…….तो क्या… योगी राज मे गैंगरेप की शिकार अर्धविक्षिप्त युवती को मिल सकेगा न्याय ?
एसपी का सीयूजी नम्बर उठाते हैं उनके पीआरओ, डीएम का सीयूजी नम्बर चलाता है चौकीदार
पुलिस ने घटना से झाडा पल्ला, जिम्मेदार हुए खामोश, जिले की पुलिसिंग का बुरा हाल
कबीर बस्ती न्यूज,बस्ती।उ0प्र0।
योगी सयरकार मे अर्धविक्षिप्त महिलाओं की आबरू सुरक्षित नही है तो अन्य महिलाओं के अस्मत की सुरक्षा की गांरंटी कौन लेगा ? ऐसे मामलों मे तो जिला एवं पुलिस प्रशासन गूंगा और बहरा बन गया है। 4 अक्टूबर को पैकोलिया थाना क्षेत्र के बभनान वार्ड नं0- 06 लक्ष्मीबाईनगर मे स्थित एक स्कूल के खण्डहर मे एक अर्द्वविक्षिप्त युवती के साथ पांच दरिंदों ने गैंगरेप की घटना को अन्जाम देकर फरार होने मे सफल रहे। लेकिन कानून के रखवालों ने उस पीडित अर्द्वविक्षिप्त युवती की चीख सुनाई नही दी और वे कार्यवाही के बजाय पीडिता को लावारिश हालत मे जिला अस्पताल मे फेंक कर चले गये। यही है बस्ती पुलिस की इंसानियत और मानवता का वीभत्स चेहरा। आज भी उस युवती का इलाज जिला अस्पताल मे चल रहा है। जिसका कोई पुरसाहाल नही है।
घटना 4 अक्टूबर की हैे पैकोलिया थाना क्षेत्र के बभनान वार्ड नं0- 06 लक्ष्मीबाईनगर मे स्थित एक स्कूल के खण्डहर मे एक अर्द्वविक्षिप्त युवती के साथ पांच दरिंदों ने मिलकर गैंगरेप की घटना को अन्जाम दिया और फरार होने मे सफल रहे। वार्डवासियों की सूचना पर पहुंची पैकोलिया पुलिस ने पीडित अर्द्वविक्षिप्त युवती को सरकारी एम्बुलेंस से लाकर बसती जिला अस्पताल मे लावारिश अवस्था मे यह कहते हुए छोड दिया वे युवती पागल है। जबकि इस घटना मे लिखित प्रार्थना पत्र सभासद सुनील कुमार गुप्ता ने पैकोलिया पुलिस को दिया है। हैरानी की बात तो यह है कि इस वीभत्स घटना की जानकारी जिले के पुलिस कप्तान आशीष श्रीवास्तव को भी है लेकिन अर्धविक्षिप्त युवती के साथ गैंगरेप की घटना मे कार्यवाही के बजाय रहस्यमयी चुप्पी घटना को और भी गंभीर बना रहा है। इस घटना से पुलिस लगातार अपना पल्ला झाडती रही। अब सवाल यह है कि पीडित युवती को योगी सरकार मे न्याय मिल सकेगा ?
जिला अस्पताल के कर्मचारी बताते हैं कि जबसे उस युवती के साथ गैंगरेप की घटना बभनान मे हुई है तबसे उसकी मानसिक स्थिति और भी बिगड गयी है। बताते है कि अगर उसे काबू मे न रखा जाये तो वह आत्मधाती कदम भी उठा सकती है।
नही रिसीव होते है डीएम एसपी का फोन
अर्द्वविक्षिप्त युवती के साथ घटित गैंगरेप की घटना के सम्बन्ध मे एसपी के सीयूजी नम्बर पर फोन किया गया। लेकिन उनका फोन डायवर्ट मिला जिसे एसपी नही बल्कि उनके पीआरओ दुर्गश कुमार पाण्डेय फोन उठाते हैं। यही बुरा हाल डीएम के सीयूजी नम्बर का है। डीएम का सीयूजी नम्बर चौकीदार रिसीव करता है। यह अफसरान योगी जी के मंशा पर कितना खरा उतर रहे हैं। कुछ बताने की जरूरत नही है।
इस घटना के सम्बन्ध मे अब तक की कार्यवाही के बारे मे सीओ हरैया से बात किया गया तो उन्होेने घटना मे कार्यवाही से पल्ला झाडते हुए कार्यवाही करने का ठीकरा सीओ सिटी पर फोड दिया।