अपने जादुई डमरू की तान पर आला अधिकरियों को गुमराह कर रही है पैकोलिया की पुलिस
पीडित युवती का मेडिकल कराया नही और कर दी युवती के साथ कोई घटना न घटित होने की घोषणा
आला अधिकारियों के आंखों पर पट्टी बांधने के लिए पैकोलिया पुलिस ने जारी किया मनगढन्त प्रेसनोट, बना चर्चा का विषय
क्या अर्ध विक्षिप्त पीडित युवती को अफसरान दिला पायेंगे न्याय..?
कबीर बस्ती न्यूज,बस्ती।उ0प्र0।
जिले की पैकोलिया पुलिस को झूठ, मनगढन्त व भ्रामक कहानी गढने का महारत हासिल है। जिसके बल पर वह अपने आला अधिकारियों के आंखों मे धूल झोककर गुमराह करने से भी बाज नही आती है। पुलिस की इस कार्यशैली से न्याय का आये दिन कत्ल पर कत्ल हो रहा है। बात थोडा तीखी है पर सौ आने सच है। यही कारण है कि पुलिस आम जनता का विश्वास लाख चाहकर भी हासिल नही कर पाती है। प्रकरण को घुमाने व अपने आला अधिकारियों को धोखा देते हुए पैकोलिया पुलिस ने शनिवार को एक प्रेस रिलीज भी जारी किया है। जारी प्रेस रिलीज पर अगर ध्यान दिया जाये तो पैकोलिया पुलिस खुद ही कटघरे मे खडी नजर आ रही है। मामला जिले के पैकोलिया पुलिस से जुडा हुआ है। थाना क्षेत्र के बभनान के वार्ड नम्बर 6 मे स्थित एक विद्वालय के खण्डहर मे 4 अक्टूबर की रात करीब 11ः30 बजे चार दरिंदों ने कहीं से भटक कर बभनान रेलवे स्टेशन पहुंची एक अर्ध विक्षिप्त युवती को कथित रूप से नशे का इंजेक्शन देकर अपने हवस का शिकार बनाया। अब वर्तमान समय मे पीडित युवती कहां और किन परिस्थ्तिियों मे है वह जीवित है या फिर किसी हादसे की शिकार हुई ..? पुलिस को पता नही है।
अपनी दुकान बन्द कर घर जा रहे एक व्यापारी ने युवती की चीखपुकार सुनकर मुहल्लेवासियों को सूचित किया। सभासद सुनील कुमार गुप्ता के अनुसार जब सभी लोग खण्डहर मे पहुंचे तो देखा कि 4-5 लोग भीड देखकर अंधेरे का लाभ उठाते हुए भागने मे सफल हो गये। सुनील ने बताया कि युवती के कपडे बुरी तरह फटे हुए थे। बताया कि युवती को देखने से ऐसा लग रहा था कि उसके साथ दरिंदगी हुई है। श्री गुप्ता ने बताया कि उन्होने बताया कि समूचे घटना की सत्यता को दर्षाते हुए एक लिखित तहरीर प्रभारी निरीक्षक पैकोलिया को दिया था। लेकिन पुलिस ने उस तहरीर पर कोई कार्यवाही न कर उसे रद्दी टोकरी के हवाले कर दिया। पुलिस की इस संवेदनहीनता के कारण पीडिता को न्याय नही मिल पाया। आरोपी गंभीर अपराध कर चैन की बंषी बजा रहे हैं।
पैकोलिया पुलिस को दिए गये तहरीर मे सभासद सुनील कुमार ने क्या लिखा…..?
