Logo
ब्रेकिंग न्यूज़
भाजपा की सरकार में उपेक्षित हैं विश्वकर्मा समाज के लोग-राम आसरे विश्वकर्मा 700 से अधिक वादकारियों ने सीएम को भेजा पत्र, त्वरित न्याय प्रदान करने के लिए प्रभावी कार्रवाई कराने ... जयन्ती पर याद किये गये पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. चौधरी अजित सिंह कुपोषण और एनीमिया से बचाव के लिए कृमि मुक्ति की दवा का सेवन अनिवार्य-सीएमओ पूजन अर्चन के साथ भगवान श्रीराममय हुआ कैली का डायलसिस यूनिट योगी सरकार के जीरो टेलरेंस नीति पर खौलता पानी डाल रही है बस्ती पुलिस सम्पूर्ण समाधान दिवस में 98 मामलें में 06 का निस्तारण जेण्डर रेसियों बढाने के लिए घर-घर सर्वे करके भरवायें मतदाता फार्म: मण्डलायुक्त डीएम एसपी से मिले अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य, संचालित योजनाओं पर चर्चा भाजपा नेता बलराम ने किया पब्लिक डायग्नोसिस सेन्टर के जांच की मांग

दुर्गेश कुमार की स्मृति में सम्मानित हुईं विभूतियां, छात्रों को मिला पुरस्कार

ले संदेशा प्रणय का आया है मधुमास, प्यास बुझाने जा रही नदी सिंधु के पास

कबीर बस्ती न्यूजः

बस्ती । निराला जयन्ती और बसन्तोत्सव के उपलक्ष्य में दुर्गेश कुमार मिश्र सामाजिक एवं साहित्यिक संस्थान द्वारा कवि सम्मेलन और सारस्वत सम्मान समारोह का आयोजन प्रेस क्लब सभागार में वरिष्ठ कवि डा. ज्ञानेन्द्र द्विवेदी दीपक की अध्यक्षता और डा. रामकृष्ण लाल जगमग के संयोजन एवं संचालन में किया गया। इस अवसर पर संस्थाध्यक्ष डॉ. त्रिभुवन प्रसाद मिश्र द्वारा इंजीनियर दीपक कुमार मिश्र के सौजन्य से प्रसिद्ध कवयित्री डा. सत्यमवदा ‘सत्यम’ को अंगवस्त्र, स्मृति चिन्ह, सम्मान पत्र, श्रीफल एवं 11 हजार रूपये का नकद पुरस्कार तथा 6 चयनित मेधावी छात्र-छात्राओं को दुर्गेश कुमार मिश्र की स्मृति में दो-दो हजार रूपये का पुरस्कार और प्रमाण-पत्र, स्मृति चिन्ह देकर उत्साहवर्धन किया गया।
संस्थान के अध्यक्ष डा. त्रिभुवन प्रसाद मिश्र ने कहा कि समाज की संरचना में साहित्यकार मजबूत कड़ी है। उन्हें पर्याप्त मान सम्मान मिले और किसी छात्र के मार्ग में धन का संकट बाधा न बने इस उद्देश्य से दुर्गेश कुमार मिश्र की स्मृति में जो सम्मान का क्रम चल रहा है प्रयास होगा कि आने वाले वर्षो में उसे और विस्तार मिले।
मुख्य अतिथि डा. रामदल पाण्डेय ने कहा कि सच्चा कवि, साहित्यकार वहीं है जो जीवन के विषम मोड़ पर भी समाज को श्रेष्ठतम रचना दे जाय। सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला कृत सरोज स्मृति इसका श्रेष्ठतम उदाहरण है।
इस अवसर दुर्गेश कुमार मिश्र की स्मृति में डा. ज्ञानेन्द्र द्विवेदी ‘दीपक’ डा. रामकृष्ण लाल ‘जगमग’, विनोद उपाध्याय, सत्येन्द्रनाथ मतवाला, डा. अंजना कुमार, जगन्नाथ सिंह, श्रीमती नीलम सिंह, मेजर कृपाशंकर सिंह, रामदत्त जोशी, कुमार शैल ‘सत्यार्थी ’ आशुतोष मिश्र, सुरेन्द्र मोहन वर्मा, राजेश पाण्डेय, हरिराम वंसल को अंग वस्त्र, स्मृति चिन्ह, सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया। इसी कड़ी में निराला साहित्य एवं संस्थान द्वारा डा. त्रिभुवन प्रसाद मिश्र को उनके साहित्यिक योगदान के लिये ‘राष्ट्रीय सेवा पुरोधा’ सम्मान से सम्मानित किया गया।
कवियत्री डा. सत्यमवदा सत्यम द्वारा प्रस्तुत मां सरस्वती की वंदना से आरम्भ कवि सम्मेलन में अनेक कवियों ने काव्य पाठ किया। डा. ज्ञानेन्द्र द्विवेदी के शेर ‘ तेेरे अंगों को छू करके महक जाते हैं सब गहने, न तो चांदी महकती है न तो कंचन महकता है’ के द्वारा बसंत को अभिव्यक्ति दिया। विनोद उपाध्याय की रचना ‘ हमारी याद में आंसू बहा रहा है कोई, नजर से दूर है लेकिन बुला रहा है कोई’ को सराहना मिली।  प्रख्यात कवयित्री डा. सत्यमवदा ‘सत्यम’ की रचना ‘ बेटी समझकर कोख में मारा गया मुझे’ और ‘मैं भारत की लड़की हूं’ जिस सांचे में ढाला जाये, उस सांचे में ढलती हूं’ ने मंच को ऊंचाई दी। डॉ. राम कृष्ण लाल जगमग ने जहां हास्य व्यंग्य रचनाओं के माध्यम से लोगों को हंसाया वहीं गंभीर रचनाओं के माध्यम से श्रोताओं को सोचने पर बाध्य किया ‘ ले संदेशा प्रणय का आया है मधुमास, प्यास बुझाने जा रही नदी सिंधु के पास’ इसे काफी सराहना मिली। वी.के. वर्मा की रचना ‘ कोरोना का अंत आ गया, वर्मा आज बसन्त आ गया’  ने नवीन संदेश दिया। इसी कड़ी में कानपुर से आयी डा. अंजना कुमार, ताजीर वस्तवी,  पंकज कुमार सोनी, सुशील सिंह, सौरभ शुक्ल, हरिकेश प्रजापति, डा. अफजल हुसेन अफजल, नीरज कुमार वर्मा ‘नीर प्रिय’  रहमान अली रहमान,  जय प्रकाश गोस्वामी आदि ने वर्तमान संगति, विसंगतियों पर रचनायें प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से श्याम प्रकाश शर्मा, त्रिपुरारी मिश्र, पेशकार मिश्र, राम धीरज सिंह, अजय कुमार पाण्डेय, लवकुश,  सुमन गौड़, अजय कुमार श्रीवास्तव के साथ ही बड़ी संख्या में श्रोतागण उपस्थित रहे।