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मिशन इंद्रधनुष 4.0 का तीसरा चरण शुरू

• टीकाकरण से बुखार आना सामान्य लक्षण, बिना घबराए कराएं नियमित टीकाकरण
• सोमवार को शुरू हुआ सघन मिशन इंद्रधनुष 4.0 का यह चरण 12 मई तक चलेगा

कबीर बस्ती न्यूज:

गोरखपुर: बच्चों को नियमित टीका लगने के बाद कई बार बुखार आता है । कभी-कभी शरीर पर टीकाकरण के स्थान पर सूजन या लालिमा की भी दिक्कत होती है, लेकिन इन लक्षणों से घबराने की आवश्यकता नहीं है। यह सब टीकाकरण के सामान्य लक्षण हैं । सरकारी अस्पताल का नियमित टीका सुरक्षित और असरदार है, इसलिए बिना घबराए नियमित टीकाकरण कराएं । उक्त बातें मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने बसंतपुर शहरी स्वास्थ्य केंद्र से सघन मिशन इंद्रधनुष 4.0 अभियान के तीसरे चरण का शुभारंभ करते हुए सोमवार को कहीं । यह अभियान 12 मई तक चलेगा जिसमें नियमित टीकाकरण से छूटे बच्चों और गर्भवती का टीकाकरण किया जाएगा ।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि सरकारी अस्पताल में नियमित टीकों का कोल्ड चेन मैनेजमेंट बेहतरीन तरीके से किया जाता है और मानकों के अनुसार ही टीकों का इस्तेमाल होता है । बहुत से अभिभावक पहला टीका लगने के बाद होने वाले बुखार से घबरा कर बच्चों को टीका नहीं लगवाते हैं । अगर टीका लगने के बाद बुखार या अन्य कोई समस्या होती है तो वह दो से तीन दिन में स्वत: ठीक हो जाती है। पैरासिटामोल नि:शुल्क उपलब्ध कराया जाता है जो बुखार की स्थिति में चिकित्सक के परामर्श के अनुसार देना होता है। बुखार ठीक न होने होने पर स्वास्थ्यकर्मी या संबंधित सरकारी अस्पताल के चिकित्सक को बता कर दवा लेनी चाहिए न कि नियमित टीकाकरण से दूरी बनाई जानी चाहिए। नियमित टीकाकरण 12 प्रकार की बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करता है। टीबी, पोलियो, हेपेटाइटिस बी, डिप्थीरिया, टीटनेस, मिजिल्स, परट्यूटिस (काली खांसी), रूबेला, जेई (दिमागी बुखार), निमोनिया, वायरल डायरिया और  हीमोफिलस इंफ्लूएंजा से बचाने में टीकों की भूमिका अहम है। जहां निजी अस्पतालों में इन बीमारियों से बचाव के लिए महंगे दामों पर टीके लगवाने पड़ते हैं वहीं सरकारी अस्पतालों में यह टीके पूरी तरह से निःशुल्क हैं । पांच साल में सात बार के टीकाकरण के मंत्र को सभी को याद रखना होगा ।

डॉ दूबे ने बताया कि अभियान के तहत 4221 सत्र आयोजित किये जाएंगे जिनमें 24131 बच्चों  को टीका लगेगा । इसी प्रकार 7327 गर्भवती का टीकाकरण भी किया जाएगा । जिले के प्रत्येक सरकारी अस्पताल से इस अभियान का शुभारंभ किया गया है । इस अभियान का पहला चरण पिछले माह सात मार्च से पंद्रह मार्च तक चला था । इसमें दो वर्ष से कम उम्र के 20047 बच्चों और 5308 गर्भवती का टीकाकरण किया गया था । दूसरा चरण चार अप्रैल से 13 अप्रैल तक चला जिसमें 24154 बच्चों और 7392 गर्भवती का टीकाकरण किया गया ।

टीकाकरण करवाने अपने तीन महीने के पोते के साथ पहुंचीं सरस्वती ने बताया कि उनके पोते का प्रसव जिला महिला अस्पताल में हुआ है और तीन बार नि:शुल्क टीकाकरण की सुविधा मिली। दूसरी बार टीका लगा तो बुखार आया था लेकिन आशा कुसुमलता की मदद से सही सलाह मिली। उन्होंने दवा दिलवाया जिसके सेवन से बच्चा ठीक हो गया। टीके का कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं होता है। सभी अभिभावकों को अपने बच्चों को टीका लगवाना चाहिए ।

बसंतपुर की प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ पल्लवी श्रीवास्तव ने बताया कि टीकाकरण कार्यक्रम में यूपीएचसी के स्टाफ ओंकार नाथ मौर्य, अजय कुमार, सविता दूबे, सुमित्रा, किरन, आशीष, चंद्रशेखर, कुमार सानू और नजमा ने सहयोग किया । इस अवसर पर एसीएमओ आरसीएच डॉक्टर नंद कुमार, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ एएन प्रसाद, शहरी स्वास्थ्य मिशन समन्वय सुरेश सिंह चौहान, डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ संदीप पाटिल, यूनिसेफ के रिजनल कोआर्डिनेटर संदीप श्रीवास्तव, डीएमसी नीलम यादव और डॉक्टर हसन फहीम प्रमुख तौर पर मौजूद रहे ।

अन्नप्राशन व गोदभराई भी हुई

बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की मुख्य सेविका मोहित सक्सेना की देखरेख में पोषण संबंधित स्टाल भी लगाया गया। रुखसाना खातून की गोदभराई, इक्सा (6) का अन्नप्राशन और कुपोषण से मुक्त हुई बच्ची सृष्टि का फालो अप भी किया गया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गुंजन, बिंदु, निशांत परवीन, सावित्री, आशा देवी, नीलम और लाजवन्ती सिंह के सहयोग से पोषाहार से बने व्यंजनों की प्रदर्शनी भी लगायी गयी।