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जयन्ती पर याद किये गये पं. दीन दयाल उपाध्याय, संगोष्ठी में विमर्श

राष्ट्र निर्माण के कुशल शिल्पी थे पं. दीन दयाल- पवन कसौधन

सदैव याद किये जायेंगे कुशल पत्रकार, विचारक पं. दीन दयाल उपाध्याय -आशीष श्रीवास्तव

कबीर बस्ती न्यूज,बस्ती।उ0प्र0।

 पं. दीन दयाल उपाध्याय की जयन्ती पर दीन दयाल सेवा प्रतिष्ठान जिलाध्यक्ष एवं भाजपा अर्थिक प्रकोष्ठ के जिला संयोजक आशीष श्रीवास्तव के संयोजन में शनिवार को तिलक बहादुर इण्टर कालेज शिवनगर गणेशपुर के सभागार में ‘एकात्म मानववाद और भारत सरकार के सात वर्ष’ विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
मुख्य अतिथि भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष पवन कसौधन ने कहा कि पण्डित दीनदयाल उपाध्यायजी राष्ट्रनिर्माण के कुशल शिल्पियों में से एक  हैं । व्यक्तिगत जीवन तथा राजनीति में भी सिद्धान्त और व्यवहार में समानता रखने वाले इस महान् भारतीय को काफी विरोधों का सामना करना पड़ा । किन्तु राष्ट्रभक्ति ही जिनका ध्येय हो, ऐसे महापुरुष को भला कौन उनके उद्देश्यों से विचलित कर सकता है। केन्द्र सरकार के सात वर्ष के उपलब्धियों की चर्चा करते हुये पवन कसौधन ने कहा कि पण्डित दीनदयाल ने एकात्म मानववाद और अन्त्योदय का जो सूत्र दिया भाजपा उसी मार्ग का अनुसरण कर दरिद्र नारायण के उत्थान में जुटी है। अन्तिम चेहरे पर मुस्कान हम सबका लक्ष्य है।
दीन दयाल सेवा प्रतिष्ठान जिलाध्यक्ष एवं कार्यक्रम संयोजक आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय भारतीय जनसंघ के नेता और भारतीय राजनीतिक एवं आर्थिक चिंतन को वैचारिक दिशा देने वाले   पुरोधा थे। यह अलग बात है कि उनके बताए सिद्धांतों और नीतियों की चर्चा साम्यवाद और समाजवाद की तुलना में बेहद कम हुई । वे उस परंपरा के वाहक थे जो नेहरु के भारत नवनिर्माण की बजाय भारत के पुनर्निर्माण की बात करती है। कहा कि दीनदयालजी एक राजनीतिक विचारक होने के साथ-साथ श्रेष्ठ साहित्यकार, अनुवादक व पत्रकार भी थे । उनकी लिखी पुस्तकों में सम्राट चन्द्रगुप्त, भारतीय अर्थनीति एक दिशा, जगदगुरू शंकराचार्य विशिष्ट हैं । उन्होंने ”पांचजन्य” तथा मासिक ”राष्ट्रधर्म”, ”दैनिक स्वदेश” आदि पत्रिकाओं का सम्पादन भी कुशलतापूर्वक किया । उनका योगदान सदैव याद किया जायेगा।
कार्यक्रम में विद्यालय प्रबंधक नवल किशोर लाल श्रीवास्तव , राम विलास शर्मा,  राजनाथ श्रीवास्तव ‘राजन’,  उमेश तिवारी, रियाजऊल हसन, कैलाश पूजन तिवारी, परशुराम यादव,  प्रेम यादव आदि शामिल रहे।