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होम आइसोलेशन के योग्य नहीं हैं तभी जाना होगा अस्पताल

– ज्यादा उम्र के लोग व कोमार्बिड का भर्ती होना होता है बेहतर
बस्ती।  अगर कोविड मरीज होम आइसोलेशन के योग्य नहीं हैं तो चिकित्सक उनको कोविड अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दे रहे हैं। होम आईसोलेशन संबंधित दिशा-निर्देश के अनुसार ज्यादा उम्र के लोगों व कोमार्बिड अर्थात शुगर, बीपी, कैंसर आदि गंभीर रोगों के मरीजों के लिए अस्पताल में भर्ती हो जाना जरूरी होता है। चिकित्सक पर होम आइसोलेशन के लिए कभी भी दबाव नहीं बनाना चाहिए।
कोरोना की दूसरी लहर तेजी के साथ फैल रही है। इसका फैलाव एक व्यक्ति से दूसरे में हो रहा है। इसकी चेन तोड़ने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जहां बड़े पैमाने पर टीकाकरण किया जा रहा है, वहीं कोविड जांच का दायरा भी बढ़ाया गया है। जो लोग पॉजिटिव मिल रहे हैं, उनका इलाज कराया जा रहा है। यह इलाज परिस्थितियों के अनुसार घर पर होम आइसोलेशन में और आवश्यकता पड़ने पर अस्पताल में चल रहा है।
इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम (आइडीएसपी) के नोडल आफिसर डॉ. सीएल कन्नौजिया का कहना है कि यह बीमारी इतनी घातक नहीं  है कि सभी को अस्पताल में भर्ती होना पड़े। एक अनुमान के अनुसार 20 प्रतिशत लोगों को ही भर्ती होने की जरूरत होती है। 80 प्रतिशत लोग घर के अन्य लोगों  से अलग-थलग रहकर तथा होम आईसोलेशन गाइड लाइन का पालन करके स्वस्थ हो सकते हैं। मरीज का घर के अन्य लोगों से अलग रहते हुए घर पर ही होने वाला इलाज होम आइसोलेशन कहलाता है। मरीज होम आइसोलेशन के योग्य नहीं होता है तभी चिकित्सक अस्पताल में भर्ती होने की सलाह देता है।
होम आइसोलेशन के लिए यह सुविधाएं हैं जरूरी
कोरोना के मरीज के लिए अलग हवादार कमरा व शौचालय हो. मरीज की 24 घंटे देखभाल के लिए देखभालकर्ता घर में हो। मरीज में किसी अन्य बीमारी के गंभीर लक्षण न हों।
होम आइसोलेशन में इन बातों का ध्यान रखना है जरूरी
– घर के अन्य सदस्यों से दूरी बनाकर रखें तथा कमरे की खिड़किया खुली रखें।
– घर वालों से अलग शौचालय व बाथरूम का इस्तेमाल करें।
– हमेंशा ट्रिपल लेयर मेडिकल मॉस्क लगाए रखें तथा इसे 6-8 घंटे में बदल दें। पेपर बैग में उतारे गए मॉस्क को रख दें तथा तीन दिन बाद ही कचरा पात्र में इसे डालें।
– साबुन व पानी से हाथों को कम से कम 40 सेकंड तक अच्छी तरह से धोए या 70 प्रतिशत एल्कोहलयुक्त सेनेटाइजर का इस्तेमाल करें।
– हमेंशा मॉस्क, रूमाल या कोहनी में खांसे या छीकें।
– दिन में दो बार बुखार ऑक्सीजन के स्तर की जांच करें।
– पर्याप्त मात्रा में पानी, ताजा जूस, सूप व अन्य तरल पदार्थ का इस्तेमल करें।
– ताजा फल, सब्जी व प्रोटीनयुक्त आहार ज्यादा लें तथा कार्बोहाइड्रेट कम लें।
– आइसोलेशन के दौरान धूम्रपान, शराब व अन्य नशीली चीज का सेवन बिल्कुल न करें। पालतू जानवरों से दूर रहें।
– डॉक्टर की सलाह का पालन करें तथा दवाईयां नियमित लें।
– मोबाइल पर आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करें और एप पर 24 घंटे नोटिफिकेशन, लोकेशन ट्रैकिंग व जीपीएस ट्रैकिंग को ऑन रखें।
होम आइसोलेशन की अवधि
होम आइसोलेशन शुरू होने के 14 दिनों के बाद अगर मरीज को आखिरी 10 दिनों में बुखार या अन्य कोई लक्षण नहीं है तो डॉक्टर की सलाह पर होम आइसोलेशन को समाप्त कर सकते हैं।  होम आइसोलेशन समाप्त होने के बाद लैब जांच करवाने की जरूरत नहीं है।