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वेबिनॉर के तहत स्वास्थ्य विभाग ने आयोजित की प्रदेश स्तरीय कार्यशाला

   टीबी उन्मूलन के लिए जनांदोलन की है आवश्यकता

– कार्यशाला में टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के अधिकारी व मीडिया कर्मी हुए शामिल

कबीर बस्ती न्यूज,बस्ती। उ0प्र0।

टीबी उन्मूलन के लिए प्रदेश में मिशन मोड में काम चल रहा है। इसके लिए जरूरी है कि कार्यक्रम एक जनांदोलन की तरह चलाया जाए। सरकार की टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की प्रतिबद्धता के फलस्वरूप सभी टीबी मरीजों को बेहतर और नियमित उपचार प्रदान किया जा रहा है। यह बातें प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने गुरुवार को आयोजित वेबिनॉर कार्यशाला में कही। कार्यशाला में जिला क्षय रोग विभाग बस्ती के अधिकारी, कर्मचारी व मीडिया कर्मी भी शामिल हुए।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, उत्तर प्रदेश और ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजीज संस्था के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में टीबी उन्मूलन कार्यक्रम से जुड़े हुए मुद्दों, प्रदेश में टीबी उन्मूलन कार्यक्रम से सम्बंधित प्रयासों, टीबी मरीजों को प्राथमिकता से दी जा रही सेवाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।

श्री सिंह ने कहा कि दस्तक अभियान के दौरान आशाओं द्वारा घर-घर जाकर टीबी मरीजों को भी चिन्हित किया गया। एक्टिव केस फाइंडिंग के अंतर्गत अतिरिक्त अभियान, जनवरी, मार्च और जुलाई 2021 के माध्यम से  19664 नए टीबी मरीज चिन्हित किए गए, जिन्हें समुचित एवं निरूशुल्क उपचार प्रदान किया जा रहा है। पहली अप्रैल 2018 से लागू की गई निरू क्षय पोषण योजना के अंतर्गत प्रदेश में अब तक लाभार्थियों को कुल 228 करोड़ रुपए की धनराशि हस्तांतरित की जा चुकी है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा निदेशालय, उत्तर प्रदेश के अधिकारियों के अलावा विश्व स्वास्थ्य संगठन, पाथ, ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजीज एवं सीफार संस्था के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

2025 तक टीबी के खात्मे का है लक्ष्य

निदेशक राष्ट्रीय कार्यक्रम, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा निदेशालय , उत्तर प्रदेश डॉ. ज्योति सक्सेना ने कहा द्य हमें आशा ही नहीं पूरा विश्वास है कि वर्ष 2025 तक प्रदेश से टीबी का समूल उन्मूलन होगा। प्रदेश सरकार द्वरा टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की प्रतिबद्धता के फलस्वरूप, टीबी उन्मूलन कार्यक्रम को भी दस्तक अभियान (संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम) में जोड़ा गया, जिसके कारण एक जुलाई से 25 जुलाई तक प्रदेश के 75 जनपदों में चलाऐ गए दस्तक अभियान में आशाओं एवं आंगनवाड़ी द्वारा घर-घर जाकर टीबी मरीजों को भी चिन्हित किया गया।

राज्य क्षय नियंत्रण अधिकारी, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, उत्तर प्रदेश, डॉ. संतोष गुप्ता ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग टीबी मरीजों हेतु निरूशुल्क सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। प्रदेश के 22 जनपदों में निजी सेवा प्रदाताओं के माध्यम से टीबी उन्मूलन कार्यक्रमों से सम्बंधित गतिविधियाँ संचालित की जाएंगी। निश्चित ही टीबी का प्रदेश से शीघ्र उन्मूलन होगा। सभी पंजीकृत मरीजों को प्रत्येक माह पोषण प्रोत्साहन राशि के रूप में 500 रुपए उनके खाते में सीधे भेजे जा रहे हैंे। शीघ्र ही प्रदेश में, टीबी प्रिवेंटिव थेरेपी की शुरुआत की जाएगी।