवा मिलेगी। पिछले वर्ष लगभग 9.60 लाख बच्चों को दवा खिलाई गई थी।
कृमि संक्रमण के लक्षण-
– बच्चे कुपोषित हो जाते है।
– शरीर में खून की कमी हो जाती है।
– बच्चे हमेशा थकान महसूस करते है।
– शारीरिक और मानसिक विकास बाधित हो जाता है।
– रोग प्रतिरोधक क्षमता की भी कमी हो जाती है।
कृमि संक्रमण से बचाव के उपाय-
– नाखून साफ और छोटे रखें।
– हमेशा साफ और स्वच्छ पानी ही पीएं।
– साफ पानी में फल व सब्जियां धोएं।
– हाथ साबुन से धोएं, विशेषकर खाने से पहले और शौच के बाद
– घरों के आसपास साफ-सफाई रखें।
– खुले में शौच न करे, शौचालय का प्रयोग करें।