Logo
ब्रेकिंग न्यूज़
डीआरएमएस हास्पिटल अब जिला प्रशासन को दे रहा है चुनौती  मरीजों से कर रहा है छल बंदियों की संख्या को देखते हुए राज्य सरकार ने नई जेलों के निर्माण का लिया फैसला भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग की बडी कार्रवाई: अभियान में 150 से अधिक आरोपियों के खिलाफ मुकदमा उत्तर प्रदेश में 65 घंटे से चल रही बिजली कर्मियों की हड़ताल खत्म 45 साल महिला की गला रेतकर हत्या प्राणघातक चोट पहुंचाने के मामले में 3 महिलाओं सहित 9 लोगों की जमानत अर्जी खारिज कुशीनगर: अधिशासी अभियंता सहित तीन के खिलाफ मुकदमा लखनऊ: ऊर्जा मंत्री के साथ संषर्घ समिति के नेताओं की बैठक निकला बेनतीजा, बिजली संकट बरकरार अमेठी: ट्रेनी विमान डायमंड-40 दुर्घटनाग्रस्त: पायलट व एक प्रशिक्षु पायलट की मौत लखनऊ: पुलिस के मनमानी पर हाईकोर्ट का पॉवर ब्रेक, डीजीपी को जारी करना पडा निर्देश

मधुमेह पीड़ित  करा सकते हैं कोविड टीकाकरण, कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं  

केवल तेज बुखार वालों और गर्भवती को टीका नहीं लगवाना

माहवारी के दौरान और स्तनपान कराने वाली महिलाएं भी लगवा सकती हैं टीका

गंभीर बीमारी से ग्रसित हों तो चिकित्सक के परामर्श पर ही कराएं टीकाकारण

संवाददाता,गोरखपुर। कोविड टीकाकरण के संबंध में कई प्रकार की आशंकाएं लोगों के मन में उठ रही हैं । इनके पीछे कुछ भ्रांतियां भी कारक हैं। इन आशंकाओं और भ्रांतियों के संबंध में जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी के. एन. बरनवाल ने कहा है कि लोगों को पुष्ट और प्राणाणिक बातों पर ही विश्वास करना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया है कि मधुमेह के साथ टीकाकरण करवाने से कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है। मधुमेह के रोगियों को कोविड का टीका निःसंकोच लगवाना है। केवल तेज बुखार वालों और गर्भवती को टीका नहीं लगवाना है। माहवारी के दौरान महिलाएं टीका लगवा सकती हैं। यहां तक कि स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी टीका लगाने का दिशा-निर्देश है। टीका लगवाने के बाद भी स्तनपान जारी रखना  है। जो लोग हृदय  और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं उन्हें अपने चिकित्सक के परामर्श के बाद ही टीका लगवाना है।

जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी ने बताया कि वह खुद मधुमेह पीड़ित हैं। मधुमेह को नियंत्रित रखने के लिए वह इंसुलिन का इस्तेमाल करते हैं। लगातार  अग्रिम मोर्चे पर कार्य करते रहे हैं। उन्होंने कोविड सैंपलिंग करवाने का काम भी किया है जिसके कारण वह कई बार कोविड पॉजिटिव लोगों के संपर्क में आ चुके हैं। कोविड टीके की दोनों डोज लेने के बाद एक मधुमेह रोगी के तौर पर उन्होंने कोई परेशानी महसूस नहीं की। कुछ लोग यह भ्रांति फैला रहे हैं कि टीका लगवाने से मर्दानगी पर असर पड़ता है। उनका अनुभव है कि यह बात सरासर झूठ है और टीके का ऐसा कोई प्रतिकूल असर नहीं होता है। कोविड टीका लगवाने के बाद कुछ लोगों को बुखार आता है, जो कि टीके की सामान्य प्रवृत्ति है और इससे घबराना नहीं चाहिए। अगर टीका लगवाने के बाद बुखार आ रहा है तो चिकित्सक की सलाह पर दवा ले सकते हैं।

श्री बरनवाल ने बताया कि टीका लगवाने के बाद बस इस बात ध्यान रखना है कि कोविड नियमों का सख्ती से पालन करें। लगातार देखा जा रहा है कि टीके की दोनों डोज ले चुके लोग भले ही कोविड पॉजिटिव हो रहे हैं लेकिन उनमें जटिलताएं कम देखने को मिल रही हैं और ऐसे लोग स्वस्थ भी हो जा रहे हैं।  इसका आशय यह नहीं है कि टीका लगवाने के बाद लापरवाही बरती जा सकती है। ऐसा करने वाले अपने परिवार के साथ-साथ करीबियों के बीच कोविड का प्रसार कर सकते हैं। सावधानी न बरतने पर घर के बच्चे भी कोविड से प्रभावित हो सकते हैं, जिनके लिए फिलहाल अभी कोई टीका नहीं आया है।