Logo
ब्रेकिंग न्यूज़
सम्पूर्ण समाधान दिवस में 98 मामलें में 06 का निस्तारण जेण्डर रेसियों बढाने के लिए घर-घर सर्वे करके भरवायें मतदाता फार्म: मण्डलायुक्त डीएम एसपी से मिले अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य, संचालित योजनाओं पर चर्चा भाजपा नेता बलराम ने किया पब्लिक डायग्नोसिस सेन्टर के जांच की मांग नये-नये प्रयोग एवं तकनीकों से जनपद के कृषकों को आच्छादित कर करें लाभान्वित: डा0 बिजेन्द्र सिंह माउंट कार्मल कॉलेज में छात्राओं ने धूमधाम से मनाया वार्षिक उत्सव मिलजुल कर भाईचारे के साथ त्योहार मनाने की परंपरा को कायम रखने की अपील महिलाओं के सम्मान को ठेस पहुंचाने वालों के साथ सख्ती से निपटेगी पुलिस अस्पताल मे झांकने नही जाते हैं डाक्टर, हराम का उठाते हैं एक लाख रूपया महीना बस्ती के शशांक को नई दिल्ली में मिला आपदा फ़रिश्ता राष्ट्रीय सम्मान

लोक निर्माण विभाग के गाजीपुर प्रांतीय खंड में 21 करोड़ रुपये का घपला, सरकार ने दिए जांच के आदेश

शासन की बिना स्वीकृति 166 सड़कों पर इस राशि का दिखाया गया खर्च 

कबीर बस्ती न्यूज।

लखनऊ: लोक निर्माण विभाग के गाजीपुर प्रांतीय खंड में 21 करोड़ रुपये का घपला सामने आया है। शासन की बिना स्वीकृति 166 सड़कों पर इस राशि का खर्च दिखाया गया है। इस मनमानी के खिलाफ सरकार ने तत्कालीन अधिशासी अभियंता, 4 सहायक अभियंताओं व 15 अवर अभियंताओं और लेखाधिकारी के खिलाफ जांच के आदेश दे दिए हैं। दोषी पाए जाने पर बर्खास्तगी तक की कार्रवाई हो सकती है। यह घपला 2019-20 और 2020-21 में किया गया। इन दो वर्षों में 38 करोड़ रुपये का फंड डायवर्जन किया गया। इसमें 21 करोड़ ऐसे कामों पर खर्च दिखाए गए हैं, जो स्वीकृत ही नहीं थे। जबकि, शेष 17 करोड़ का डायवर्जन स्वीकृत सड़कों पर बताया जा रहा है।

वाराणसी के मुख्य अभियंता कार्यालय की प्रारंभिक रिपोर्ट में अनियमितता की पुष्टि हुई है और यह रिपोर्ट शासन को मिल चुकी है। सूत्रों के मुताबिक, गैर स्वीकृत सड़कों पर काम हुआ भी है या नहीं, पुख्ता तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता। यह आगे की जांच में पता चलेगा। प्रकरण में आगे की जांच के लिए आजमगढ़ के मुख्य अभियंता को जांच अधिकारी नामित किया गया है।
यहां बता दें कि इसी तरह की गंभीर वित्तीय अनियमितता बस्ती में 2018 में सामने आई थी। इसमें अब तक तत्कालीन एक्सईएन को बर्खास्त किया जा चुका है, जबकि दो सहायक अभियंताओं की बर्खास्तगी की संस्तुति उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को भेजी जा चुकी है।