आचार संहिता लगते ही दल बदलू नेताओं का असली चरित्र जनता के सामने होने लगा उजागर
उत्तर प्रदेश विधान सभा 2022 के चुनाव:
सीएम योगी गोरखपुर सिटी क्षेत्र से लडेंगे चुनाव,उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को कौशाम्बी की सिराधू सीट से प्रत्याशी घोषित
कबीर बस्ती न्यूज डेस्क:
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधान सभा 2022 के चुनाव की आचार संहिता लगते ही दल बदलू नेताओं का असली चरित्र जनता के सामने आ गया है। बहुजन समाज पार्टी को छोडकर भारतीय जनता पार्टी का दामन थामने वाले दल बदलुओं के अगुवा स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंत्री पद एवं भाजपा से त्याग-पत्र देकर भले ही समाजवादी पार्टी से गलबहिंया कर ली हो और विधान सभा चुनाव मे 85 बनाम 20 प्रतिशत की लडाई का दम्भ भरकर सपा की सरकार बनाने का दावा कर रहे हों। लेकिन भाजपा मे रहकर बसपा और सपा का मुखर विरोध करने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान उनकी ही कलई खोल रहे हैं और ओबीसी एवं दलित बिरादरी के लोग उनके बयानों को राजनीति मे व्यापार का मुख्य कारण मान रहे हैं। जनता के कथित सेवकों का यह असली चरित्र सिर्फ अपने घर-परिवार को मजबूत कर अकूत सम्पत्ति अर्जित करने का साधन मात्र मान रहे हैं।
यही हाल सपा के पूर्व मंत्री रहे ओपी राजभर व दारा सिंह चौहान का है। इनके साथ ही भाजपा मे शामिल होंने वाले विधायकों के पिछले रिकार्ड भी दल बदलू का ही रहा है। भाजपा अभी पार्टी से सपा मे जाने वाले नेताओं के बारे मे तल्ख टिप्पण्ी करने से परहेज कर रही है और भाजपा भी बसपा, कांग्रेस एवं सपा के कई कद्दावर नेताओं को अपने कुनबे मे शामिल कराकर सपा की व्यूह रचना को कमजोर करने मे जुटी है।
पश्चिम उत्तर प्रदेश के कद्दावर ब्राहमण नेता रामबीर उपाध्याय सहित बाबू सिंह कुशवाहा को भाजपा गठबन्धन मे शामिल कराकर मजबूत राजनैतिक सबेरा आमजनों मे देने का प्रयास कर रही है।
उधर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भाजपा ने गोरखपुर व उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को कौशाम्बी की सिराधू सीट से प्रत्याशी घोषित कर उनके चुनाव को आसान कर दिया है। किसी नई जगह से इन दोनों नेताओं को मौका न देकर अपने ही घर से प्रत्याशिता देकर चुनावी दौरे के लिए पूरे प्रदेश मे काम करने की रणनीति को आसान बना दिया है। योगी सरकार के दूसरे उप मुख्यमंत्री डॉ0 दिनेश शर्मा फिलहाल अभी वेटिंग मे हैं। माना जा रहा है कि तीसरे चरण की लिस्ट मे डॉ0 शर्मा का भी नाम प्रत्याशियों की सूची मे शामिल होगा और वह लखनऊ से ही चुनाव लडेगे।
बहरहाल उ0प्र0 के हाल के राजनैतिक घटनाक्रमों ने यह साफ कर दिया है कि समाजवादी पार्टी दल बदलुओं के बदौलत सत्ता मे काबिज होने की जुगत मे है, तो भारतीय जनता पार्टी सबका साथ सबका विकास के साथ साथ अपराध मुक्त उ0प्र0 के एजेण्डे पर काम कर रही है। भाजपा को विश्वास है कि उसके काम ही चुनाव का मुख्य आधार होंगे। अपराधियों एवं माफियाओं के खिलाफ चले अभियान से आमजन खुश है और 2022 के विधान सभा चुनाव मे भाजपा दोबारा सरकार बनाने के उम्मीद मे जुटी है।