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सरकारी नमक मे मोरंग व बालू, योजना के नाम पर मौत बांट रही है सरकार

इंसानियत और मानवता को झकझोर देने वाला मामला

कबीर बस्ती न्यूज,बस्ती।उ0प्र0।

दुनियां मे अनेकोें प्रकार के भ्रष्टाचार देखने को मिला मगर एक अजीबो गरीब जानलेवा भ्रष्टाचार का मिशाल नमक मे मोरंग व बालू देखने को मिला। यह कोई आम बात नही है। यह भ्रष्टाचार इंसान का जान भी ले सकता है।

गरीबों को निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराने की सरकारी योजना के तहत आपूर्ति किये जा रहे नमक में बालू और मोरंग मिला है। इसका यूजर चंद दिनों में जानलेवा बीमार का शिकार होकर असमय मौत के मुंह में चला जायेगा। यह बात कहना और स्वीकार करना दोनो आसान नही है, चूंकि इमानदार सोच और दमदार काम को चुनौती देनी थी इसलिये कई जगहों पर एक सामान्य टेस्ट कराया गया। इसे हर कोई कर सकता है और इस चौंकाने वाली सच्चाई तक पहुंच सकता है। जनशिकायतों को गंभीरता से लेते हुये पत्रकारों की टीम पुरानी बस्ती क्षेत्र के नरहरिया मोहल्ले में पहुंची।
यहां तमाम परिवार निःशुल्क खाद्यान्न योजना का लाभ ले रहे हैं। ज्यादातर घरों में सरकारी नमक मौजूद था। कई लोगों की मौजूदगी में नमक का पूरा पैकेट फाड़कर इसे पानी में डाल दिया गया। चम्मच से पानी चलाया गया जिससे इसमे डाला गया नमक पूरी तरह घुल जाये। इसके बाद इसे बारीक छननी से छाना गया, जो कुछ निकलकर सामने आया उसे देखकर आसपास मौजूद लोगों की आखें खुली रह गयीं। यही प्रयोग चिकवा टोला में किया गया। यहां भी नमक गल जाने के बाद बालू और मोरंग के टुकड़े साफ दिखाई दिये। यह ऐसा सच है जिसे लोग आसानी से स्वीकार नही करेंगे।
सरकारी तंत्र और सत्ताभोगी तो बिलकुल नहीं। इस मामले में जिला पूर्ति अधिकारी से बात की गयी, उन्होने कहा नमक की आपूर्ति नेफेड भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ नाम की संस्था भारत सरकार को कर रही है। वही नमक गरीबों को निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराने की योजना के तहत बांटा जा रहा है। उन्होने कहा मामला गंभीर है, हम इसकी जांच करवाते हैं, आरोप सही साबित हुये तो आपूर्ति रोकवा दी जायेगी।
ये खबर आग की तरह फैल रही है, कड़ा विरोध हो सकता है। इसकी आपूर्ति तत्काल नही रोकी गयी तो महीना दो महीना बाद मरने वालों की संख्या कोविड से होने वाली मौतों से ज्यादा होगी अथवा इसके यूजर खतरनाक बीमारी की चपेट में आ जायेंगे। यूपी के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गरीबों को निःशुल्क खाद्यान्न बांटने की बजाय मौत बांट रहे हैं। हर पैकेट पर दोनो लोगों की फोटो छपी है, उनका प्रचार हो रहा है लेकिन लोगों को अपरोक्ष मौत मिल रही है। इस नमक की पैकिंग भगवती केमफूड प्राइवेट लिमिटेड नागौर, राजस्थान ने की है। खाद्य सुरक्षा गारण्टी की मुहर लगी है और केवल सरकारी आपूर्ति के लिये है।
इतने बड़े मामले में स्थानीय प्रशासन क्या कार्यवाही करता है यह जानने के लिये इंतजार करना होगा, फिलहाल एक काम आप तुरन्त कर सकते हैं जो आपके वश में है। अपने आसपास इस नमक का प्रयोग तत्काल रोकवा दीजिये और इस खबर को जितना वायरल कर सकते हैं करिये, लोगों को असमय मौत से बचाइये। आगे भी खबर अपडेट होती रहेगी। सामाजिक कार्यकर्ता सुनील कुमार भट्ट एवं व्यापारी नेता आनंद राजपाल ने कहा मामला बहुत गंभीर है, समाज के प्रबुद्ध लोग चुप नही बैठेंगे। स्थानीय प्रशासन से लेकर सरकार तक लोगों को जवाब देना पड़ेगा। जांच में आरोप सच पाये गये तो पैकिंग करने वाली और आपूर्ति करने वाली संस्थाओं के खिलाफ गंभीर धारों में मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही करनी होगी।
इस सम्बन्ध मे सीयूजी नम्बर पर पूछने पर जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल ने कहा कि ऐसी को जानकारी उनके पास नही है। लेकिन यह सूचना काफी गंभीर है इसकी गहनता से जांच करायी जायेगी। प्रकरध मे जो भी दोषी पाया जायेगा उसके विरूद्व कडी कार्रवाई की जायेगी। जबकि डीएसओ एसवी सिंह ने कहा कि प्रकरा संज्ञाान मे है। मामले की जांच फूड इंस्पेक्टर को दी गयी है रिर्पोट आने पर कार्यवाही की जायेगी।