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सड़क हादसे में सभासद प्रत्याशी की मौत, न्याय दिलाने को सड़क पर उतरा पीआरजे

चिलचिलाती धूप में बीच सड़क पर धरने पर बैठे पीआरजे के कार्यकर्ता
दुर्घटना मामले में पुलिस वैन चालक को बचाने में जुटा प्रशासन, धरना देकर पीआरजे ने कराया जिम्मेदारी का अहसास

कबीर बस्ती न्यूज।

बस्ती।  3 दिन पूर्व शहर के मालवीय रोड स्थित अनंता हॉस्पिटल के सामने हुये सड़क हादसे में सभासद प्रत्याशी पूनम वर्मा की मौत के मामले में प्रशासन दोषी को बचाने का प्रयास कर रहा था। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि पूनम वर्मा की मौत कैदियो को ढोने वाले वाहन की चपेट में आने से हुई थी। चालक ने लापरवाही से वाहन चलाते हुये स्कूटी सवार पूनम वर्मा को ठोकर मार दिया था।
पूनम वर्मा नगर पंचायत कप्तानगंज से सभासद की निर्दल प्रत्याशी थीं। मामले की जानकारी होते ही पूर्वांचल राज्य जनान्दोलन पार्टी के लोग घटनास्थल पर पहुंच गये और दोषी चालक के गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरना शुरू कर दिया। पुलिस और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। आरोप था कि मामले को प्रशासन ठंडे बस्ते में डालने की तैयारी मे है। पीआरजे के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुज राही हिन्दुस्तानी ने कहा कि पूनम वर्मा की मौत एक दुर्घटना है या सुनियोजित हत्या ? सच्चाई सामने आये इसलिए इस मामले की जांच सीबीआई जांच जरूरी है।
धरने का नेतृत्व करते हुए पीआरजे की नगर पालिका परिषद बस्ती की अध्यक्ष पद की प्रत्याशी शालू चौधरी राजपाल ने कहा कि पूनम वर्मा के परिवार को सरकार 50 लाख का मुआवजा दे, निकाय चुनाव लड रहे निर्दल प्रत्याशियों को सुरक्षा दी जाए। क्योंकि कहीं न कहीं ये निर्दलीयों की आवाज दबाने की साजिश से जुड़ी हुई घटना लगती है। उन्होने कहा पुलिस वैन के ड्राइवर को गिरफ्तार किये जाने तथा पूनम वर्मा को न्याय दिलाने तक पीआरजे चुप नही बैठेगा। धरने के दौरान शालू चौधरी राजपाल का प्रशासन के खिलाफ गुस्सा साफ झलक रहा था।
धरना शुरू होने के कुछ ही देर बाद मौके पर पहुंचे रौता चौकी इंचार्ज, शहर कोतवाल शशांक शेखर राय ने धरनारत पीआरजे कार्यकर्त्ताओं को हटने के लिये दबाव बनाया लेकिन कार्यकर्ता मानने को कतई तैयार नही थे। बाद में उप जिलाधिकारी शैलेश दूबे ने पहुँच कर बात करनी चाही लेकिन उनके शुरुवाती तेवर देखकर आंदोलनकारी और भी भड़क गये और तीखी झड़प हुई। आखिरकार कोतवाल शशांक शेखर राय ने विनम्रता पूर्वक आंदोलंकारियों को बात करने के लिए राजी किया, अंत में प्रशासन द्वारा मीडिया के सामने 24 घंटे के अंदर मांगों पर कार्यवाही करने का आश्वासन दिये जाने पर धरना 24 घंटे के लिए स्थगित किया गया। कुछ देर बाद प्रशासन ने मालवीय रोड के गड्ढों में गिट्टियां गिराना शुरू कर दिया। धरने पर बैठने वालों में कविश अबरोल, रमेश सिंह, आनंद राजपाल, शशि श्रीवास्तव, ज्योति सिंह, स्तुति सिंह, आनंद मणि त्रिपाठी, संदीप चतुर्वेदी, अनमोल अग्रहरी प्रमुख रहे।