कोरोनिल को लेकर आईएमए डा. हर्षवर्धन से खफा
नेशनल डेस्कः आईएमए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन से बेहद खफा है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने पतंजलि की कोरोनिल का समर्थन करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को आड़े हाथ लिया है। आईएमए ने सोमवार को कहा कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के नियमों के मुताबिक, कोई भी डॉक्टर किसी भी दवा का प्रमोशन नहीं कर सकता है।
हर्षवर्धन खुद डॉक्टर हैं, इसलिए उन्होंने नियमों के खिलाफ काम किया है। कोरोनिल दवा को लेकर पतंजलि के दावों को डब्लूएचओ भी खारिज कर चुका है। डब्लूएचओ ने 19 फरवरी की शाम को साफ कर दिया था कि उसने किसी भी ट्रेडिशनल मेडिसिन का ना तो कोई रिव्यू किया है और ना ही किसी को सर्टिफिकेट दिया है। डब्लूएचओ साउथ-ईस्ट एशिया ने सोशल मीडिया के जरिए इस बात की जानकारी दी थी। रामदेव ने 19 फरवरी को कोरोना की दवा लॉन्च की थी। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और नितिन गडकरी भी मौजूद रहे। इस दौरान कोरोना की फर्स्ट एविडेंस बेस्ड मेडिसिन पर साइंटिफिक रिसर्च पेपर पेश किया गया था। कार्यक्रम में आयुर्वेदिक फर्म के को-फाउंडर रामदेव ने दावा किया था कि आयुर्वेदिक दवा डब्लूएचओ सर्टिफाइड है।