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अलर्ट: प्रदेश में कोरोना संक्रमण के 682 नए मामले

सीएमओ सहित 191 संक्रमित मिले, पांच माह बाद सबसे ज्यादा 

कबीर बस्ती न्यूज:

लखनऊ: प्रदेश में कोरोना संक्रमण के 682 नए मामले सामने आए हैं। अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में मंगलवार को एक दिन में कुल 91,916 सैंपल लेकर जांच की गई थी। इनमें 682 नए मामले आए। प्रदेश में अब तक कुल 11,64,53,352 सैंपल की जांच की गई हैं। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि पिछले 24 घंटों में 352 लोग तथा अब तक कुल 20,59,342 लोग कोविड  से ठीक हुए हैं। इस समय प्रदेश में कोरोना के कुल 3,257 एक्टिव मामले हैं। अपर मुख्य सचिव के मुताबिक कोविड वैक्सीनेशन का कार्य निरंतर किया जा रहा है। प्रदेश में 21 जून 2022 को एक दिन में 4,55,248 वैक्सीन की डोज दी गई हैं।

10 जून को 1.04 फीसदी रही दर बुधवार को 3.82 प्रतिशत तक पहुंची
लखनऊ में कोरोना फिर तेजी से बढ़ रहा है। 10 दिन पहले एक फीसदी के करीब रहने वाली संक्रमण दर अब चार प्रतिशत तक पहुंचने लगी है। इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को सतर्क रहने और टीकाकरण कराने की सलाह दी है। विभाग के अनुसार इस वक्त रोजाना साढ़े चार हजार से पांच हजार जांच हो रही है। जरूरत पड़ने पर इसे बढ़ाया जा सकता है।

जून की शुरुआत में लखनऊ में संक्रमण दर एक फीसदी से भी कम थी। 10 जून को पांच महीने बाद यह एक बार फिर एक प्रतिशत के पार पहुंची। 19 जून तक संक्रमण दर में उतार-चढ़ाव जारी रहा, लेकिन 20 जून को यह दो फीसदी के पार पहुंच गई। अगले दिन संक्रमण दर दो प्रतिशत के करीब रही, लेकिन बुधवार को दर 3.82 फीसदी तक पहुंच गई।

पांच महीने बाद बुधवार को लखनऊ में कोरोना के एक दिन में सबसे ज्यादा 191 मरीज मिले। इनमें सीएमओ मनोज अग्रवाल भी शामिल हैं। इससे पहले 13 फरवरी को 204 केस सामने आए थे। वहीं, 65 संक्रमितों ने बुधवार को वायरस को मात दी। इसके साथ लखनऊ में कोरोना के 744 सक्रिय केस हो गए हैं। सबसे ज्यादा 29 मरीज आलमबाग में मिले। सरोजनीनगर में 22, इंदिरानगर में 19, सिल्वर जुबली इलाके में 15, चिनहट में 14, कैसरबाग में 13 मरीज मिले हैं। सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया कि इस वक्त कुल 18 मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं। बाकी होम आइसोलेशन में हैं। संक्रमितों में ज्यादातर बिना लक्षण वाले हैं।

राहत : ज्यादातर संक्रमित होम आइसोलेशन में
जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. मिलिंद वर्धन के अनुसार राहत की बात यह है कि अभी भी ज्यादातर मरीज होम आइसोलेशन में हैं। इक्का-दुक्का केस छोड़ दें तो वही मरीज अस्पताल में हैं, जिन्हें किसी अन्य इलाज या सर्जरी के लिए भर्ती किया गया है।

चौथी लहर की आशंका से इनकार नहीं
केजीएमयू के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. डी हिमांशु के अनुसार कोरोना के बढ़ते मामलों को हल्के में नहीं लेना चाहिए। पिछली लहर को बीते करीब छह महीने हो चुके हैं। महामारी की दो लहर के बीच का अंतर करीब छह महीने का रहता है। ऐसे में इसकी आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है कि बढ़ते मामले कोविड की चौथी लहर की वजह से हों। उनके अनुसार वायरस के स्वरूप में छह महीने के अंतराल में बदलाव भी देखा गया है। वहीं, छह माह बाद टीकाकरण तथा हर्ड इम्यूनिटी से बनी एंटीबॉडी भी कम होने लगती है। कोरोना के नए केस बढ़ने की यह वजह भी हो सकती है।

बेहद धीमी है बूस्टर डोज की गति
लखनऊ में एहतियाती डोज लेने के लिए लोग आगे नहीं आ रहे हैं। 45 से 59 वर्ष के आयुवर्ग में करीब दो फीसदी, 60 वर्ष से ऊपर के आयुवर्ग में 20 प्रतिशत तथा 18 से 44 वर्ष के आयुवर्ग में एक फीसदी के करीब ही बूस्टर डोज लगाई गई है। सरकारी केंद्रों पर सिर्फ हेल्थकेयर वर्कर और फ्रंटलाइन वर्कर तथा बुजुर्गों को ही बूस्टर डोज निशुल्क में लगाने की व्यवस्था की है। बाकी को यह डोज निजी सेंटर पर निर्धारित शुल्क देने पर लगाई जानी है। डोज की गति कम होने की यह भी एक बड़ी वजह है।