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महिला अपराध से सम्बन्धित आरोपियों को साहब का खुला संरक्षण

योगी सरकार के जीरो टेलरेंश नीति पर साहब डाल रही हैं तेजाब

कक्षा पांच पढी पीडिता से पूछा कि तहरीर मे कौन सी बनेगी धारा

अब अनपढ बतायेंगे पुलिस को भादवि की धारा, फिर होगा क्राइम कन्टरोल

कबीर बस्ती न्यूज।

बस्ती। जहां एक तरफ महिला अपराधों को लेकर योगी सरकार अत्यन्त सख्त है वहीं जिले के मनबढ पुलिस अधिकारी पीडित महिलाओं को ही धमकाने और आरोपियों को बचाने का बीडा उठा लिया है। योगी सरकार की जीरो टेलरेंस की नीति पर ऐसे पुलिस अधिकारी खौलता हुआ पानी नही बल्कि तेजाब डालने मे लगे हुए है। इन अधिकारियों के करतूतों का खामियाजा सरकार के छबि को दागदार बनाने मे लगे हुए हैं। इसका जीता जागता उदाहरण सीओ सर्किल रूधौली कार्यालय मे देखने को मिला। जहां दबंगों द्वारा मारपीट छेडखानी की घटना को दबाने और छिपाने का मामला प्रकाश मे आया। सीओ रूधौली प्रीती खरवार ने मामले मे मारपीट विवाद की घटना तो अपने जांच मे स्वीकार किया फिर भी आरोपी पक्ष से प्रभावित होकर पीडिता के आवाज को ही कुचल दिया। न्याय न मिलता देख पीडित ने सीओ रूधौली की करतूत तथा दबंगो द्वारा कारित किये गये घटना को आईजी रेन्ज से बताते हुए न्याय दिलाने की गुहार लगाई है।

घटना मुण्डेरवा थाने के रानीपुर गांव का है। यहां की रहने वाली गुडिया पत्नी हरीश कन्नौजिया द्वारा आईजी रेन्ज दिये प्रार्थना पत्र के अनुसार दिनांक 22 मार्च को शांय गुडिया अपने ससुर का दवा लेने कुस्महा चौराहे पर गयी थी। उसके घर पर उसकी दो बेटियां ही मौजूद थी। पीडिता गुडिया ने बताया कि गांव के ही वेद प्रकाश व सुन्दरम पुत्रगण चन्दन, व राकेश पु. छोटेलाल, सुनरा पत्नी चन्दन तथा अंशिका पुत्री चन्दन पालतू कुत्ते को अनायास मार रहे थे मेरे दोनों बेटियों मुस्कान व पूजा के मना करने पर वे लोग एक राय होकर घर मे घुस कर मारने पीटने लगे आरोपी वेद प्रकाश ने नाबालिग बेटी मुस्कान का कपडा फाड कर अर्,नग्न कर दिया। और अन्य आरोपियों के सहयोग से बेटियों का बाल पकडकर घसीटते हुए बाहर ले आये। गुडिया ने बताया कि घटना की लिखित सूचना मुण्डेरवा थाने पर दिया था जहां पुलिस ने एक सप्ताह तक दौडाया लेकिन आरोपियों के विरूद्व कोई कार्यवाही नही हुई। पुनः एसपी बस्ती से मिलकर घटना से अवगत कराते हुए न्याय की गुहार लगई। इस मामले के जांच सीओ रूधौली प्रीती खरवार मिली। प्रकरण की जांच मे संवेदनहीनता का प्रदर्शन करते हुए वास्तविक घटना को दफन कर दिया और दोषियों से प्रभावित होकर उन्हें क्लीनचिट दे दी। जबकि जांच मे सीओं रूधौली ने मारपीट की घटना व विवाद का होना स्वीकार किया है। सीओ रूधौली प्रीती खरवार का कहना है कि छेडखानी की घटना का कोई सबूत नही है। यह पीउिता ही बताये उसके तहरीर पर कौन-कौन सी धारा लगाई जाय। कक्षा पांच तक पढी पीडिता अब आइपीसी की धारा कहां से और कैसे बताये। सीओ साहब के सोच और विद्वता मे कोई कमी नही है आगे भगवान मालिक है। अब देखना यह है कि पीडित गुडिया को बस्ती पुलिस न्याय दिला पाती है कि नही।

इस सम्बन्ध मे आइजी के पीआरओ ने बताया कि प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए एसपी बस्ती को निष्पक्ष जांच एवं कार्यवाही का निर्देश दिया गया है। पीडिता को हर हाल मे न्याय मिलेगा।