उत्तर प्रदेश में 65 घंटे से चल रही बिजली कर्मियों की हड़ताल खत्म
कर्मचारियों पर लगे एस्मा सहित सभी तरह के मुकदमे हटाने और निलंबन वापस लेने के निर्देश
बर्खास्त संविदाकर्मियों को भी काम पर लेने का निर्देश
कबीर बस्ती न्यूज।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 65 घंटे से चल रही बिजली कर्मियों की हड़ताल रविवार दोपहर करीब तीन बजे खत्म हो गई। सभी बिजली कर्मी काम पर लौट गए हैं। इससे लोगों ने राहत की सांस ली है। ऊर्जा मंत्री ने कर्मचारियों पर लगे एस्मा सहित सभी तरह के मुकदमे हटाने और निलंबन वापस लेने के निर्देश दिए हैं। बर्खास्त संविदाकर्मियों को भी काम पर लेने का निर्देश दिया है। उधर देर शाम कर्मचारी नेता एवं विभाग के अफसर हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखने के लिए रवाना हो गए हैं। इन्हें सोमवार को होईकोर्ट ने हाजिर होने का आदेश दिया है।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति तीन दिसंबर को हुए समझौते लागू करने करने की मांग को लेकर कार्य बहिष्कार किया। इसके बाद भी सुनवाई नहीं होने पर 16 मार्च की रात 10 बजे से 72 घंटे की हड़ताल शुरू कर दी। हड़ताल को लेकर कर्मचारियों में दो फाड़ हो गया। संघर्ष समिति से जुड़े संगठन हड़ताल में शामिल हो गए तो पॉवर आफिसर्स एसोसिशन के साथ करीब 10 संगठनों ने हड़ताल का विरोध करते हुए दो घंटे अतिरिक्त कार्य करने का एलान कर दिया। तमाम कवायद के बाद भी विभिन्न जिलों में काम प्रभावित होने लगा। कहीं शार्ट सर्किट की वजह से समस्या आई तो कई जगह कर्मचारी फीडर में ताला बंद कर गायब हो गए। ऐसे में ग्रामीण इलाके में विद्युत आपूर्ति बुरी तरह से प्रभावित रही। ऐसे में कॉरपोरेशन प्रबंधन ने 22 कर्मचारी नेता के खिलाफ एस्मा के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई। करीब तीन हजार से ज्यादा संविदाकर्मियों को बर्खास्त कर दिया।
शनिवार देर रात ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के साथ कर्मचारी नेताओं की बातचीत हुई, लेकिन अंतिम फैसला सुबह की वार्ता पर छोड़ दिया गया। रविवार सुबह करीब 11 बजे कॉरपोरेशन के अफसर जल निगम के फील्ड हॉस्टल पहुंचे। इस बीच कर्मचारी नेता विद्युत फील्ड हॉस्टल में रणनीति बनाने में जुटे रहे। दोपहर करीब ढाई बजे ऊर्जा मंत्री की मौजूदगी में जल निगम फील्ड हॉस्टल में वार्ता हुई। ऊर्जा मंत्री ने किसी शर्त को मानने से इनकार कर दिया। विभिन्न मांगों पर सकारात्मक विचार करने का आश्वासन दिया। यह भी कहा कि सभी मुकदमे वापस लिए जाएंगे। कर्मचारियों की बर्खास्तगी भी खत्म की जाएगी। सभी को काम पर रखा जाएगा। इस पर संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने हड़ताल वापस लेने का एलान किया। दोपहर बाद करीब तीन बजे सभी कर्मचारी काम पर लौट आए हैं। हालांकि विभिन्न इलाके में शाम चार बजे के बाद विद्युत व्यवस्था पूरी तरह से पटरी पर आ सकी है।
दमनात्मक कार्रवाई खत्म करने का आदेश
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा से सकारात्मक बातचीत हुई है। उन्होंने तीन दिसंबर को हुए समझौते के क्रियांवयन और अन्य मांगों के समाधान का आश्वासन दिया है। ऊर्जा मंत्री ने निगमों के अध्यक्ष एम देवराज को सभी निलंबन, निष्कासन, एफआईआर सहित सभी तरह की कार्रवाई वापस लेने का निर्देश दिया है। इस वजह से हड़ताल स्थगित कर दी गई है। कर्मचारियों के हक की लड़ाई लड़ी जाएगी। हम लोग हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखने के लिए रवाना हो गए हैं।- शैलेंद्र दुबे, संयोजक, विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति