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प्राकृतिक तरीको से घटाए यूरिक एसिड का लेवल- डा.वी.के.वर्मा

कबीर बस्ती न्यून,बस्ती।उ0प्र0।

खराब लाइफस्टाइल और खानपान की वजह से शरीर में यूरिक एसिड की समस्या उत्पन्न हो जाती है। यह आजकल लोगों में एक गंभीर समस्या बन गई है। कई रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ है कि शरीर में प्यूरिन के टूटने से यूरिक एसिड बनता है। प्यूरिन मुख्यतः स्वीट्स, डेरी प्रोडक्ट, ज्यादातर दूध वाले आईटम में पाया जाता हैं। इसके जोड़ों में दर्द और शरीर में जकड़न महसूस होता है। अगर इसका इलाज सही समय पर न किया जाये तो यह आगे चलकर गठिया, किडनी स्टोन, डायबिटीज और रक्त विकार जैसी कई परेशानिया बढ़ने लगती हैं। इसे कंट्रोल में रखना बहुत जरूरी है।

क्यों बढ़ता है शरीर में यूरिक एसिड

शरीर में प्‍यूरिन के टूटने से यूरिक एसिड बनने लगता है। प्‍यूरिन खाने की चीजों में पाया जाता है। खाने के जरिए यह शरीर में पहुंचता है और फिर खून के जरिए किडनी तक। आम तौर पर यह मूत्र के जरिए शरीर से बाहर निकल जाता है, लेकिन कई बार किडनी बेहतर तरीके से काम नही करती तो यह मूत्र के जरिये बाहर न निकलकर रक्त में मिल जाती है और यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने लगती है। यह आपको ताउम्र परेशान कर सकता है और गठिया जैसे रोग पैदा कर सकता है।

यूरिक एसिड बढ़ने के लक्षण

पैरों, जोड़ों, एड़ियों में दर्द महसूस होने के अलावा इसकी गांठों में सूजन भी हो सकती है. इसके अलावा ज्यादा देर तक बैठने या उठने पर एड़ियों में दर्द होता है। यह दर्द कई बार बहुत ज्यादा और असहनीय हो सकता है। यूरिक एसिड बढ़ने के लक्षणों में शुगर लेवल का बढ़ना भी एक जक्षण है।

नेचुरली कम करें यूरिक एसिड

अगर आप यूरिक एसिड से परेशान हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि आप दिन में भरपूर मात्रा में पानी पीएं। असल में पानी यूरिक एसिड को पतला करने में मदद करता है और किडनी को एक्टिव करता है। इस प्रक्रिया से यूरिक एसिड यूरिन से बाहर हो जाता है। 15 किगा. वजन पर एक लीटर पानी की मात्रा जरूरी होती है। अपने वजन के हिसाब से खुद तय करें कि आपको प्रतिदिन कितना पानी पीना चाहिये। यदि आपका वजन 60 किग्रा. है तो 4 ली. पानी पीना अनिवार्य है।

सेब या सेब का सिरका शरीर से यूरिक एसिड को कम करने में मददगार है. सेब के सिरके में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइंफ्लेमेंटरी गुण होते हैं। यह शरीर में यूरिक एसिड को नियंत्रित रखने का काम करते हैं। सेब का सिरका खून में पीएच स्तर को बढ़ा देता है, जो यूरिक एसिड को कम करने में मददगार है।

आहार में शामिल करें जैतून के तेल

जैतून यानी ऑलिव ऑयल बेहद काम की चीज है। अपने खाने में जैतून का तेल इस्तेमाल कर आप यूरिक एसिड को कंट्रोल कर सकते हैं। जैतूल के तेल में विटमिन ई काफी मात्रा में पाया जाता है, जो यूरिक एसिड के स्तर को कम करने में मददगार साबित होता है।

बेकिंग सोडा कम करेगा यूरिक एसिड

बेकिंग सोडा यूरिक एसिड के लेवल को कम करने में मदद कर सकता है। बेकिंग सोडा शरीर में प्राकृतिक अल्कलाइन स्तर को सामान्य रखने में मदद करता है। ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि सोडा यूरिक एसिड को और अधिक घुलनशील बना देता है। ऐसा होने पर यूरिक एसिड किडनी के जरिए बाहर आ जाता है। लेकिन ध्यान रखें इस नुस्खे को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। हाई ब्लड प्रशर से पीड़ित लोगों को इस नुस्खे का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

यह बताया जा चुका है कि विटामिन सी यूरिक एसिड कम करने में बेहद कारगर होता है। इसमें एक चम्मच अदरक का रस और एक चम्मच नीबू का मिला लेते हैं। सुबह खाली पेट 15 दिनों तक लेने से सामान्य रूप से बढ़ा हुआ यूरिक एसिड कण्ट्रोल हो जाता है। यूरिक एसिड ज्यादा बढ़ा है तो इसे एक महीने तक लिया जा सकता है।

ध्यान रहे विटामिन सी से भरपूर फलों का सेवन यूरिक एसिड कम करने में बेहद मददगार साबित होगा। हाई फाइबर फूड का सेवन भी बढ़े हुए यूरिक एसिड को कम करने में सहायक है। हरा धनिया एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है। यह एक तरह से डाइयूरेटिक की तरह काम करता है। इसका व इसके जूस का भरपूर सेवन करना गठिया और अन्य तकलीफों से निजात दिलाएगा। नुस्खों को अपनाने से पहले एक बार चिकित्सक की सलाह अवश्य लें।

क्या न खायें

फैटी चीजें और अधिक मीठा, दूध वाले आईटम. खान-पान एवं पेय पदार्थों का सेवन यूरिक एसिड के स्तर को कम करने में बाधा पैदा कर सकता है। मूंगफली, काजू, बादाम, ज्यादा नमक, मूंग, गोभी, मशरूम, पालक, मछली, चाय या कॉफी, वनस्पति घी से तैयार खाद्य पदार्थ (ट्रांस फैट), स्वीट ड्रिंक आपका यूरिक एसिड लेवल काफी बढ़ा देगा। यूरिक एसिड बढ़ने पर शराब और इन चीजों का सेवन न करें।

रात में दाल और चावल का प्रयोग कतई न करें। इससे आपके यूरिक एसिड का लेवल बढ़ जायेगा। सुबह दाल का प्रयोग कर सकते हैं लेकिन छिलके वाली दालों से बचना होगा।
यूरिक एसिड की परेशानी से निजात पाने के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ लोगों को फूलगोभी, पत्तागोभी, हरे मटर, बीन्स, भिंडी और मशरूम खाने से भी परहेज करने की सलाह देते हैं। इसमें प्यूरीन अत्यधिक मात्रा में मौजूद होता है, ये यूरिक ऐसिड का लेवल बढ़ा देते हैं। ऐसे में इनके सेवन से बचना चाहिए।

होम्योपैथी में है बेहतर उपचार

अर्टिका यूरेन्स, मदर टिंचर, ब्रायोनिया, लीडमपाल, मैगफास, बेलाडोना (दर्द के लिये), एपिसमेल, एकोनाइट, रसटाक्स, डल्कामारा लक्षणानुसार सक्षम चिकित्सक की देखरेख में लिया जा सकता है। होम्योपैथी सरल सुलभ व सस्ती चिकित्सा पद्धति है जो बगैर किसी दुष्प्रभाव के रोगों में बेहतर परिणाम देने में सक्षम है।