दिए गये तहरीर मे सभासद सुनील कुमार ने लिखा है कि सेवा मे , श्रीमान थानाध्यक्ष महोदय थाना पैकोलिया, जनपद बस्ती। महोदय, आपको सादर अवगत कराना है कि दिनांक 4/5 की रात मे करीब 11ः30 बजे बभनान के जूनियर मिडिल हाईस्कूल स्थान वार्ड नं0-6 लक्ष्मीबाईनगर के खण्डहर मे एक लडकी जिसकी उम्र करीब 24 वर्श की थी उसके चीखने चिल्लाने की आवाज आ रही थी उस समय अपना होठल बन्द कर घर जा रहे वार्ड नं0- 6 के निवासी बृजेश विश्वकर्मा ने आवाज सुनीं उन्होेने मुहल्ले के कई लोगों को बुलाया मै भी वहां गया वहां पर चार-पांच अज्ञात व्यक्ति को भागते हुए देखा गया मौके पर मुहल्ले के तमाम लोगों ने देखा वहां पर एक लडकी घायल अवस्था मे पडी है उसका कपडा फटा एवं अस्त व्यस्त था देखने से पता चल रहा था छेडखानी एवं उसके साथ रेप किया गया था लडकी को बेहोशी का इंजेक्शन दिया गया था मौके पर 4 से 5 सुई इंजेक्शन वहां पर पडा था। मैने रात मे करीब 12 बजे एसओ पैकोलिया को अवगत कराया एसओ ने मौके पर महिला पुलिस के साथ पुलिस की टीम भेजी और रात मे पुलिस करीब दो बजे पुलिस कर्मियों ने 108 नम्बर पर फोन कर एम्बुलेंस बुलाया और लडकी को अस्पताल भेजा। बभनान की जनता के बीच काफी रोष व्याप्त है।
अतः श्रीमान जी से निवेदन है कि मुकदमा दर्ज कर दोशियों को चिन्हित कर कारवाई करने की कृपा करें जिससे भविश्य मे कोई अप्रिय घटना बभनान मे न घटे। भवदीय सुनील कुमार दिनांक 7.10.21 ।
इस तहरीर को पैकोलिया पुलिस हजम कर गयी। शनिवार को पैकोलिया पुलिस द्वारा जारी प्रेसनोट मे सूचना देने वाले का नाम सुनील कुमार तथा प्रत्यक्षदर्षी बृजेश विश्वकर्मा के नामों का उल्लेख किया गया है। फिर दी गयी तहरीर को प्रेसनोट मे प्रकाश मे क्यों नही लाया गया..? यह अपने आप मे बडा सवाल है।
पैकोलिया पुलिस पर तो इस प्रकरण मे अनेकों गंभीर सवाल हैं जिसका जबाब किसी जिम्मेदार के पास नही है। पहला सवाल तो यह कि घटनास्थल से पाई बयी अर्ध विक्षिप्त युवती का नाम, व कहां की निवासी है कहां से भटककर कैसे बभनान पहुंची और किन परिस्थितियों मे घटना की शिकार हुई..?
पैकोलिया पुलिस ने घोषणा कर दिया कि युवती के साथ कोई दरिंदगी नही हुई यहां सवाल यह है कि पुलिस ने बिना मेडिकल कराये कैसे यह जान लिया कि युवती के साथ कोई दरिंदगी नही हुई..? यदि मेडिकल कराया गया होता तब यह स्पष्ट हो पाता कि युवती के साथ घटना हुई है या नही। पुलिस के प्रेसनोट के मुताबिक युवती अकेले खण्डहर मे बैठी बडबडा रही थी। यहां सवाल यह है कि जब युवती कहीं बाहर की थी और भटक कर बभनान स्टेशन पहुंची फिर वह अकेले अनजान खण्डहर मे बिना किसी उकसावे के कैसे पहुंच गयी.? पुलिस ने यदि अपने निश्पक्ष दायित्यों का निर्वहन किया होता तो पुलिस पहले युवती की मेडिकल कराती और उसे विधिक कार्यवाही करते हुए नारी निकेतन को सुपुर्द करती। फिर दोषी पाये जाने वाले के खिलाफ उचित कार्यवाही करती। लेकिन पुलिस ने न जाने क्यों अपने दायित्यों को एक अबला अपराध के प्रति धर्म नही निभाया। बल्कि अबग पैकोलिया पुलिस प्रकरण मे तहरीर देने वाले और प्रत्यक्षदर्षी मुहल्ले वालों को मुंह बन्द रखने की धमकी दिए जाने की बात प्रकाश मे आ रही है। अब देखना यह है कि अब बडे साहब प्रकरण मे क्या निर्णय लेते है यह तो भविष्य ही बताऐगा।